*वीर बाल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में साहेबजादों की वीरता को किया गया स्मरण*,,,,,,,,,,,,,,,,,,*कोंडागांव से राज मन नाग की रिपोर्ट*
*कोण्डागांव,::::::: अपने माता-पिता गुरु और धर्म के संस्कारों के प्रति अडिगता के कारण बाल्यकाल में ही निर्ममतापूर्वक मार दिए गए दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों की स्मृति में वीर बाल दिवस का आयोजन जिला मुख्यालय स्थित नगर पालिका के ऑडिटोरियम में किया गया। इस अवसर पर गुरु गोविंद सिंह के पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह के जीवन वृत्तांत की चित्र प्रदर्शनी के साथ ही चित्रकला, रंगोली, निबंध और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित विधायक सुश्री लता उसेंडी ने कहा कि सिखों के अंतिम गुरु श्री गोविंद सिंह के पुत्रों ने अत्यंत कम उम्र में ही अकल्पनीय पीड़ा सही, किन्तु वे अपने सिद्धांतों के प्रति अडिग रहे और अपने माता-पिता के संस्कारों और धर्म को छोड़ने के बजाय मृत्यु को हंसते-हंसते अपना लिया। इतिहास की यह घटना बहुत ही क्रुरतम रही, किन्तु हम इस घटना में बलिदान हुए हमारे वीर बालकों से अपरिचित थे।
उन्होंने अपना सर्वाेच्च त्याग किया। हमारे इतिहास की घटना से हमें अपरिचित रखने का प्रयास किया गया, किन्तु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इन साहेबजादों के बलिदान की स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी ऐसे वीरों के साहस की गाथा को जान सके। उन्होंने कहा कि चार साहेबजादों ने उस समय की चुनौतियों का वीरतापूर्वक सामना किया और वे इतिहास में अजर-अमर हो गए। इस अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।