*वेतन बगैर कर्मचारियों की ,कैसी दीपावली* ,*,,,,, दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,*

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*वेतन बगैर कर्मचारियों की ,कैसी दीपावली*

,*,,,,, दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,*

दीपावली त्योहार को 2 दिन बचे हैं और छत्तीसगढ़ सरकार की नाकामी की वजह से राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों को अब तक वेतन नहीं मिल पाया है , जिसकी वजह से कर्मचारियों में नाराजगी और मायूसी है । उक्त बातें भाजपा प्रदेश महामंत्री और प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कही है ।

कश्यप ने कहा कि देश के सबसे बड़े त्योहार दीपावली के लिए सभी तरफ उत्साह का माहौल है , लेकिन छत्तीसगढ़ सहित बस्तर संभाग में अभी तक कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है , त्योहार के समय वेतन न मिलने से कर्मचारियों के परिवार पर आर्थिक संकट आ पड़ा है । लेकिन राज्य सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है ।

कश्यप ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशून्य हो चुकी है , ऐसी सरकार जो अपने प्रदेश की जनता का सुख दुख न समझ सके उसे पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार ही नहीं है । सरकार जल्द से जल्द कर्मचारियों का वेतन जमा कर ताकि सभी लोग खुशी खुशी त्योहार मना सकें ।

केदार कश्यप ने कहा है कि भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ कर्मचारियों को लगभग 5500 करोड़ रुपये के लाभ से वंचित किया है ! वर्ष २०१९ से कर्मचारियों को केन्द्र द्वारा घोषित महंगाई भत्ता नहीं दिया गया , और कर्मचारियों के आंदोलन के बाद जब महँगाई भत्ता 5 प्रतिशत बढ़ा कर दिया गया तो इससे पूर्व के तीन साल का महंगाई भत्ता से उन्हें वंचित कर दिया ! भाजपा की सरकार में इस राशि को GPF में जमा कर दिया जाता था , जो कि रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को एक बढ़ी राशि के रूप में काम आता था !

इसी प्रकार आवास भाड़ा भत्ता सातवें वेतनमान अनुसार मिलना चाहिए, परंतु छत्तीसगढ़ सरकार ने यहाँ पे भी कर्मचारियों का गला दबाया है और प्रति मास तीन हज़ार रूपये का नुक़सान कर लगभग कर्मचारियों का डेढ़ हज़ार करोड़ रुपया का नुक़सान किया है ! इसका सबसे ज़्यादा नुक़सान पेंशनधारियों को हो रहा है , जो अपनी आवाज़ उठाने मै असमर्थ है ।

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