*जय सेवा जय बूढादेव जय गोंडवाना ,तीन दिवसीय पेंन (देव) करसाड़ जात्रा, एन एच 63 वीर नार गोरला चौक में , हर्षोल्लास के साथ मनाया गया *,,,,,,,,,,,,,,,,*भोपाल पटनम से मुर्गेश शेट्टी की रिपोर्ट*
भोपाल पटनम::::: बीजापुर जिले के अतिसंवेदनशील
क्षेत्र भोपाल पटनम तहसील अंतर्गत वीर नार गोरला चौक में आदिवासियों की समाजिक सांस्कृतिक परंपराएं पेंन शक्ति यो की संरक्षण संवर्धन रख कर आने वाले पीढ़ी को अपनी परंपराओं से अवगत होकर निरंतर बरकरार रखने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है ।
देव करसाड़ जात्रा का कार्यक्रम विकास खण्ड स्तरीय नहीं बल्कि कोयमूरी द्वीप गोंडवाना लैण्ड के अंतर्गत आने वाले कोया पूनेम गोंड जनजाति के विभिन्न राज्यों के 750 गोत्र के अंतर्गत आने वाले समस्त गोंडियन सगाजन अपने अपने मातृ पितृ शक्ति देवी देवताओं के साथ आगमन हुए तत्पश्चात भव्य पेंन करसाड स्थल वीर नार गोरला चौक में में समस्त आदिवासियों के आस्था पेंन शक्ति यो का मिलन हुआ ।
उसके उपरांत समस्त देवीय शक्तियों का नृत्य गीत के साथ आज पर्यंत तक आदिवासी समुदाय के अन्तर्गत पेनं शक्तियों के अनुमति से नार व्यवस्था के रूढ़ि जन्य पाऱंमपारिक पदाधिकारियों द्वारा भी देवीय शक्तियों के आरंभ होने पश्चात नृत्य प्रस्तुत किया गया है।
जिसमें मुख्य रूप से 04/01/2023 को कोयमूरी गोंडवाना लैण्ड के छत्तीसगढ़ सीमांत में सटे लगभग अनूसूचित क्षेत्र राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, तेलंगाना , आंधप्रदेश, महाराष्ट्र से भी वहां के पेंन पुरखा देवीय शक्तियां का आवागमन हुआ तत्पश्चात समस्त 750 गोत्र देवियों का एक अद्भुत समागम के रूप मिलन होने के पश्चात।
दिनांक 05/01/2023 देवी देवताओं का मिलन आदिवासी परंपरागत गाजे बाजे गीत के नृत्य के साथ हुआ।
06/01/2003 को देवी देवता का बिदाई में विकास खण्ड से 23 देवीं देवताओं का पेंन करसाड के बाद अपने पैतृक देव स्थलों ग्रामों के लिए पेनं करसाड वीर नार गोरला के आयोजक पटेल, पेरमा, गायता,पुजारी,वडडे , ध्रवा समाज प्रमुखों पदाधिकारियों लेया,लेयोर द्वारा अपने अपने गढ देवीय शक्तियों को नार ग्रामों*राज्यों में बडे ही हर्षवर्धन के साथ प्रस्थान किया गया आगमन हुआ है ।
जिसमें मुख्य देव एरनार मुयतोड इंदावेली ,बामन अव्वा (मां) है जो कि एरनाल मुयतोड की दो पत्नियां है ।
एरनाल मुसलोड का बड़ा पुत्र दीवान राज, पोमलैया , पुरसुंगा / पुकमूरिया, जिबो काटी, वैल्ली , बीरे हिंगा, अटपडगू ,ऐडेमर्री, बितुरहुंगा, नलहुंगा, नीलपराज, मुगाराज, नीलावारुडे, चिननावेला पेददावेला (भन्डारपल्ली, ग्राम) कंसूबरम चिकटदार, जावरूंगा, कारे मूत्ती, लिंगपराज, पडगेमारा ,आदि के आगमन पर मिलन समारोह हुआ है ।
*इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासीयों, की संस्कृति परम्परा रीतिरिवाज़ों को बनाये रखने व क्षेत्र की जनता “खुशहाली के लिये विगत वर्ष 2022 से मनाते आ रहे हैं।
इसमें मुख्य रूप से प्रत्येक देवी देवताओं के रूढ़ि जन्य पाऱंमपारिक पेरमा (माटीपूजारी ) वडडे,ध्रुवा के अहम भूमिका के साथ यहां सियान सज्जन,कोया गोंडवाना समाज के पदाधिकारियों, आदिवासी समाज से अपनी कड़ी मेहनत कर शिक्षा उच्च शिक्षा ग्रहण कर आरक्षण से कर्मचारी/अधिकारियों जनप्रतिनिधियों, लेया लेयोर के सहयोग से ऐसे कार्यक्रम निरंतर होते रहता है ताकि आने वाले पीढ़ी को को हमारी संस्कृति संगीत वाद्ययंत्र परंपराओं को ओर आकर्षित कर हमारे संस्कृति को यथावत रखा जाए।
इनके द्वारा पूजा पाठ किया जाता है दूर दराज से आये
ग्रामीणों आंगा देवो का दर्शन कर नारियल एडे फूल हल्दी कुमकुम के साथ पुजा किया जाता हैं।
कार्यक्रम का आयोजन कर्ता देव संगठन तह. भोपालपटनम जिला-बीजापुर ।