धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बंद स्कूलों को पुनः संचालित कर शिक्षा का उजियारा फैला रहे हैं, शिक्षा विभाग,,,,, भोपाल पटनम से मुर्गेश शेट्टी की रिपोर्ट,,,,,,,,,,

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धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बंद स्कूलों को पुनः संचालित कर शिक्षा का उजियारा फैला रहे हैं, शिक्षा विभाग,,,,, भोपाल पटनम से मुर्गेश शेट्टी की रिपोर्ट,,,,,,,,,,

बीजापुर ::::: दैनिक समाचार पत्र प्रखर में बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में जनताना सरकार का स्कूल‘‘ शीर्षक में ‘‘जंगल की पाठशाला में न मार्कशीट, न टीसी, स्कूल में होती है स्थानीय बोली में पढ़ाई‘‘ के नाम से 18 अगस्त 2022 को खबर प्रकाशित हुई है।

जिसमें लेख किया गया है कि बीजापुर के घोर नक्सल क्षेत्र गंगालूर के आसपास जंगल की पाठशाला जोर -शोर से चल रही है, जिसमें अंदरूनी क्षेत्र के बच्चे प्रातः 10 बजे से शाम 4 बजे तक प्रायमरी से मिडिल स्कूल तक की पाठशालाओं में अध्ययन कर रहें हैं एवं इन शालाओं का संचालन जनताना सरकार द्वारा किया जा रहा है।

प्रकाशित खबर को जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रमोद कुमार ठाकुर ने खंडन करते हुए बताया कि जिले में 2019-20 से लेकर 2022-23 तक नक्सल प्रभाव के कारण पूर्व में अस्थायी रूप से बंद हुए संस्थाओं को शिक्षा विभाग के द्वारा पुनः संचालित किया जा रहा है।

उक्त संबंध में शिक्षा विभाग के द्वारा विकासखण्ड स्तर के अधिकारियों एवं स्थानीय प्रचार तंत्र के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया गया।

शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन करते हुए जिले के 15 वर्षों से बंद पड़े 187 स्कूलों को पुनः संचालित किया गया।

इन अंदरूनी स्कूलों में लगभग 7 हजार बच्चे वर्तमान में शिक्षा का लाभ ले रहे हैं ।

इस संस्थाओं में स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों से शिक्षादूत के रूप में सेवाएं ली जा रही है।

जिले में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 30 हजार से अधिक बच्चे उमंग के साथ आश्रम/पोटाकेबिन में विद्या अर्जन कर रहे हैं।

साथ ही साथ जिले में उच्च गुणवत्ता युक्त नवोदय, केन्द्रीय विद्यालय, एकलव्य, स्वामी आत्मानंद अंग्रेेजी माध्यम स्कूल, डीएव्ही, एमपीएस स्कूल संचालित हैं जिसमें अंदरूनी क्षेत्र के बच्चे अध्ययनरत हैं।

जिले के कुछ दुर्गम घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र जहां प्रशासन या शिक्षकों का जाना संभव नही हो पा रहा है वहां नाट्य मण्डली/शाला चलाने की अपुष्ट सूचना यदा-कदा मिलते रहती है।

किन्तु जिले में वृहद स्तर पर इस प्रकार की शाला संचालन की संभावना नही है,।

ऐसे नक्सल प्रभावित पहुंच क्षेत्रों में अभिभावकों को समझाइश दी जा सकती है एवं वहां पर भी मांग अनुसार नये स्कूलों को खोलने की व्यवस्था की जा सकती है,।

वर्तमान समय में इस प्रकार की कोई शाला जनताना सरकार के द्वारा संचालित होने की आशंका कम है और इस तरह की सूचना/खबर शिक्षा विभाग के संज्ञान में नही आयी है।

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