उपचुनाव की तैयारियां शुरू, विधायक या सांसद के निधन के छह माह के भीतर जरूरी है उपचुनाव* ,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,

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* उपचुनाव की तैयारियां शुरू, विधायक या सांसद के निधन के छह माह के भीतर जरूरी है उपचुनाव*

,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,

भानुप्रतापपुर::::::: उपचुनाव की तैयारियां शुरू, विधायक या सांसद के निधन के छह माह के भीतर जरूरी है उपचुनाव
रायपुर।

विधानसभा सचिवालय द्वारा विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

इसी के साथ ही इसकी सूचना विधानसभा ने निर्वाचन आयोग को भेज दी है।

उनके निधन रिक्त हुई भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है।

बता दें कि विधायक या सांसद के निधन के छह माह के भीतर उपचुनाव कराना आवश्यक होता है।

विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मनोज मंडावी के निधन के बाद यहां 6 महीने के भीतर यानी 16 अप्रैल से पहले चुनाव कराना होगा। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह पांचवां उपचुनाव होगा।

इससे पहले चित्रकोट विधायक दीपक बैज के बस्तर सांसद चुने जाने के बाद वहां उपचुनाव हुआ।

फिर दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की नक्सली हत्या के बाद उपचुनाव हुआ।

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खैरागढ़ में उपचुनाव हो चुके हैं।

2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भानुप्रतापपुर सीट से मनोज मंडावी के अलावा भाजपा से देवलाल दुग्गा चुनाव मैदान में थे। इसमें मंडावी को 72520 वोट मिले थे, जबकि दुग्गा को 45827 वोट मिले थे। इस तरह 26693 वोट से मंडावी जीते थे।

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