*केसीजी जिला कलेक्टर साहब के नाक के नीचे ,पीएचई विभाग खिला रहा बंदरबांट का गुल….*,,,,,,,,,,,,,,,*नितिन भांडेकर की रिपोर्ट*
*वनांचल ग्राम देवरचा सहित ,पूरे केसीजी जिला में नल जल योजना का हो रहा बंठाधार*
*पीएचई का बुरा है हाल ,न बोर्ड न कोई देखने वाला*
*केसीजी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग नींद में,,प्लिंथ को मिट्टी से भरा गया*
खैरागढ़:::::::::::::राज्य शासन की लगातार प्रयास अब हर ग्राम और कस्बा में पहुचने लगा है, जिसके तहत आम जन को पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगभग सभी कस्बों और ग्रामो में महत्वपूर्ण योजना के तहत जल पहुँचाया जा रहा है ।
भोजन के साथ ही स्वच्छ जल भी उपलब्ध हो सके जिसके लिए सरकार की ओर से नल जल योजना स्थापित कर मूर्त रुप प्रदान किया गया है।
यद्यपि उक्त कार्यो के लिए लोक स्वास्थय यात्रिकों विभाग की स्थापना पूर्व मे ही की जा चुकी हैं परन्तु इस बार सरकार ने इस विभाग के कंधो पर राज्य की जनता के हितार्थ यह अतिरिक्त कार्य और जोड़ दिया है।
परन्तु सरकार की यह जनहितैषी योजना न हुई बल्कि विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों का चारागाह बन गया है।
केसीजी जिला के सभी विकासखंड मुख्यालय अंतर्गत ग्रामीण तथा ग्रामीण वनांचलों में अधिकारयों द्वारा भर्रासाहि अपनी चरम सीमा पर है।
आपको बता दें कि छुईखदान से मात्र 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वनांचल गाव देवरचा मे शासन की इसी योजना की धज्जिया उड रही है ।
कार्य स्थल का मुआएना करने पर कार्य मे भ्रष्टाचार के दानव साफ दिखाई देते है ।
जनता के पैसे से ही जनता को पहुंचाएं जाने वाले विकास कार्य को लेकर स्थानीय से लेकर ऊपर तक के जनप्रतिनिधियो के मौन रहने मात्र से शासन को करोड़ो का नुकसान पहुचने से कोई नही रोक सकता।
ग्राम देवरचा मे हो रहा निर्माण अपने आप मे भ्रष्टाचार की पूरी कहानी बयां कर रही है ।
फ़िर भी कहने सुनने और स्वयं की आखो से देखने मे बढा अंतर बताया गया है।
जानकारी के मुताबिक इन इलाके मे इस योजना के तहत लाखो रूपया की स्वीकारोक्ति हो चुकी है।
काम चालू भी है परन्तु भ्रष्टाचार की बलिवेदी पर रसूखदार ठेकेदार को कोई निर्देश भी नही दे सकता ,उनके द्वारा कराये जा रहे कार्य की गुणवत्ता को देखने के कोई नही है।
इससे साफ पता लगता है की कार्य मे बंदरबाट हो रहा है।
बताया जाता है कि उक्त योजना के तहत किए गए स्थल का चयन गलत स्थल को चयनित किया गया है ।
स्थल पर भी अब सवाल उठने लगे है क्योकि निर्माणाधीन स्थल व स्कूल के बीच कोई खास दूरी नही होना बताया जा रहा है, मतलब यदि उक्त योजना मे भविष्य यदि कोई घटना घटित होती है तो स्कूली बच्चो को हानि होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता।
केसीजी जिला अन्तर्गत ग्रामीण अंचलों में निर्मित जलजीवन मिशन की ,स्ट्रक्चर प्लिंथ फिलिंग को देखने से अब डर लग रहा है।
शासन द्वारा निर्माण कार्य को लेकर अलग अलग नियम बनाये गए है जैसे कि अगर कोई स्ट्रक्चर खड़ा होता है तो उसके कालम मे रेत फिलिंग किया जाना है प्लिंथ को भरने के लिए मुरुम वग़ैरह का उपयोग किया जाता है ।
लेकिन पूरे केसीजी जिले के ग्रामीण छेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय,(पी,एच,ई) विभाग के द्वारा कराए जा रहे कार्य को देखकर डर अब लगने लगा है ।
*स्ट्रकचर में मिट्टी धंसा रहा है *
कालम का भराव देखने से ही भय लगने लगा है, जिसमे बोरिंग का पानी भरते जा रहा है,जो कालम के लिए नुकसान ही दायक साबित होगा ।
लेकिन विभाग द्वारा कोई ध्यान नही दिया जाना ग्रामीणो का चिंता का सबब बनते जा रहा है।
इस प्रकार उक्त योजना में हो रहे स्वास्थ्य पेय जल को भ्रष्टाचार के साथ ही फेल करने की साजिश का आभास हो रहा है ।
जल्द ही जाच कर दोषियो पर कार्यवाही न की गई तो जनता सडक पर उतर सकती है।