*युवा कल्याण मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने माइस में मजदूर के सिर पर गिरा पत्थर हुई मौत ।पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग ज्ञापन सौंपा।आर.एल.कुलदीप की रिपोर्ट:-*
माइंस प्रबंधन का कहना है सूर्यभान चिराम मोनेट माइंस में मजदूर नहीं था कोर ड्रिलिंग ठेकेदार को पानी सप्लाई का काम करता था।*
*दुर्गूकोंदल*। ग्राम हाहालद्दी के मोनेट जेएसडब्ल्यू मांइस में माइंस प्रबंधन की लापरवाही के चलते माइस में कार्यरत मजदूर के सिर में चट्टान गिरने के कारण सूर्यभान चिराम पिता सेवालाल चिराम ग्राम कर्रामाड़ निवासी की मृत्यु हो गई है। युवा कल्याण मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने तहसीलदार दुर्गूकोंदल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपकर पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने और मोनेट जेएसडब्ल्यू मांइस प्रबंधन के लापरवाही की जांच कर कार्यवाही करने की मांग किया है। युवा कल्याण मजदूर संघ अध्यक्ष दर्शन नरेटी, उपाध्यक्ष सोमल जैन, सचिव नरेंद्र जैन, कोषाध्यक्ष महत्तम दुग्गा, सदस्य पीलाराम उयके, श्रवण दुग्गा ने बताया कि ग्राम कर्रामाड़ निवासी सूर्यभान चिराम मोनेट जेएसडब्ल्यू माइंस में पीकअप वाहन चलाने का कार्य। करता था, इसी दौरान पहाड़ी में माइंस का पत्थर गिरने और सिर में टकराने से मौत हो गई है। 24घंटे बीतने के बाद भी पीड़ित परिवार को माइंस प्रबंधन के द्वारा कोई भी आर्थिक सहयोग नहीं दिया है। और जिला प्रशासन भी घटना की सुध नहीं ले रही है। इसीलिए युवा कल्याण मजदूर संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम दुर्गूकोंदल तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और मोनेट जेएसडब्ल्यू माइंस प्रबंधन की लापरवाही से हुई घटना की जांच की मांग किया है। *इस संबंध में जेएसडब्ल्यू माइस प्रबंधन से बात करने के उपरांत पता चला है कि सूर्यभान चिराम मोनेट माइंन में मजदूर नहीं था वह कोर ड्रिलिंग ठेकेदार को पानी सप्लाई का काम करता था*, *वह खुद ही पिकप का मालिक एवं ड्राइवर था। हादसे के दिन वह ड्रिलिंग पॉइंट में बैठकर मोबाइल देख रहा था, उसी दौरान कहीं से पत्थर गिरने से उसके सिर में चोट आयी और कंपनी द्वारा उसे तत्काल दुर्गुकोंदल हॉस्पिटल पहुंचाया गया जिसके बाद डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार कर उसे कांकेर हॉस्पिटल रेफर किया तथा कांकेर हॉस्पिटल के डॉक्टर द्वारा उसे रायपुर हॉस्पिटल रेफर किया गया, तुरंत कंपनी के एम्बुलेंस द्वारा उसे रायपुर के लिए रवाना किया गया परंतु रास्ते में ही उसका देहांत हो गया। कंपनी ने धमतरी हॉस्पिटल में उसके पोस्टमार्टम की व्यवस्था कारवाई जहां पर उसका परिवार भी उपस्थित था एवं उसके बॉडी को भी उसके घर पहुचाने की व्यवस्था कारवाई। इसके अलावा कंपनी द्वारा तुरंत 50000/- की आर्थिक सहायता उसके परिवार को पहुंचाई गई। उसको इंश्योरेंस कंपनी से पैसा दिलाने के लिए कंपनी द्वारा उचित कार्रवाई की जा रही है*।
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