बस्तर पंडुम में राज्यपाल रमेन डेका हुए शामिल, जनजातीय परिधान को देख हुए दंग
- दंतेवाड़ा: नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में बस्तर पंडुम का भव्य आयोजन हो रहा है. इस समारोह में राजनेता और गणमान्य लोग शामिल हो रहे हैं. शुक्रवार को बस्तर पंडुम में राज्यपाल रमेन डेका शामिल हुए. संभाग स्तरीय कार्यक्रम में राज्यपाल डेका का पारंपरिक धुरवा तुआल एवं कलगी से स्वागत किया गया. उन्होंने इस आयोजन में जनजातीय वर्ग की तरफ से लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया.
- जनजातीय वर्ग की संस्कृति से हुए वाकिफ: राज्यपाल रमेन डेका ने जनजातीय वर्ग की संस्कृति से जुड़े परिधानों और आभूषणों को देखा. बस्तर पंडुम में बस्तर के सभी सातों जिले के जनजातीय समुदाय ने अपना स्टॉल लगाया है. इस दौरान उन्होंने स्थानीय जनजातीय परिधान, वस्त्र, आभूषण सहित साज-श्रृंगार के सभी सामानों को देखा. यह देखकर राज्यपाल अभिभूत हो गए. उन्होंने वहां मौजूद लोगों से जनजातीय वर्ग के वस्त्रों और आभूषणों की जानकारी ली.
- बस्तर पंडुम केवल एक महोत्सव नहीं है, बल्कि यह जनजातीय जीवन का पूरा स्केच है. यह आयोजन हमें बताता है कि, किस प्रकार हमारी संस्कृति, नृत्य, संगीत, वेशभूषा, खानपान, आभूषण इत्यादि सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत बनाए रखते हैं. बस्तर के परंपरागत नृत्य जैसे गौर-माड़िया नृत्य आदि यहां की सांस्कृतिक विविधता को दिखाते हैं.- रमेन डेका, राज्यपाल, छत्तीसगढ़
- “बस्तर पंडुम बड़ा मंच”: राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि बस्तर पंडुम एक बड़ा मंच है. इसके माध्यम से ट्राइबल कल्चर को समझने का मौका अन्य लोगों को मिलेगा. बस्तर पंडुम के जरिए अगली पीढ़ी तक आदिवासी संस्कृति के महत्व को पहुंचाया जा रहा है. सरकार और समाज के सहयोग से बस्तर के सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया जा रहा है.