*माता पहुंचानी 30जनवरी को हुई, शीतला मंदिर से बारात कुछ दूरी में महुआ पेड़ नीचे बनी, मंडप की तीन बार परिक्रमा कर माता को विदाई दी गई*,,,,,,,,,,, आर एल कुलदीप की रिपोर्ट*

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* माता पहुंचानी 30जनवरी को हुई, शीतला मंदिर से बारात कुछ दूरी में महुआ पेड़ नीचे बनी, मंडप की तीन बार परिक्रमा कर माता को विदाई दी गई*,,,,,,,,,,, आर एल कुलदीप की रिपोर्ट*

दुर्गूकोंदल:::::::::ग्राम सुखई में माता पहुंचानी 30जनवरी को हुई। माता पहुंचानी में शीतला मंदिर से बारात निकली और गांव से कुछ दूरी में महुआ पेड़ नीचे बनी मंडप की तीन बार परिक्रमा कर माता को विदाई दी गई।

माता से पीड़ित लोगों ने सफेद कपड़े पहनकर पहुंचानी में शामिल हुए।

बताया जा रहा है, माता के रूप में शरीर में चिन्ह दिखाई देने पर गांव के गायता माता से पीड़ित लोगों की सेवा कर विधिवत पूजा अर्चना कर विदाई की मन्नत मांग करता है, इसलिए माता पहुंचानी का आयोजन कर विधिवत गांव के शीतला और दरश सवार सिरहा की अगुवाई में विदाई जाती है।

सुखई माता पहुंचानी पर ग्राम गायता सदन पुड़ो, तुलसी पुड़ो, ग्राम पटेल बज्जूराम कोमरा, सत्यनारायण जैन, बिहारी पुड़ो, चिमनीलाल नरेटी, भारत सलाम, बिदूर मातलाम, राकेश जैन, रोहित जैन सहित समस्त ग्रामीण महिला पुरूष और सगाजन उपस्थित थे।

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