*शासन प्रशासन की लापरवाही ने ले सकती थी मां बच्चे की जान परिजनों ने सुझबुझ से बचाई मां बच्चे की जान।आर एल कुलदीप की रिपोर्ट :-*

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*शासन प्रशासन की लापरवाही ने ले सकती थी मां बच्चे की जान परिजनों ने सुझबुझ से बचाई मां बच्चे की जान।आर एल कुलदीप की रिपोर्ट :-*

कांकेर/बडगांव:-
हम बात करते हैं सरकार की जहां गर्भवती माता व शिशुसंरक्षण जननी सुरक्षा योजना कुपोषित बच्चों की देखभाल करने जैसे तमाम योजनाओं को क्रियान्वित करने बातें करती है पर आज आजादी के 77वर्ष के बाद भी किसी तरह सरकार की कोई भी सिस्टम नहीं सुधरी ना सड़क ना पुल-पुलिया ना नल-जल योजना प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना प्रधानमंत्री आवास योजना न किसानों को ठीक से बिजली मुहैया नही मिलती जैसे तमाम योजनाएं सरकारी दफ्तरों में सिमट कर रह जाती है क्यो नही पहुंचती आमजनों तक।
चाहे सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की या अन्य राजनीतिक दलों की सिस्टम अब तक नहीं सुधरी और मंहगाई आसमान छु चुकी है आजादी के 77वर्ष के बाद भी कहीं कहीं जिला स्तर को छोड़ो तहसील स्तर छोड़ो ग्राम पंचायत स्तर के गांव में कई सुविधाएं नहीं पहुंची क्यो सिस्टम खराब कहें या सिस्टम को चलाने वाले।

जब कभी अधिकारी हो या कर्मचारी कहीं जाने से पहले ड्राइवर को गाड़ी में आईल पानी डिजल देखने को कहते हैं ताकि गाड़ी रास्ता में खराब ना हो उसी तरह अगर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और शासन प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी सिस्टम से कार्य करते प्रत्येक ग्राम पंचायत व ग्रामों के सर्वे लिस्ट के मांग पत्रो को देखकर कार्य करते तो शायद यह दिन लोगो को ना शासन प्रशासन को देखना नहीं पड़ता।।। उन्हें तो वोट चाहिए…..।

अब चलते हैं गर्भवती के परिजनों व ग्रामीणों के पास क्या कहते…

मैं सुमेश भीमा पत्नी भुनेश्वरी भीमा
ग्राम नेडगांव तहसील पखांजूर जोकि मुझे मेरे पत्नी को लेकर अस्पताल जाना था लेकिन दिनांक 17/08/2023 को रात लगभग 8 बजे डिलिवरी करवाने बड़गांव अस्पताल ले जाने प्रसुति गाडी102 को जब फोन किया तो मुझे मुहैया नहीं कराया गया क्योंकि वह गाड़ी ग्राम जोगिन नदी तक आई नदी में पानी अधिक होने के कारण गाडी वापस चली गई।
और दूसरी तरफ़ पाचांगी नदी है जहां भी पुलिया का निर्माण नहीं है तो मुझे 102की सुविधा नहीं मिली तो हमारे परिजन और मितानिन श्रीमती सुगर बाई मिलकर डिलिवरी करायें।
लेकिन मां बच्चे का चेकअप के लिए
सुबाह मुझे अस्पताल स्वयं के मोटरसाइकिल से 12कि.मी मां एवं दुधमुंहे बच्चे को बड़गांव अस्पताल पहुंचाना पडा ।
यह स्थिति बनी हुई है ग्राम पंचायत नाहगीदा के तमाम आश्रित ग्रामों में यहां ठीक से सड़क नहीं है ना पुल पुलिया यहां हमेशा हम ग्राम नेडगांव वासीयों को असुविधाएं झेलनी पड़ती है इसके लिए जनप्रतिनिधि ना शासन प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहे कितने बार आवेदन दें चुके हैं पर कोई कार्यवाही नहीं होती हैं।
*अब तो ग्रामीणों का कहना है कि बिजली पानी सड़क दो और वोट लो।*

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