ताजा खबरछत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार-2025 का होगा आयोजन सुशासन तिहार-2025: पारदर्शिता, संवाद और समाधान की नई पहल

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छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार-2025 का होगा आयोजन

सुशासन तिहार-2025: पारदर्शिता, संवाद और समाधान की नई पहल

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार आयोजन के संबंध में कलेक्टरों को दिए दिशा-निर्देश

रायपुर, 04 अप्रैल 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र जारी करते हुए “सुशासन तिहार-2025” के आयोजन के निर्देश दिए है। यह तिहार प्रदेश में सुशासन की सशक्त स्थापना, जनसमस्याओं के त्वरित समाधान, जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा और जन संवाद को सशक्त बनाने के उद्देश्य से तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पष्ट किया कि सरकार शासन के प्रत्येक स्तर पर पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जन-हितैषी प्रशासन की स्थापना को लेकर कटिबद्ध है। इस तिहार के माध्यम से शासन-प्रशासन सीधे आम जनता से जुड़कर, उनकी समस्याओं को समयबद्ध ढंग से सुलझाने का कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में सुशासन की स्थापना को लेकर लगातार काम कर रही है। शासन-प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर शासकीय काम-काज में पारदर्शिता आए, शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो, इसका लाभ समाज के उन वर्गों को तत्परता से मिले, जिनके लिए योजनाएं संचालित की जा रही हैं, इसको लेकर शासन-प्रशासन स्तर पर प्रभावी पहल की जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर सुशासन तिहार-2025 के संचालन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि “सुशासन तिहार-2025” के आयोजन के उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करना, शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करना तथा विकास कार्यों में गति लाने के साथ ही आम जनता, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों से सीधा संवाद स्थापित करना है।

सुशासन तिहार-2025 का आयोजन तीन चरणों में

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार-2025 का आयोजन तीन चरणों में होगा। पहले चरण में 08 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक आम जनता से आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। दूसरे चरण में लगभग एक माह के भीतर प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया जाएगा। तीसरे एवं अंतिम चरण में 05 मई से 31 मई 2025 के बीच समाधान शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इस तिहार को सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं एवं एक पोर्टल बनाया जा रहा है। प्रत्येक जिले की परंपराओं, आवश्यकताओं और परिस्थितियों के अनुसार नवाचार भी किए जा सकते हैं, जिससे यह तिहार अधिक जनोपयोगी और प्रभावशाली बने।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि आम जनता से उनकी समस्याओं के संबंध में 08 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक ग्राम पंचायत मुख्यालयों और नगरीय निकाय कार्यालयों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। इन स्थलों पर समाधान पेटी रखी जाएगी, ताकि लोग अपनी समस्याएं और शिकायतें निःसंकोच लिखकर उसमें डाल सकें। आवेदन प्राप्त करने के लिए समाधान पेटी की व्यवस्था जिला और विकासखण्ड मुख्यालय स्तर पर भी की जाए। आवश्यकतानुसार हाट बाजारों में भी आवेदन संग्रह किये जा सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने की भी पोर्टल में व्यवस्था रहेगी। कॉमन सर्विस सेंटर का भी ऑनलाइन आवेदन लेने हेतु उपयोग किया जा सकता है। प्रत्येक आवेदन को एक कोड देने की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी। निर्धारित प्रारूप में खाली आवेदन पत्र (ग्रामवार/नगरीय निकायवार कोड सहित) प्रिन्ट कराकर ग्रामीणों को उपलब्ध कराये जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रत्येक आवेदन को पोर्टल में पंजीकृत कर ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा, साथ ही, आवेदनकर्ता को पावती दी जाएगी। जनता को आवेदन लिखने में सहायता प्रदान करने हेतु कलेक्टर आवश्यकतानुसार अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी लगा सकते हैं। इन तिथियों का विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

आवेदनों का निराकरण

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सभी प्राप्त आवेदनों को स्कैन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा और संबंधित जिला/जनपद/नगरीय निकाय के अधिकारियों को ऑनलाइन व भौतिक रूप से भेजा जाएगा। संबंधित विभाग/अधिकारी लगभग एक माह में इन आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित करेंगे। मांग से संबंधित आवेदनों को बजट की उपलब्धता के आधार पर निराकृत किया जाएगा। इन आवेदनों के निराकरण की गुणवत्ता का विश्लेषण जिला और राज्य स्तर पर किया जाए।

समाधान शिविर का आयोजन

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 05 मई से 31 मई 2025 के दौरान प्रत्येक 08 से 15 पंचायतों के मध्य समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें आवेदकों को उनके आवेदनों की स्थिति की जानकारी दी जाएगी। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार समाधान शिविर आयोजित होंगे। शिविरों के आयोजन की तिथि की जानकारी आवेदकों को एस.एम.एस. के माध्यम से तथा आवेदन की पावती के माध्यम से दी जाए, साथ ही इन तिथियों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। इन शिविरों में प्राप्त आवेदनों की प्रविष्टि भी पोर्टल में की जाए तथा जिन आवेदनों का निराकरण शिविर में सम्भव हो, शिविर में किया जाए, शेष आवेदनों का समाधान एक माह में कर आवेदकों को सूचित किया जाए।

शिविरों में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन पत्र/प्रपत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक शिविर के लिए एक खंडस्तरीय अधिकारी को प्रभारी बनाया जाए, जो शिविर के समुचित संचालन को सुनिश्चित करेंगे। समाधान शिविरों में विकासखंड एवं अनुभाग स्तर के सभी अधिकारी उपस्थित रहेंगे, जिला स्तर से भी कुछ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसी तरह की व्यवस्था नगरीय निकायों के शिविरों में भी की जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वे स्वयं, उप मुख्यमंत्रीगण, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं राज्य शासन के अधिकारी भी कुछ शिविरों में शामिल होंगे तथा वहां आवेदकों से भेंटकर उनकी समस्याओं और निराकरण के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इस तिहार को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग किया जाएगा। आवेदन लेने, उनकी प्रविष्टि, मॉनिटरिंग एवं समाधान प्रक्रियाओं के लिए समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।

जनप्रतिनिधियों की होगी भागीदारी

जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि इस तिहार में स्थानीय सांसदों, विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की भागीदारी हो और उन्हें आवश्यक जानकारियां समय पर उपलब्ध कराई जाए।

विकास कार्यों का औचक निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों और योजनाओं के क्रियान्वयन का औचक निरीक्षण उनके द्वारा किया जाएगा। विभिन्न योजनाओं से लोगों को मिल रहे लाभ के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। प्रभारी मंत्रीगण, प्रभारी सचिव भी अपने स्तर पर यह प्रक्रिया अपनाएंगे।

समीक्षा बैठक का आयोजन

दोपहर के बाद जिला मुख्यालय पर अधिकारियों के साथ बैठक होगी, जिसमें समाधान शिविरों में प्राप्त आवेदनों के निराकरण की स्थिति और विभिन्न योजनाओं व परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी, साथ ही आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी। राज्य स्तर से बिंदुवार समीक्षा पत्रक उपलब्ध कराए जाएंगे।

प्रेसवार्ता एवं विभिन्न संगठनों तथा नागरिकों से भेंट

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि समीक्षा बैठक के उपरांत अथवा उपयुक्त समय पर प्रेसवार्ता को संबोधित करेंगे और विभिन्न संगठनों एवं नागरिकों से भेंट करेंगे

 

ताजा खबरछत्तीसगढ़ को मिली 8741 करोड़ रुपए की बड़ी सौगात: खरसिया-नया रायपुर- परमलकसा रेल परियोजना से खुलेगा विकास का नया द्वार
ByसचPosted on April 4, 2025

छत्तीसगढ़ को मिली 8741 करोड़ रुपए की बड़ी सौगात: खरसिया-नया रायपुर- परमलकसा रेल परियोजना से खुलेगा विकास का नया द्वार

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में रेलवे की महत्वपूर्ण परियोजना को दी गई मंजूरी: छत्तीसगढ़ के विकास को मिलेगी नई रफ्तार

रायपुर, 4 अप्रैल 2025/प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने भारतीय रेलवे की चार महत्वपूर्ण मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल लागत लगभग 18,658 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ सहित महाराष्ट्र और ओडिशा के कुल 15 ज़िलों को जोड़ते हुए रेलवे नेटवर्क में 1247 किलोमीटर की महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।

छत्तीसगढ़ के लिए विशेष रूप से स्वीकृत ‘खरसिया-नया रायपुर- परमलकसा 5वीं एवं 6वीं लाइन’ परियोजना से राज्य के औद्योगिक नक्शे में ऐतिहासिक परिवर्तन की संभावनाएं बनेंगी। यह परियोजना बलौदा बाजार जैसे क्षेत्रों को सीधी रेलवे कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे सीमेंट संयंत्रों, इस्पात इकाइयों और अन्य औद्योगिक निवेश के लिए आधारभूत संरचना तैयार होगी। यह मार्ग कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट और चूना पत्थर जैसी सामग्रियों के परिवहन में क्रांतिकारी सुधार लाएगा। इससे माल ढुलाई की लागत घटेगी, संचालन की गति बढ़ेगी और उद्योगों को निर्बाध सप्लाई चेन मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को मिली यह ऐतिहासिक रेल परियोजना आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है। खरसिया-नया रायपुर- परमलकसा लाइन से बलौदा बाजार और आस-पास के क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है, जिससे यहाँ के युवाओं के लिए रोज़गार और स्वरोज़गार के नए द्वार खुलेंगे। यह परियोजना छत्तीसगढ़ में नया अध्याय लिखेगी, जिससे न केवल कोयला, सीमेंट और लौह अयस्क जैसे क्षेत्रों में उत्पादन और परिवहन को गति मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक सशक्तिकरण भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं कि उन्होंने छत्तीसगढ़ की आवश्यकता और क्षमता को पहचान कर रेल परियोजनाओं के माध्यम से राज्य को ‘विकास के फास्ट ट्रैक’ पर लाने का काम किया है।

उल्लखेनीय है कि खरसिया से परमलकसा तक 5वीं और 6वीं नई रेल लाइन बिछाने के लिए ₹8,741 करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति मिल गई है, जिससे छत्तीसगढ़ को लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक गतिविधियों के क्षेत्र में बड़ी बढ़त मिलेगी।

मुख्य विशेषताएँ

कुल लंबाई: 278 किमी लंबा रेलमार्ग, 615 किमी ट्रैक की लंबाई

स्टेशनों की संख्या: 21

पुल और फ्लाईओवर: 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 आरओबी, 184 आरयूबी, 5 रेल फ्लाईओवर

ट्रैफिक क्षमत: 21 से 38 मिलियन टन कार्गो, 8 मेल/एक्सप्रेस/सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें
ईंधन और पर्यावरण संरक्षण: 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत प्रतिवर्ष

113 करोड़ किग्रा CO2 की कटौती – यह लगभग 4.5 करोड़ पेड़ों के लगाने के बराबर है।

लॉजिस्टिक्स लागत में भारी कमी: सड़क परिवहन की तुलना में प्रतिवर्ष ₹2,520 करोड़ की बचत

इन ज़िलों को मिलेगा प्रत्यक्ष लाभ:रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदा बाज़ार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव।

राज्य की प्रगति का नया युग

इस परियोजना से छत्तीसगढ़ में औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों में तीव्र गति आएगी। यह पहल पर्यावरणीय स्थिरता और ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को नया आयाम देगी।

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अध्यापकमुख्यमंत्री गौरव अलंकरण से सम्मानित हुए शिक्षक दिलीप जाटवर व मीन दास पात्रे
ByसचPosted on April 4, 2025

मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण से सम्मानित हुए शिक्षक दिलीप जाटवर व मीन दास पात्रे

 

मुंगेली। शिक्षा के क्षेत्र मे उत्कृष्ट कार्य व स्कूल मे नवाचार करने के लिए शा. प्रा. शाला रोहरा खुर्द के प्रधान पाठक दिलीप जाटवर व शास. पूर्व. माध्य. शा. नवागांव घु. शिक्षक श्री मीन दास पात्रे को शिक्षा विभाग जिला मुंगेली के द्वारा जनदर्शन कक्ष कलेक्ट्रेट परिसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण सम्मान 2024-25 के लिए शिक्षा दूत व ज्ञान दीप पुरस्कार से सम्मानित किया गया | सम्मान जिला कलेक्टर राहुल देव पुलिस अधीक्षक भोज राम पटेल जिला शिक्षा अधिकारी चंद्र कुमार घृतलहरे द्वारा गरिमामय कार्यक्रम में प्रदान किया । सम्मान प्राप्ति पर गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रान्ताध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार नवरंग संगठन सचिव सनत बंजारे ने प्रसन्नता ब्यक्त करते हुए कहा की ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूल मे सतत नवाचार की प्रक्रिया जारी रहे जिससे बच्चों अधिक से अधिक लाभ मिल सके |संगठन के तरफ से सभी को बधाई व शुभकामनायें दी है| शिक्षक भूषण पात्रे, महेंद्र यादव रिनू लाल, गजेंद्र सोनवानी, जीतेन्द्र बंजारा, चंद्र प्रकाश सूर्यवंशी, अमर प्रसाद कुर्रे,चैतन्य वैष्णव, लंकेश पाटले, रुपनारायण, गनपत घृतलहरे, निलेश डाहिरे, लखन कुर्रे बसंत बंजारे दिनेश घोषले विजय मारखंडे ने प्रसन्नता ब्यक्त की।

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अध्यापकबस्तरिहा बच्चों के लिए अहितकारी गैर विषय वार सूची का विरोध,मुख्यमंत्री जी के निर्णय के अनुसार विषय बाध्यता अनुसार सूची जारी करने बस्तर जेडी को पत्र
ByसचPosted on April 4, 2025

बस्तरिहा बच्चों के लिए अहितकारी गैर विषय वार सूची का विरोध,मुख्यमंत्री जी के निर्णय के अनुसार विषय बाध्यता अनुसार सूची जारी करने बस्तर जेडी को पत्र

जगदलपुर
ज्ञात हो कि प्रदेश भर मे शिक्षा गुणवत्ता के लिए माननीय सीएम साहब ने लगातार अच्छे निर्णय लिए हैं 30 जनवरी को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक मे सरकारी मिडिल स्कूलो मे विषयबंधन का निर्णय लेकर गैर विषयवार राजपत्र के विलोप के निर्देश दिए हैं अब आगे विद्यार्थियों के हक मे विषय विशेषज्ञ शिक्षक की ही भर्ती पदोन्नति होनी है किंतु इसके विपरीत बस्तर जेडी साहब के सहायक शिक्षक से शिक्षक गैर विषय वार वरिष्ठता सूची
बस्तर के बच्चों के लिए हानिकारक है ।
*विद्यार्थियों को हो सकती है बडी हानि* ,वहीं संयुक्त संचालक शिक्षा बस्तर ने गैर विषयवार वरिष्ठता सूची पदोन्नति के लिए जारी की है जिससे बस्तर के विद्यार्थियों को ऐसे शिक्षकों से पढना पड सकता है जिनका उस विषय से कोई संबंध या योग्यता नही है इससे शिक्षा ब्यवस्था बर्बाद होगी विगत दिनों छग विषयबाध्यता समर्थक मंच के संयोजक गण आनंद साहू ,नीलम मेसराम ,रूद्र कश्यप वीना गुप्ता ,अमित ठाकुर ने बस्तर जेडी को ज्ञापन देकर विषयवार सूची जारी करने मांग रखी है ।
“बस्तर अत्यधिक पिछडा आदिवासी आर्थिक कमजोर क्षेत्र है ,यहां गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की नितांत आवश्यकता है यहां प्राईवेट स्कूल नही हैं कि खर्च कर विषय शिक्षक से पढ़ लें, बस्तरिहा बच्चे सरकारी स्कूल पर ही निर्भर हैं ऐसे मे गैर विषय शिक्षक पद पर पदोन्नति देने से इन बच्चों की पढाई खराब होगी सरकार का ही सहारा है नहीं तो इनका शैक्षणिक बेस खराब होगा आगे विषय चयन और प्रतियोगिता कैरियर मे बस्तरिहा बच्चे पिछडेंगे।

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ताजा खबरपरिवहन पोर्टल से घर बैठे बनवाएं लायसेंस और कराएं वाहनों का पंजीयन परिवहन सेवा पोर्टल Parivahan.gov.in में वाहन संबंधित 23 सेवाएं तथा सारथी (चालक लाईसेंस से संबंधित) के 19 सेवाएं शामिल हैं।
ByसचPosted on April 4, 2025

परिवहन पोर्टल से घर बैठे बनवाएं लायसेंस और कराएं वाहनों का पंजीयन

परिवहन सेवा पोर्टल Parivahan.gov.in में वाहन संबंधित 23 सेवाएं तथा सारथी (चालक लाईसेंस से संबंधित) के 19 सेवाएं शामिल हैं

रायपुर, 03 अप्रैल 2025/छत्तीसगढ़ शासन, परिवहन विभाग द्वारा आम नागरिकों को दी जा रही सुविधाओं को अधिक सुगम बनाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए आम नागरिकों को किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं है। घर बैठे ही आवेदकों द्वारा इन सुविधाओं के लिए आवेदन किया जा सकता है।

परिवहन विभाग के सचिव श्री एस. प्रकाश ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्मित परिवहन सेवा पोर्टल Parivahan.gov.in में जाकर आवेदकों द्वारा वांछित सेवा का चुनाव कर आधार अभिप्रमाणन द्वारा उक्त सेवा का लाभ लिया जा सकता है, आधार अभिप्रमाणन के बाद परिवहन पोर्टल में दिये गए सेवाओं के तहत् वाहन से संबंधित 23 सेवाएं तथा सारथी (चालक लाईसेंस से संबंधित) के 19 सेवाएं शामिल हैं।

वाहन से संबंधित सेवाएं – मोटर वाहन के अस्थायी पंजीकरण के लिए आवेदन, पूर्ण निर्मित बॉडी वाले मोटर वाहन के पंजीकरण के लिए आवेदन, पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC) की डुप्लिकेट जारी करने के लिए आवेदन, पंजीकरण प्रमाणपत्र शुल्क जमा करना, पंजीकरण प्रमाणपत्र के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) प्रदान करने के लिए आवेदन, पंजीकरण प्रमाणपत्र में पते में परिवर्तन, शुल्क के विरुद्ध पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC) विवरण देखें, मोटर वाहन के स्वामित्व के हस्तांतरण की सूचना, मोटर वाहन के स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए आवेदन, किराया-खरीद समझौते का समर्थन, किराया-खरीद समझौते की समाप्ति, नए परमिट जारी करना, डुप्लिकेट परमिट जारी करना, परमिट का स्थायी समर्पण, परमिट का हस्तांतरण, परमिट का हस्तांतरण (मृत्यु मामला), परमिट का नवीनीकरण परमिट, परमिट प्राधिकरण का नवीनीकरण, विशेष परमिट के लिए आवेदन, अस्थायी परमिट के लिए आवेदन, परिवहन सेवाओं के लिए रिकॉर्ड में मोबाइल नंबर अपडेट करना, डुप्लीकेट फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करना और वाहन का रूपांतरण सेवाएं शामिल हैं।

इसी तरह चालक लाईसेंस से संबंधित सेवाएं – लर्नर लाइसेंस में पता बदलना, डुप्लीकेट लर्नर लाइसेंस जारी करना, डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) जारी करना, ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण जिसके लिए ड्राइविंग योग्यता का परीक्षण आवश्यक नहीं है, ड्राइविंग लाइसेंस का प्रतिस्थापन, ड्राइविंग लाइसेंस में पता बदलना, ड्राइविंग लाइसेंस में बायोमेट्रिक्स बदलना, ड्राइविंग लाइसेंस में फोटो और हस्ताक्षर बदलना, ड्राइविंग लाइसेंस एक्सट्रैक्ट प्रोविजनिंग, इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट जारी करना, लाइसेंस से वाहन की श्रेणी का सरेंडर करना, खतरनाक सामग्री चलाने के लिए अनुमोदन, ड्राइवर को पब्लिक सर्विस व्हीकल (पीएसवी) बैज जारी करना, डुप्लीकेट पब्लिक सर्विस व्हीकल (पीएसवी) बैज जारी करना, कंडक्टर लाइसेंस का नवीनीकरण, डुप्लीकेट कंडक्टर लाइसेंस जारी करना, कंडक्टर लाइसेंस में पता बदलना, कंडक्टर में बायोमेट्रिक्स बदलना लाइसेंस और कंडक्टर लाइसेंस में नाम परिवर्तन सेवाएं शामिल हैं।

उपरोक्त सेवाओं का लाभ लेने के लिए आवेदकों को सर्वप्रथम परिवहन सेवा पोर्टल Parivahan.gov.in में जाकर वेबसाईट में प्रदर्शित हो रहे Menu Bar में ऑनलाईन सर्विसेस को सेलेक्ट करना है सेलेक्ट करते ही Vehicle Related Services जो कि वाहन सेवा से संबंधित है का चयन करते ही वाहन से संबंधित विभिन्न सेवाओं हेतु विकल्प प्रदर्शित होता है। इसी प्रकार चालक लाईसेंस से संबंधित सेवाओं हेतु वेबसाईट में प्रदर्शित हो रहे Menu Bar में ऑनलाईन सर्विसेस के तहत् Driving License Related Services का चयन करने पर ड्राईविंग लाईसेंस से संबंधित विभिन्न सेवाओं हेतु विकल्प प्रदर्शित होता है। आवेदक अपने कार्य से संबंधित विकल्प का चुनाव कर, सुविधा का लाभ ले सकते हैं।

अब तक वाहन 4.0 संबंधी सेवाओं हेतु 1,724 आवेदन एवं सारथी 4.0 के माध्यम से लाईसेंस संबंधी 34,225 आवेदन का निराकरण 01 वर्ष के भीतर किया गया है। परिवहन विभाग आम नागरिकों की सुविधाओं में वृद्धि करने हेतु सतत् रूप से प्रयासरत् है।

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रायपुर ब्रेकिंगमानवता की सेवा और दानशीलता के लिए हमेशा से आगे रहा है अग्रवाल समाज -मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ी अग्रवाल भवन में नवनिर्मित आडिटोरियम का लोकार्पण करते हुए दानदाताओं को किया सम्मानित
ByसचPosted on April 4, 2025

मानवता की सेवा और दानशीलता के लिए हमेशा से आगे रहा है अग्रवाल समाज -मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ी अग्रवाल भवन में नवनिर्मित आडिटोरियम का लोकार्पण करते हुए दानदाताओं को किया सम्मानित

रायपुर, 03 अप्रैल 2025 /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज द्वारा दानशीलता दिवस पर आयोजित सम्मान एवं शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान छत्तीसगढ़ी अग्रवाल भवन में समाज द्वारा नवनिर्मित 200 सीटर ऑडिटोरियम का लोकार्पण और दान दाताओं का सम्मान भी किया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अग्रवाल समाज की दानशीलता के कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि मानवता की सेवा और दानशीलता के लिए अग्रवाल समाज हमेशा ही आगे रहा है। छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज का छत्तीसगढ़ से काफी पुराना नाता रहा है। लगभग 400 साल पहले जब से अग्रवाल समाज का छत्तीसगढ़ में पदार्पण हुआ है, तब से छत्तीसगढ़ के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि अग्रवाल समाज व्यापार व्यवसाय से जुड़ा हुआ है जो कठिन परिश्रम तथा लगन से कार्य करते हुए मानवता की सेवा में जुटा रहना वाला समाज है। अग्रवाल समाज के द्वारा कोविड की विषम परिस्थिति में भी मानव सेवा सम्बंधी किए गए कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के दानदाताओं के सहयोग का उल्लेख किया। इनमें उन्होंने डीकेएस अस्पताल, एम्स, शीतलबांधा तालाब सहित अनेक कार्यों का उल्लेख किया। कृषि विश्वविद्यालय के लिए 1900 एकड़ भूमि समाज के दानदाताओं द्वारा दी गई है। अनेक धर्मशाला, तालाब, मंदिर, गौशाला, छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के द्वारा बनाई गई है। इन कार्यों से समाज का हर वर्ग लाभान्वित है। सामाजिक समरसता का इससे अनूठा उदाहरण और कुछ नहीं हो सकता।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के लोगों ने सेवा के ऐसे काम किए हैं, जो सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, कन्या विवाह, रोजगार जैसे अनेक क्षेत्रों में आप सभी ने जरूरतमंदों की सेवा की है। हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ देश-दुनिया में सामाजिक समरसता के लिए जाना जाता है। इसके पीछे छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सपनों के अनुरूप 2047 में विकसित भारत के साथ विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को पाने में अग्रवाल समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रहेंगी। इस दौरान उन्होंने समाज के नव निर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ भी दिलाई। साथ ही मुख्य मंच से दान देने वाले अग्रणी परिवारों को सम्मानित किया। इस अवसर पर रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, रायपुर नगर निगम महापौर श्रीमती मीनल चौबे, श्री संजय श्रीवास्तव, श्री दाऊ अनुराग अग्रवाल सहित समाज के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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ताजा खबरमुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से निगम तथा मंडल के नव नियुक्त अध्यक्षों ने की सौजन्य मुलाकात
ByसचPosted on April 4, 2025

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से निगम तथा मंडल के नव नियुक्त अध्यक्षों ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर,3 अप्रैल 2025/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में विभिन्न मंडल एवं निगमों के नव नियुक्त अध्यक्षों ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें उनके नवीन दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सवन्नी, छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन (नागरिक आपूर्ति) अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम अध्यक्ष श्री सौरभ सिंह, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन लिमिटेड अध्यक्ष श्री दीपक महस्के एवं छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल अध्यक्ष श्री अनुराग सिंह देव उपस्थित थे।

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छत्तीसगढ़ समाचारबस्तर की वैभव-गौरवशाली संस्कृति को वैश्विक पटल पर पहुँचाने की पहल – उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा बस्तर पंडुम की चर्चा देश-विदेश में – केदार कश्यप उप मुख्यमंत्री और वनमंत्री ने किया बस्तर पंडुम के संभागीय स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन
ByसचPosted on April 3, 2025

बस्तर की वैभव-गौरवशाली संस्कृति को वैश्विक पटल पर पहुँचाने की पहल – उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा

बस्तर पंडुम की चर्चा देश-विदेश में – केदार कश्यप

उप मुख्यमंत्री और वनमंत्री ने किया बस्तर पंडुम के संभागीय स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन

मंत्रियों ने स्टॉल का अवलोकन करने सहित स्थानीय व्यंजन का स्वाद लेकर की सराहना

 

*रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ बस्तर पंडुम का आयोजन*

रायपुर, 03 अप्रैल 2025-राज्य शासन द्वारा बस्तर की समृद्ध जनजातीय कला एवं संस्कृति के धरोहर को पुनर्जीवित कर इसे देश और वैश्विक पटल पर रखने सहित स्थानीय जनजातीय समुदाय के लोगों को अमिट पहचान और समुचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य से बस्तर पंडुम 2025 यथा बस्तर का उत्सव का भव्य संभागीय स्तरीय कार्यक्रम आयोजन दंतेवाड़ा के हाईस्कूल मैदान में किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा और वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने बस्तर पंडुम के संभागीय स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि नवरात्रि के अवसर पर बस्तर की वैभव-गौरवशाली संस्कृति को सहेजने और संवारने सहित वैश्विक पटल पर पहुंचाने के लिए सरकार ने बस्तर पंडुम कार्यक्रम का आयोजन किया है। जिससे बस्तर की संस्कृति, परंपरा को दुनिया के लोगों को जानने-समझने का अवसर मिलेगा। बस्तर अद्भुत सांस्कृतिक परम्परा, रीति रिवाज और जनजातीय व्यंजन से समृद्ध है, इस पावन धरा में जन्म लेना सौभाग्य की बात है। इस क्षेत्र में मेरा जन्म ना होने से यहाँ की संस्कृति और अनेक स्वादिष्ट व्यंजन से मैं वंचित रहा हूँ पर आज इस कार्यक्रम में मुझे बस्तर की सभी स्वाद का अनुभव करने का अवसर मिला। उन्होंने बस्तर में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाकर लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु सार्थक प्रयास करने की बात कही ।

वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर पंडुम की चर्चा देश-विदेश में हो रही है लोग बस्तर की संस्कृति को समझने के लिए लालायित हो रहे हैं। इसके साथ ही बस्तर क्षेत्र के स्थानीय व्यंजन, वेशभूषा- आभूषण जोे विलुप्तप्राय हैं ऐसी समृद्ध संस्कृति को बचाने की पहल बस्तर पंडुम के माध्यम से की जा रही है। इस कार्यक्रम में समूचे संभाग के जिलों के प्रतिभागियों द्वारा शानदार प्रदर्शनी लगाई गई है। उन्होंने दंतेवाड़ा का फाल्गुन मंडई और बस्तर में आयोजित बस्तर दशहरा को सामाजिक समरसता का प्रतीक निरूपित करते हुए कहा कि समाज के लोग इस परंपरा को संवर्धित कर रहे हैं। हमारे बस्तर क्षेत्र में जन्म से मृत्यु तक पंडुम मनाते हैं। इस समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का संदेश देने में हमारी परंपरा, रीति -रिवाज की अहम भूमिका है। कार्यक्रम में विधायक श्री चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नंदलाल मुड़ामी ने भी संबोधित किया। संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य ने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी ।

कार्यक्रम के शुरुआत में दोनों मंत्रियों ने प्रदर्शनी में लगे जनजातीय कला स्टॉल का अवलोकन कर प्रदर्शनी में लगे जनजातीय संस्कृति के वाद्य यंत्र का वादन किया और स्थानीय एवं जनजातीय व्यंजन का स्वाद लेकर सराहना किए। इस अवसर पर विधायक दंतेवाड़ा श्री चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नंदलाल मुड़ामी, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता, महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ओजस्वी मंडावी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कमिश्नर श्री डोमन सिंह, आईजी श्री सुंदरराज पी., संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य, डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक श्री गौरव राय, सीईओ श्री जयंत नाहटा सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।

इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बस्तर पंडुम का भव्य आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि बस्तर पंडुम 2025 के अन्तर्गत सात विधाएं शामिल की गई है। जिसमें संभाग के सातों जिलों के विजेताओं के मध्य प्रतियोगिता आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में जनजातीय नृत्यों के तहत गेड़ी, गौर-माड़िया, ककसाड़, मांदरी, हुलकीपाटा, परब सहित लोक गीत श्रृंखला के तहत जनजातीय गीत-चौतपरब, लेजा, जगारगीत, धनकुल, हुलकी पाटा (रीति-रिवाज, तीज त्यौहार, विवाह पद्धति एवं नामकरण संस्कार आदि) जनजातीय नाट्य श्रेणी में भतरा नाट्य जिन्हें लय एवं ताल, संगीत कला, वाद्य यंत्र, वेशभूषा, मौलिकता, लोकधुन, वाद्ययंत्र, पारंपरिकता, अभिनय, विषय-वस्तु, पटकथा, संवाद, कथानक के मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया। इसके अलावा जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन के तहत धनकुल, ढोल, चिटकुल, तोड़ी, अकुम, झाब, मांदर, मृदंग, बिरिया ढोल, सारंगी, गुदुम, मोहरी, सुलुङ, मुंडाबाजा, चिकारा शामिल रहे। जिन्हें संयोजन, पारंगता, प्रकार, प्राचीनता के आधार पर अंक दिए गए। जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण का प्रदर्शन विधा में लुरकी, करधन, सुतिया, पैरी, बाहूंटा, बिछिया. ऐंठी, बन्धा, फुली, धमेल, नांगमोरी, खोचनी, मुंदरी, सुर्रा, सुता, पटा, पुतरी, नकबेसर जैसे आभूषण में एकरूपता, आकर्षकता, श्रृंगार, पौराणिकता को महत्व दिया गया। जनजातीय शिल्प एवं चित्रकला का प्रदर्शन विधा के अंतर्गत घड़वा, माटी कला, काष्ठ, ढोकरा, लौह प्रस्तर, गोदना, भित्तीचित्र, शीशल, कौड़ी शिल्प, बांस की कंघी, गीकी (चटाई), घास के दानों की माला प्रदर्शन प्रस्तुतियां हुई। साथ ही जनजातीय पेय पदार्थ एवं व्यंजन का प्रदर्शन-सल्फी, ताड़ी, छिंदरस, लांदा, कोसरा, जोन्धरा एवं मडि़या पेज, चापड़ा चटनी, सुक्सी पुड़गा,मछरी पुड़गा,मछरी झोर, आमट साग, तिखुर, बोबो इत्यादि के बनाने की विधि, स्थानीय मसाले, स्वाद, प्रकार का प्रस्तुतिकरण बस्तर पंडुम 2025 के मुख्य आकर्षण हैं।

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शिक्षारविशंकर विश्वविद्यालय की घोर लापरवाही: परीक्षा समय बदला, छात्रों को नहीं दी गई जानकारी
ByसचPosted on April 3, 2025

रविशंकर विश्वविद्यालय की घोर लापरवाही: परीक्षा समय बदला, छात्रों को नहीं दी गई जानकारी

 

रायपुर: रविशंकर विश्वविद्यालय की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। एमए इंग्लिश फाइनल ईयर के छात्रों को बिना सूचित किए परीक्षा का समय बदल दिया गया। परीक्षा सुबह 8 बजे के बजाय 7 बजे से शुरू हो गई, लेकिन छात्रों को इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई।

इसका नतीजा यह हुआ कि कई छात्र तय समय से एक घंटा देर से परीक्षा केंद्र पहुंचे। इससे उनका काफी नुकसान हुआ, क्योंकि उन्हें पूरा समय नहीं मिल पाया और वे अधूरी परीक्षा देकर ही लौट गए।

छात्रों ने इस लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय उनके फोन नंबर और अन्य जरूरी जानकारियां रखता है, क्योंकि ऑनलाइन फीस भरते समय ये सभी डिटेल्स जमा करवाई जाती हैं। इसके बावजूद छात्रों को परीक्षा समय बदलाव की सूचना न तो मैसेज से दी गई और न ही किसी अन्य माध्यम से जानकारी दी गई।

छात्रों ने इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब मांगा है और उचित कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसी गलतियों से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है, इसलिए प्रशासन को इस लापरवाही की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

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