*कोटवार संघ ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर, धरना प्रदर्शन स्थल से ,तहसील कार्यालय तक रैली निकालकर ,दो सूत्रीय मांगों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ,दुर्गूकोंदल तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा, कोटवार संघ के मांगों का, पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा ने समर्थन किया*,,,,,,,,,,,*आर एल कुलदीप की रिपोर्ट*
दुर्गूकोंदल::::::::: कोटवार संघ दुर्गूकोंदल ने 23फरवरी को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और धरना प्रदर्शन स्थल से तहसील कार्यालय तक रैली निकालकर दो सूत्रीय मांगों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम दुर्गूकोंदल तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। कोटवार संघ के मांगों का पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा ने समर्थन किया। कोटवार संघ अध्यक्ष गणेश टांडिया, सचिव बुद्धदेव नाग ने बताया कि 23फरवरी 2019को पाटन में कोटवारों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मालगुजारों के द्वारा दी गई जमीन को कोटवारों को मालिकाना हक देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आजतक कोटवारों को मालगुजारों की जमीन का मालिकाना हक दिलाने कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी आश्वासन को याद दिलाने एक दिलाने धरना प्रदर्शन और रैली किये हैं, साथ ही हमारी दूसरी मांग है कि कोटवार तहसील और पुलिस विभाग की प्रमुख अंग हैं, लेकिन आज तक कोटवारों की स्थिति नहीं सुधर पाई है, इसलिए कोटवारों को शासकीय कर्मचारी का दर्जा देते हुए राजस्व विभाग में संविलियन किया। हम प्रदेश में चल नारे भूपेश है, तो भरोसा है, इसी नारे को याद दिलाते हमारी मांग को शीघ्र पूरा होने की आस रखें हैं, इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो प्रदेश कोटवार संघ के निर्देश पर पुनः आंदोलन करेंगे। कोटवारों के समर्थन में तहसील कार्यालय पहुंचे पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा ने कहा कि कोटवारों की मांग जायज है, प्रदेश की कांग्रेस सरकार के द्वारा जल्द पूरा करना चाहिए। लेकिन कांग्रेस सरकार के नीति में संविदा कर्मी, अनियमित कर्मचारी, आंगनबाड़ी, रसोईयाओं के लिए कोई जगह नहीं मिली है, गंगा जल लेकर 36वादे को पूरा करने की कसम खाने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री विधायक, कांग्रेस नेता मूक दर्शक बने हुए हैं। चार साल बेरोजगारों को तरसाने के बाद अब कहते हैं, बेरोजगारी भत्ता देंगे। चुनावी लाभ लेने का तरीका है, इसलिए कांग्रेस सरकार को आगामी चुनाव में सत्ता से उखाड़ फेंकना है। मैं कोटवारों की मांगों का समर्थन करता हूं। इनकी मांग जायज है। इस अवसर पर सहादूर टांडिया, बंशीलाल टांडिया, कमलेश नाग, बिनेश टांडिया, मनसोहन, सहदेव कचलाम, रम्हई मानिकपुरी, भागोबाई, अमरोतिन टांडिया, रामचरण कोमरा, बैसूराम सहित समस्त कोटवार उपस्थित थे।