*अंबागढ़ चौकी:—–अंततः मृतिका पद्मिनी साहू को मिला इंसाफ, आरोपी हत्यारे पति को हुई उम्रकैद…… पढ़े पूरी खबर*

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मनीष कौशिक

मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी :—-प्रार्थी जगदीश साहू पिता गणेश साहू निवासी गुण्डरदेही थाना अम्बागढ़ चौकी द्वारा थाना आकर रिपोर्ट कराया गया कि दिनांक 12.07.2022 को दोहपर 03ः30 बजे से 04ः15 बजे के मध्य प्रार्थी की पत्नी पद्मिनि साहू उम्र 32 साल बिना बताये कही चली गई है, जिसका दिमागी स्थिति सही नही है कि रिपोर्ट पर थाना अम्बागढ़ चौकी में गुम इंसान क्रमांक 40/2022 दिनांक 14.07.2022 दर्ज कर जांच में लिया गया। दिनांक 18.07.2022 को जगदीश साहू द्वारा थाना अम्बागढ़ चौकी आकर सूचना दिया गया कि ग्राम गुंडरदेही उसके घर के पास के तालाब में एक महिला का शव (धड़) तालाब में तैरता देखा है। जिस पर थाना अम्बागढ़ चौकी पुलिस तत्काल घटना स्थल पहुंच कर अज्ञात महिला के शव का धड़ जिसका दोनों हॉथ, दोनों पैर व सर कटा हुआ मिला, जिसके पेट में लोहे का सुम्बा (रॉड ) व एल्यूमिनियम तार से बंधा हुआ मिला जिस पर थाना अम्बागढ़ चौकी में मर्ग क्रमांक 43/2022 धारा 174 सीआरपीसी दर्ज किया गया था। घटना की गंभीरता को देखते हुये घटना के संबंध में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर, तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मानपुर पुपलेश कुमार एवं तत्कालीन एसडीओपी अर्जुन कुर्रे को अवगत कराया गया। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुये तत्काल शव की पहचान करा कर थाना प्रभारी थाना अम्बागढ़ चौकी व पुलिस स्टाफ, सायबर सेल, फोरेंसिक टीम, गोताखोर टीम मौके पर सभी संयुक्त रूप से छानबीन कर गोताखोर द्वारा तालाब से शव का एक हांथ और एक पैर तार से बंधा हुआ तालाब के अंदर से निकाला गया। शव को मृतिका के भाई द्वारा अपनी बहन पद्मिनी के रूप में पहचान किया गया, जिससे फोरेंसिंक टीम द्वारा प्रार्थी जगदीश साहू के घर का सूक्ष्मता से मुआयना किया गया जिसमें उन्हें खून के धब्बों को धोने जैसे साक्ष्य मिले जिससे पुलिस को प्रार्थी जगदीश साहू के ऊपर अपनी पत्नी को मारने का शंका हुआ, जिससे आरोपी जगदीश से पूछताछ करने पर वह उस शव को पहचानने से इंकार किया। घटना के दूसरे दिन दिनांक 19.07.2022 को थाना अम्बागढ़ चौकी पुलिस टीम द्वारा जगदीश साहू से हिकमतअमली से पूछताछ की गई जिस पर आरोपी जगदीश साहू द्वारा अपनी पत्नी कि हत्या करना कबूल किया गया और बताया कि दिनांक 12.07.2022 को बच्चों के स्कूल जाने के बाद पत्नी के साथ आपसी विवाद हुआ जिसमें उसके द्वारा पत्नी का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। उसके बाद उसने अपनी पत्नी के शव को दुकान के गोदाम में छुपाकर रखा। बच्चे जब स्कूल से आये और पूछे कि मां कहां है तब बच्चों को बताया कि वह अपने मायके चली गई है। दिनांक 12.07.2022 के रात्रि को आरोपी द्वारा साक्ष्य छिपाने की नियत से अपनी पत्नी के पहने हुए कपड़े व जेवरात उतार दिये और टंगिया एवं आरीब्लेड से दोनों हांथ, पैर व गर्दन को काट कर अलग कर दिया और धड में लोहे का सुम्बा (रॉड )को घुसाकर एवं शरीर के अंगों को एल्युमिनियम के तार से बांध कर तालाब के अंदर बेशरम के जड़ में बांध दिया ताकि कोई अंग ना उफले और उसके सिर को पास के शमशान में दूसरे की जलती चिता में डाल कर जला दिया था, साथ ही अपनी पत्नी के पहने हुए कपड़े को भी तालाब के अंदर डालकर उसके उपर पत्थर रख दिया और गहनों को अपने दूकान के दराज में छिपाकर रख दिया था। जिस पर थाना अंबागढ़ चौकी में अपराध क्रमांक – 189/2022 धारा 302, 201 भारतीय दंड संहिता कायम कर विवेचना में लिया गया और आरोपी के निशादेही पर मृतिका के पहने कपड़े, गहने, शरीर के अंग, घटना में प्रयुक्त टंगिया, आरीब्लेड आदि को बरामद कर आरोपी जगदीश साहू पिता गणेश साहू निवासी गुण्डरदेही थाना अम्बागढ़ चौकी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज कर विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र पेश किया गया था।
उक्त मामले में माननीय फास्ट ट्रैक कोर्ट राजनंदगांव में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजनांदगांव विजय कुमार साहू द्वारा सुनवाई के बाद शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी जगदीश पिता गणेश राम साहू उम्र 36 वर्ष निवासी ग्राम गुंडरदेही को भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन सश्रम कारावास और 5000 अर्थ दंड अदा नहीं करने पर 01 वर्ष अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा दी गई है, वही धारा 201 के तहत 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000 अर्थ दंड अदा नहीं करने पर 06 माह अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया गया।
उक्त सम्पूर्ण कार्यवाही में तत्कालीन थाना प्रभारी अम्बागढ़ चौकी व विवेचनाकर्ता निरीक्षक कार्तिकेश्वर जांगड़े, तत्कालीन थाना स्टाफ सउनि0 बिसेलाल कंवर, प्रधान आरक्षक 350 जनक उमरिया, आरक्षक 1609 इस्माइल खान, 1674 विजय कुर्रे, 1702 माघवेंद्र नवरत्न, 454 सुशील राऊत, 1678 सुनील सिंह,1366 ललित कुंजाम, महिला आरक्षक 621 शशिकांता धुर्वे, सायबर सेल व गोताखोर टीम राजनांदगाव की अहम भूमिका रही।

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