इंद्रावती नदी जल बंटवारे के विवाद और चित्रकूट जलप्रपात पर संकट को लेकर युवा कांग्रेस ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की

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  • जगदलपुर, – इंद्रावती नदी के जल बंटवारे को लेकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच जारी विवाद और इसके कारण उत्पन्न जल संकट से बस्तर क्षेत्र गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। इस मुद्दे को लेकर युवा कांग्रेस नेता सैय्यद आसिफ अली, पूर्व प्रदेश सचिव, एनएसयूआई छत्तीसगढ़, ने भारत सरकार के जल संसाधन मंत्री को पत्र लिखकर आवश्यक हस्तक्षेप की मांग की है।
  • उन्होंने अपने पत्र में बताया कि ओडिशा में निर्मित इंद्रावती बांध परियोजना के चलते छत्तीसगढ़, विशेषकर बस्तर क्षेत्र, में जल संकट गहराता जा रहा है। इस जल संकट का प्रभाव न केवल स्थानीय किसानों और नागरिकों पर पड़ रहा है, बल्कि प्रसिद्ध चित्रकूट जलप्रपात का अस्तित्व भी खतरे में है। जल प्रवाह में कमी के कारण जलप्रपात का जलस्तर घट रहा है, जिससे पर्यावरण, पर्यटन और स्थानीय लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
  • श्री आसिफ अली ने मांग की है कि –
  • 1. केंद्र सरकार के स्तर पर एक विशेष समिति गठित की जाए, जिसमें दोनों राज्यों के प्रतिनिधि और जल संसाधन विशेषज्ञ शामिल हों।
  • 2. चित्रकूट जलप्रपात के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि इसकी प्राकृतिक धारा बनी रहे और पर्यटन को बढ़ावा मिले।
  • 3. छत्तीसगढ़ को उसका न्यायसंगत जल आवंटन सुनिश्चित किया जाए, ताकि किसानों और नागरिकों को उनकी आवश्यकतानुसार पानी मिल सके।
  • 4. जल प्रवाह पर पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन कर एक न्यायसंगत जल नीति तैयार की जाए।
  • उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही समाधान नहीं निकाला गया, तो युवा कांग्रेस जनआंदोलन खड़ा करेगी और इस मुद्दे को व्यापक स्तर पर उठाएगी।
  • युवा कांग्रेस इस विषय पर जनता के साथ मिलकर संघर्ष करने के लिए पूरी तरह तैयार है और इस गंभीर समस्या को लेकर केंद्र सरकार से तत्काल ठोस कदम उठाने की अपील करती है।

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