*विष्णु के सुशासन में चरमराती शिक्षा-व्यवस्था*बसंत ताटी* *,, दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,,* *जिले भर में संचालित आवासीय विद्यालयों,पोर्टा केबिन,आश्रम , छात्रावासों में अध्ययनरत बच्चों की लगातार किसी न किसी कारण से लगातार मौतें हो रही*

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*विष्णु के सुशासन में चरमराती शिक्षा-व्यवस्था*बसंत ताटी*

*,, दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,,*

*जिले भर में संचालित आवासीय विद्यालयों,पोर्टा केबिन,आश्रम , छात्रावासों में अध्ययनरत बच्चों की लगातार किसी न किसी कारण से लगातार मौतें हो रही*

*भोपालपटनम*

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है।

जिले भर में संचालित आवासीय विद्यालयों,पोर्टा केबिन,आश्रम और छात्रावासों में अध्ययनरत बच्चों की लगातार किसी न किसी कारण से लगातार मौतें हो रही हैं,जो रुकने का नाम ही नहीं ले रही हैं।

माता-पिता जिस भरोसे के साथ अपने जिगर के टुकड़ों को शिक्षित करने के लिए इन विद्या-मंदिरों में भेजते हैं,उनमें पसरी घोर अव्यवस्थाओं के चलते वह भरोसा न केवल ध्वस्त हो रहा है,बल्कि उनके जीवन में अपने बच्चों को खोने का अँधेरा फैलता जा रहा है।ये विचार बीजापुर जिला पंचात सदस्य और वरिष्ठ जनप्रतिनिधि बसंतराव ताटी ने व्यक्त किये।

स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए ताटी ने कहा कि बीजापुर जिले की शिक्षण-संस्थाओं में बच्चों की लगातार हो रही मौतों से अब जहाँ एक ओर पालकों के माथे पर डर की लकीरें स्पष्ट देखी जा सकती हैं,वहीं दूसरी ओर इन आवासीय संस्थाओं में पढ़ने वाले बच्चे हर पल किसी अनहोनी की आशंका से दहशत भरे वातावरण में शिक्षा ग्रहण करने पर मजबूर हैं।

बीते दिनों लगातार हुई घटनाओं के आँकड़े प्रस्तुत करते हुए ताटी ने कहा कि प्रि मेट्रिक बालक छात्रावास चेरामंगी की कक्षा सातवीं में पढ़ने वाला 13 वर्षीय छात्र जेवियर खुजूर ने 27 फरवरी को फाँसी के फंदे पर झूल कर मौत को गले लगा लिया।इसी प्रकार 06 मार्च को आवापल्ली पोर्टा केबिन में आग लगने कि वज़ह से चार वर्षीय मासूम बालिका लिप्सा की जलने से दर्दनाक मौत हो गयी।ताटी ने यह भी बताया कि 19 अप्रैल को तारलागुड़ा निवासी 20 वर्षीय छात्रा रजनी यालम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।वैसे ही 12 जुलाई को तारलागुड़ा पोर्टा केबिन के ही कक्षा चौथी की 9 वर्षीय छात्रा दीक्षिता रेगा और 14 जुलाई को संगमपल्ली पोर्टा केबिन में कक्षा तीसरी की छात्रा वेदिका जव्वा की मलेरिया से मृत्यु हो गयी है। 08 अगस्त को कन्या आश्रम बेदरे में कक्षा दूसरी की छात्रा अनीता कुरसम की और 27 सितम्बर को पोर्टा केबिन दुगलमगुड़ा के छात्र राकेश पुनेम की मौत उलटी दस्त से हुई है।अभी मौतों का यह सिलसिला थमा ही नहीं था कि माता रुक्मणि कन्या आवासीय विद्यालय धनोरा की छात्रा शिवानी की मौत 10 दिसम्बर को जहरीले भोजन खाने से हुई है।
जिला पंचायत सदस्य ने आगे कहा कि 11 दिसम्बर को नैमेड़ पोर्टा केबिन में भी कक्षा दसवीं की छात्रा विमला कवासी की बीमारी से मृत्यु हुई है।16 दिसम्बर को पोर्टा केबिन भटवाड़ा के कक्षा चौथी के छात्र टंकेश्वर नाग की मृत्यु भी मलेरिया से हुई है।

ताटी का कहना है कि लगातार हो रही विद्यार्थियों की मौतों के ये दिल दहलाने वाले आँकड़े सामने आने के बावजूद जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियो द्वारा जाँच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर औपचरिकता निभाने का काम किया जा रहा है,जिससे आज पर्यंत दोषी अधीक्षकों को सिर्फ पद से पृथक करने का ड्रामा रचने के सिवाय उन पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाने से सम्बंधित अधिकारियों के मिलीभगत का ठोस प्रमाण साबित होता है।

ताटी के अनुसार इस तरह आवासीय विद्यालयों में लगातार हो रही घटनाओं से अब सरकार के प्रति पालकों की नाराजगी देखी जा रही है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि प्रदेश में डबल इंजन की विष्णुदेव सरकार का क्या यही सुशासन है? ताटी ने शैक्षणिक गुणवत्ता की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को कमीशनखोरी के हिसाब- किताब से थोड़ा वक्त निकाल कर आवासीय विद्यालयों में व्यवस्था सुधारने के लिए एक ठोस योजना बनाने की सलाह दी है।

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