*सरगुजा में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे मीडिया कर्मी, पुलिस पर सत्तापक्ष के दबाव में कार्रवाई का लगाया आरोप*,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*
अंबिकापुर:::::::: इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के युवा आदिवासी पत्रकार सुशील बखला के खिलाफ अंबिकापुर कोतवाली थाने में सत्ता पक्ष के दबाव में हुई कथित द्वेषपूर्वक कार्यवाही के विरोध में सरगुजा जिले के पत्रकारों ने मोर्चा खोल दिया है।
सरगुजा पत्रकार संघ सहित समस्त पत्रकार संगठनों ने पत्रकार सुशील बखला के खिलाफ हुई षडयंत्र पूर्वक कार्यवाही के विरोध में अंबिकापुर के हृदय स्थल गांधी चौक पर अनिश्चित कालीन प्रदर्शन शुरू किया है।
दरअसल सरगुजा में विगत दिनों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार सुशील कुमार बखला को तथाकथित कांग्रेसी नेता इरफ़ान सिद्धकी ने जातिसूचक और भद्दी-भद्दी गाली देकर जान से मारने की धमकी इस बात को लेकर दी थी कि पत्रकार सुशील बखला बतौली के चिरंगा स्थित विवादित माँ कुदरगढ़ी एल्युमिनियम रिफाइनरी फैक्ट्री की खबर बनाने पहुंचे थे।
इधर पीड़ित पत्रकार सुशील बखला की शिकायत पर अंबिकापुर अजाक पुलिस ने आरोपी इरफान सिद्धकी के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया गया,।
लेकिन इस मामले में अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
उलटे कोतवाली पुलिस ने पीड़ित सुशील बखला पर दबाव बनाने की नियत से उसके ऊपर ही आईटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
पीड़ित पत्रकार के खिलाफ हुई इस कार्यवाही के विरोध में समस्त मीडिया कर्मियों में जबरदस्त आक्रोश है।
पत्रकार के हित में पत्रकारों ने निर्णय लिया है कि जब तक पीड़ित पत्रकार सुशील बखला को ससम्मान पूर्वक न्याय नहीं मिलेगा तब तक यह आंदोलन अनवरत जारी रहेगा।
पत्रकारों की मांग हैं कि इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराई जाये, साथ ही पत्रकार सुशील बखला के खिलाफ कोतवाली थाने में आईटी एक्ट के तहत हुई द्वेषपूर्वक FIR को वापस लिया जाए,।
इसके अलावा पत्रकारों की मांग है कि आरोपी इरफान सिद्धकी का, मां कुदरगढ़ी एल्युमुनिया फैक्ट्री से क्या संबंध है, इसे भी स्पष्ट किया जाए।
जब तक पत्रकारों की इस मांग को पूरा नहीं किया जायेगा तब तक यह धरना अनवरत जारी रखने की बात कही गई है।