*भारतीय कृषि अप राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान रायपुर में दो दिवसीय कार्यशाला प्रशिक्षण संगोष्ठी आयोजित की गई थी*,,,,,,,,*आर एल कुलदीप की रिपोर्ट*

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*भारतीय कृषि अप राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान रायपुर में दो दिवसीय कार्यशाला प्रशिक्षण संगोष्ठी आयोजित की गई थी*,,,,,,,,*आर एल कुलदीप की रिपोर्ट*

दुर्गुकोंदल::::::::: राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, रायपुर में मंगलवार को राज्य स्तरीय दो दिवसीय कार्यशाला एवं प्रशिक्षण संगोष्ठी आयोजित की गई , जिसके मुख्य अतिथि डॉ पी दास ,भूतपूर्व उप महानिदेशक (कृषि विस्तार ) थे। वहीं श्री प्रकाशमणि त्रिपाठी , कुलपति , इंदिरा गाँधी जन जातीय विश्वविद्यालय ,अमरकंटक एवं डॉ गिरीश चंदेल , कुलपति, इंदिरा गाँधी कृषि विवि रायपुर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस कार्यशाला में इंदिरा गाँधी कृषि विवि के निदेशक, प्राध्यापक , कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी सहित करीब 300 किसानों ने भाग लिया।जिसमें किसान विकास समिति गोटुलमुण्डा के निर्मला भास्कर व उनके सदस्य को आमंत्रित किया गया था।विदित हो कि यह किसान विकास समिति मोटे अनाज के उत्पादन व बीज संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा आउट रीच कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की गई।
डॉ पी दास ने अपने सारगर्भित सम्बोधन में कृषि विस्तार की तकनीक हस्तान्तरण विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ गिरीश चंदेल ने भारत सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में अवगत कराते हुए नरवा घुरवा बाड़ी जैसी योजनाओं की भी जानकारी दी। आपने मिलेट कैफे और लघु धान्य का उत्पादन बढ़ाने के बारे में भी बताया। प्रो प्रकाशमणि त्रिपाठी ने परम्परागत कृषि तकनीक एवं कृषि के तीन आयामों सामाजिक , आर्थिक और पर्यावरण पर चर्चा कर किसानों की स्थानीय फसल किस्मों को देश की संरक्षित धरोहर बताया और इस विषय में अधिक अनुसंधान और प्रचार -प्रसार करने पर ज़ोर दिया।इसके पूर्व राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, रायपुर के निदेशक डॉ पी के घोष ने अतिथियों का स्वागत कर संस्थान में जारी गतिविधियों की जानकारी देकर बताया कि इस संस्थान में खास तौर से अजा और अजजा वर्ग के किसानों के हित में कई कल्याणकारी परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे हज़ारों किसान लाभान्वित हुए हैं। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ अनिल दीक्षित ने किया और आभार प्रदर्शन डॉ ममता चौधरी ने किया।

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