- वार्ड आरक्षण से भाजपा की कथनी- करनी की खुली पोल
- नगर निगम क्षेत्र के तीन वार्ड कम किए गए
- जगदलपुर। पूर्व विधायक व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने भाजपा पर पिछड़े वर्गों के हितों पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया है। मीडिया को जारी बयान में जैन ने कहा है कि इससे एक बार फिर भाजपाई जुमलों की पोल खुल गई है। साथ ही उसके कथनी- करनी का भेद भी खुल गया है। नगर निगम जगदलपुर में 48 में से मात्र 9 वार्ड पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित किए गए हैं जबकि 2014 व 2019 में इस वर्ग के लिए आरक्षित वार्डों की संख्या 12 थी। पूर्व विधायक जैन के अनुसार तीन वार्ड घटाना भाजपा की इस सोच को दर्शाती है कि वह पिछड़े वर्गों की हितैषी नहीं है बल्कि केवल ऐसा करने का स्वांग भर रचती है।
- राजधानी से निकाय को यह लिखित निर्देश दिया जाना कि निकाय विशेष में पिछड़े वर्गों के लिए कितनी सीटें आरक्षित होंगी, स्थानीय अधिकारियों- कर्मचारियों के बुद्धि बल को कम आंकना ही नहीं उनके योग्यतम होने पर भी सवाल उठाता है, जो निंदनीय है। अन्य पिछड़े वर्ग का आरक्षण घटाना भाजपा सरकार की सोच को भी दर्शाता है। इस वर्ग का आरक्षण घटाना एक्ट का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन है जिसका खामियाजा भरने के लिए भाजपा को तैयार रहना चाहिए।
- पिछले बार से तीन सीटें क्यों घटीं भाजपा को जनता को बताना चाहिए ?
- श्री जैन ने कहा है कि वर्ष 2019 में शहर के 48 में से 12 वार्ड अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित थे। तब महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव, प्रतापदेव, रवींद्रनाथ टैगोर, मदर टेरेसा, संजय गांधी, गुरु गोविंद सिंह, महेंद्र कर्मा, बलीराम कश्यप, सरदार भगतसिंह, माता संतोषी, चंद्रशेखर आजाद व सरदार वल्लभभाई पटेल वार्ड अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित थे। इन 12 वार्डों के पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व हो सका था। भाजपा के द्वारा पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित वार्ड संख्या घटाए जाने से न केवल इनका प्रतिनिधित्व घटेगा बल्कि इन वर्गों की आवाज भी निकाय में नहीं गूंजेगी। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कारवाई तो होनी ही चाहिए और भाजपा को इस कृत्य के लिए पिछड़े वर्ग से माफी भी मांगनी चाहिए। पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित तीन सीट घटने का उपयुक्त कारण भी जनता को बताया जाना चाहिए।