* RKभारत न्यूूूूज़.. राजमन नाग परसगांव
सफलता की कहानी*
*विष्णु के संघर्षशील जीवन को मिली पक्के मकान की आरामदायक छाया*
*कोण्डागांव, 08 जनवरी 2024/* जनपद पंचायत माकड़ी अंतर्गत् ग्राम पंचायत माकड़ी के निवासी विष्णु नाग का जीवन बचपन से ही संघर्षपूर्ण रहा। वे जीवन यापन के लिए छोटी उम्र से ही दूसरों के घरों में मजदूरी का कार्य किया करते थे। वे हमेशा अपने पक्के मकान का सपना संजोते सोचा करते की उनके खुद के घर का सपना क्या कभी पूरा हो सकेगा। ऐसे में गांव के सरपंच एवं सचिव द्वारा उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के संबंध में जानकारी दी गयी। आवेदन के पश्चात जब वर्ष 2019-20 में उन्हें प्रधानमंत्री आवास निर्माण हेतु स्वीकृत मिली तो उनकी खुशी का ठीकाना न था।
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- इस संबंध में विष्णु नाग ने बताया कि मेरी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ न होने कारण मेरे लिए खुद के पक्के घर का सपना लगभग असंभव सा था। रोजी मजदूरी कर दो वक्त रोटी जोड़ने के साथ जो थोड़ी बचत होती वह कभी पक्के घर हेतु काफी न थी। कच्चे मकान में बरसात के दौरान रहना मुश्किल हो जाता था। कभी पानी टपकता तो कभी कीड़े मकौड़ों का डर बना रहता। ऐसे में जब आवास स्वीकृत हुआ तो परिवार में खुशी की लहर छा गयी थी। बड़ी लगन एवं निष्ठा से हमने घर का निर्माण चालू करवाया परंतु कोरोना काल में घर का काम रूक गया था। फिर पुनः किश्तों में आवास हेतु राशि प्राप्त होने से घर का निर्माण तेज हुआ समय पर किश्त आने से कभी निर्माण सामाग्री के लिए किसी दूसरे की ओर देखना भी नहीं पड़ा और देखते ही देखते घर बनकर खड़ा हो गया।
अब विष्णु एवं उनका परिवार खुशी खुशी अपने खुद के पक्के मकान में अपना जीवन व्यतित कर रहे है। विष्णु ने अपने सपने को पूरा करने के लिए शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना हमारे जीवन में खुशियों का नया अध्याय लेकर आयी है। जिससे हम सब अब खुश है।
- इस संबंध में विष्णु नाग ने बताया कि मेरी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ न होने कारण मेरे लिए खुद के पक्के घर का सपना लगभग असंभव सा था। रोजी मजदूरी कर दो वक्त रोटी जोड़ने के साथ जो थोड़ी बचत होती वह कभी पक्के घर हेतु काफी न थी। कच्चे मकान में बरसात के दौरान रहना मुश्किल हो जाता था। कभी पानी टपकता तो कभी कीड़े मकौड़ों का डर बना रहता। ऐसे में जब आवास स्वीकृत हुआ तो परिवार में खुशी की लहर छा गयी थी। बड़ी लगन एवं निष्ठा से हमने घर का निर्माण चालू करवाया परंतु कोरोना काल में घर का काम रूक गया था। फिर पुनः किश्तों में आवास हेतु राशि प्राप्त होने से घर का निर्माण तेज हुआ समय पर किश्त आने से कभी निर्माण सामाग्री के लिए किसी दूसरे की ओर देखना भी नहीं पड़ा और देखते ही देखते घर बनकर खड़ा हो गया।