*धान खरीदी एवं परिवहन के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी तय करें सरकार:- बसंत ताटी*,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*
*धान का परिवहन अतिशीघ्र करें:- बसंत ताटी*
भोपालपटनम,,,,,,,,,,,,,,,
बीजापुर जिला में आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों द्वारा संचालित 30 धान उपार्जन केन्द्रो में कुल 5 लाख 54 हजार क्विंटल धान का उठाव आज पर्यंत नहीं किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ने कहा कि संपूर्ण बीजापुर जिला में आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से संचालित 30 धान उपार्जन केन्द्रो में लगभग 12 लाख क्विंटल धान की खरीदी किसानों से किया गया लेकिन इस खरीदे हुए धान का परिवहन कार्य 28 फरवरी तक तय समय सीमा के भीतर नहीं किये जाने से लेम्पस प्रबंधकों के सिर पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं ।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य ताटी का कहना है कि धान खरीदी की प्रक्रिया प्रारंभ होते ही किसान अपने खेत खलिहान से सीधे उपार्जन केन्द्रो मे लाकर धान का विक्रय तो कर देते हैं लेकिन इस वक्त धान में नमी होने के कारण भंडारण किए हुए धान का परिवहन तय समय सीमा के भीतर नहीं किए जाने से धान सूखकर वजन घटने के साथ साथ बे मौसम होने वाली बारिश से भी भीगकर खराब हो जाता है ।
धान खरीदी से लेकर परिवहन तक की जिम्मेदारी आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों पर होने की वजह से सूक्ति से लेकर परिवहन तक के होने वाले समस्त नुकसानो की भरपाई भी समितियों को दी जाने वाली कमीशन की राशि से की जाती है ।
समितियों के पास बजट का अभाव होने के कारण आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों मे कार्यरत कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं हो पाता है ।
ताटी ने यह भी कहा कि समितियों को मिलने वाली कमीशन राशि से भी जब नुकसान की भरपाई नहीं हो पाती है तो इन हालातो में संबंधित प्रबंधकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर वसूली करने का प्रावधान भी है ।
विपरीत परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों के प्रति डटे रहने वाले प्रबंधकों की स्थिति अत्यंत चिंता जनक है ।
अंत में ताटी ने कहा सरकार को इस संबंध में गंभीरता से विचार करते हुए धान खरीदी तथा परिवहन के लिए अलग-अलग जिम्मेदारियां तय किए जाने की आवश्यकता है ताकि समितियों मे कार्यरत प्रबंधक राहत की सांस ले सके।