*खनिज न्यास निधि से फिर गड़बड़ी का मामला आया सामने डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण कार्य 10 प्रतिशत भी नहीं हुआ और खर्च हो गए 39 लाख। आर,एल, कुलदीप की रिपोर्ट:-*

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खनिज न्यास निधि से फिर गड़बड़ी का मामला आया सामने डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण कार्य 10 प्रतिशत
भी नहीं हुआ और खर्च हो गए 39 लाख।
आर,एल, कुलदीप की रिपोर्ट:-

कांकेर/दुर्गूकोंदल,
खनिज न्यास निधि में गड़बड़ी थमने की नाम नहीं ले रहा है। खनिज न्यास निधि से सामग्री खरीदी और निर्माण कार्य के
नाम घोटाले की परत दर परत
उजागर हो रही है। खनिज न्यास निधि से डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण के नाम पर 39 लाख 2 हजार रूपये520रू
की गड़बड़ी सामने आई है। खनिज न्यास निधि ग्राम साधुमिचगांव के आश्रित ग्राम ओडाहूर पटेलपारा से गरदा तक डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण
के लिए 672मीटर भाग 2 के लिए 19.90 लाख स्वीकृत और ग्राम ओडाहर से गरदा पहुंच मार्ग 670मीटर के लिए 19.34 लाख रूपये की
स्वीकृति मिली थी। सड़क निर्माणकी स्वीकृति मिलने पर ठेकेदार ने गांव आकर सड़क निर्माण की स्वीकृति की जानकारी दिया। एक दिन जेसीबी और ट्रेक्टर लगाकर
काम भी किया। लेकिन सड़क
निर्माण कार्य आज तक पूरा नहीं हुआ है। और जनपद पंचायत दुर्गकोंदल ने 39लाख 2हजार की राशि ग्राम पंचायत साधुमिचगांव को भुगतान कर दिया। इधर ग्राम सरपंच के पास जाते हैं, तो सरपंच,सचिव के पास भेजते हैं। सचिव के पास ग्रामीण जाते हैं,तो सचिव सरपंच के पास भेज देते हैं। ग्रामीणों का आरोप है,काम पूरा नहीं हुआ है। फिर 3902520 लाख रूपये जनपद पंचायत से जारी कैसे हो गई। जनपद पंचायत से जारी 39 लाख, 2 हजार
520 रूपये आखिर कहा गया या फिर कौन खा गया यह सवाल ग्रामीण उठा रहे हैं। ग्रामीण गरदा औरओडाहूर के ग्रामीण सड़क निर्माण की
हुई गड़बड़ी की जांच की मांग कर रहे हैं।
जबकि सड़क निर्माण कार्य 10
प्रतिशत भी नहीं हो पाई है। ग्राम ओडाहुर पटेल मेंघनाथ दुग्गा ग्रामीण बृजलाल दुग्गा
सनवारीन सलाम एवं गरदा के पटेल सुगराम पुड़ो, ग्रामीण रमेश पउडओ आदि लोगों ने बताया कि हमारे गांव से ओडाहूर के लिए सड़कनिर्माण की स्वीकृति हुई थी। कौन से विभाग से हुई थी, इसकी जानकारी नहीं है। एक
दिन जेसीबी और ट्रेक्टर से काम करवाकर ठेकेदार चले गए। हमें बताया गया था कि दो भाग में सड़क बनेगी। भाग एक के लिए 19.84
लाख रूपये और भाग दो के लिए 19.90 लाख रूपये स्वीकृत मिलनेकी बात सरपंच, सचिव और ठेकेदार बताये थे। और एक दिन कामकरवाकर चले गए। काम पूरा करने की बात ठेकेदार से कहते हैं, तो
ठेकेदार सरपंच, सचिव के पास जाने कहते हैं, सचिव के पास जाते हैं, तो सचिव सरपंच को के पास भेजते हैं।
दो वर्ष होने के बाद भी सड़क निर्माण पूरा करने को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। बारिश में सड़क पर कीचड़
होती है, मुरमीकरण के लिए सरपंच पास गये तो बजट नहीं होनी की बात कही गई। हमने कीचड़ से मुक्त होने
प्रति परिवार 650 रूपये चंदा इकट्ठा कर और श्रमदान कर मुरमीकरण किये हैं। 392520 रूपये जारी होने के एक दिन भी हमारे गांव में काम नहीं हुआ है। इतनी राशि जनपद पंचायत से जारी होने के बाद भी सड़क निर्माण क्यों नहीं हुआ।जनपद पंचायत दुर्गूकोंदल से जारी 39 लाख, 2 हजार, 520 रूपये आखिर कहा गया, इसकी जांच होनी
चाहिए।

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