*छत्तीसगढ़ बना भ्रष्टाचार का गढ : डीईओ दफ्तर के बाहर बैठकर शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, और शिक्षकों ने ही लगाए कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप, पदस्थापना में शिक्षकों से 50 हजार रुपए तक हो रही उगाही, ,,,**दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,**

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*छत्तीसगढ़ बना भ्रष्टाचार का गढ : डीईओ दफ्तर के बाहर बैठकर शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, और शिक्षकों ने ही लगाए कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप, पदस्थापना में शिक्षकों से 50 हजार रुपए तक हो रही उगाही,
,,,**दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,**

अम्बिकापुर:::::::::, बलरामपुर रामानुजगंज जिले में प्रधान पाठक प्राथमिक शाला टी संवर्ग में 1104 और ई संवर्ग में 76 कुल 1180 पदों पर पदोन्नति आदेश जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी करने के बाद विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है।

शिक्षक लोक शिक्षण संचनालय के दिशा-निर्देश के विरुद्ध पदस्थापना करने का आरोप लगाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।

जिले के सभी विकासखंडों से पहुचे शिक्षकों ने एक स्वर में त्रुटिपूर्ण सूची निरस्त करते हुए नया सूची जारी करने को लेकर जमकर नारेबाजी की।

शिक्षकों ने एक स्वर में आरोप लगाते हुए कहा कि जिन शिक्षकों द्वारा 10 से 50 हजार रुपए दिया गया, उन्हें मन मुताबिक पदस्थापना कर दिया गया।

वहीं जिनके द्वारा पैसा नहीं दिया गया या कम पैसा दिया, उन्हें अनावश्यक परेशान करने शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया।

शिक्षकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि लोक शिक्षण संचनालय छत्तीसगढ़ के द्वारा पदोन्नति के लिए जारी दिशा-निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन जिले के सभी विकास खंडों में किया गया।

पदांकन शिक्षक विहीन व एकल शिक्षकीय विद्यालय में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति करने के लिए निर्देशित किया था, लेकिन इसका ध्यान नहीं रखा गया, जबकि निर्देश है कि सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक प्राथमिक में पदस्थापना करने अगर पदस्थ विद्यालय में पद खाली हों तो उसी विद्यालय में वरना ब्लॉक में पद खाली हो तो उसी ब्लाॅक में और ब्लॉक में पद खाली न हो तो जिले के समीपस्थ ब्लॉक में पदांकन किया जाए, लेकिन इसका भी ध्यान नहीं रखा गया।

यही नहीं यथासंभव पदांकन अगर पद खाली हो तो उसी संस्था में किया जाए, लेकिन इसका भी कई स्कूलों में उल्लंघन किया।

*आरोप: वसूली करने की नीयत से एक आदेश जारी*

शिकायतों की लगी झड़ी कलेक्टर और विधायक के पास भी पहुंचे शिक्षक प्रधान पाठकों का पदोन्नति आदेश जारी होते ही शिकायतों की झड़ी लग गई।

शिकायत लेकर कुछ शिक्षक जहां कलेक्टर के पास पहुंचे, वहीं विधायक के पास भी गए।

शिक्षकों ने आरोप लगाया कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा सामूहिक सूची का प्रकाशन नहीं कर एक-एक लोग के नाम से सिंगल आदेश जारी किया गया, ताकि आसानी से वसूली करते बने।

सरकार के दिशा-निर्देश पर पदोन्नति की गई
जिला शिक्षा अधिकारी महिलांगे ने कहा कि शासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पदोन्नति की गई है, शंकरगढ़ में खाली पद कम था, अधिक लोगों का प्रमोशन हुआ।

इस पर नजदीक के विकासखंड राजपुर, कुसमी में समायोजन किया गया।

बाकी बचे शिक्षकों का बलरामपुर विकासखंड में पदस्थापना की गई।

इसी प्रकार वाड्रफनगर में भी खली पद कम था और नजदीक के विकासखंड रामचंद्रपुर के पदों पर पदस्थापना की गई ।

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