*जब तक शोषण , तब तक क्रांति, और नक्सलवाद का अस्तित्व-नक्सली प्रवक्ता*
*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*
*नक्सली प्रेस नोट*
बस्तर संभाग,जगदलपुर, :::::::::::: नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने तेलंगाना डीजीपी के नक्सलियों की विचारधारा, नेतृत्व और कैडर समाप्त होने संबंधी बयान का खंडन करते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है।
रविवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्वास्थ्य कारण से एक कार्यकर्ता के आत्मासमर्पण के दौरान तेलंगाना के डीजीपी मौके का फायदा उठाते हुये कहते है कि नक्सलियों की विचारधारा, नेतृत्व और कैडर समाप्त हो चुकी है, नक्सली संगठन स्वयं नष्ट हो जायेगी, उसको नष्ट करने के लिये बाहरी ताकत की कोई जरूरत नही है।
नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी तेलंगाना के डीजीपी के समक्ष एक सवाल रखती है कि यदि यह सत्य है, तो फिर क्यों केंद्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर सैनिकीकरण और नक्सलवाद को खत्म करने के लिये योजना लागू कर रही है? उन्होने कहा कि जब एक पत्रकार यह सवाल उठाता है कि, आखिर क्यों नक्सली बार-बार अपनी शक्ति प्रकट कर रहा है तो, डीजीपी के पास कोई जवाब नही होता है।
प्रेस नोट में आगे कहा गया है कि नक्सलबाडी सशस्त्र क्रांतिकारी आंदोलन की विरासत साढ़े पांच दशको से लेकर चल रही है।
केंद्र नेतृत्व कामरेड्स जो क्रांतिकारी आंदोलन में नक्सलबाडी के समय से जुड़े है, वो आज बुजुर्ग होते जा रहे है, कई स्वास्थ्य समस्या भी है।
परंतु एक क्रांतिकारी कभी दिमाग और विचार से बुजुर्ग नही होता। इसका गवाह विश्व के कम्युनिस्ट आंदोलन के इतिहास स्वयं है।
पार्टी दूसरे श्रेणी के कार्यकर्ता को विकसित कर रही है।
प्रेस नोट में कहा गया है कि कुछ केंद्रीय कमेटी के सदस्य, राज्य कमेटी के सदस्य और बाकी सभी स्तर के कार्यकर्ता पार्टी को छोड़ चुके है।
कुछ विश्वासघात करते हुये शोषक राज्य के साथ मिल चुके है।
यह पार्टी की कमी नही, बल्कि व्यक्ति की कमी है।
पार्टी की राजनीति वर्ग संघर्ष जो उत्पीड़न के खिलाफ है, उससे निकली है।
जब तक शोषण रहेगा, तब तक क्रांति, और क्रांतिकारी पार्टी अर्थात नक्सलवाद का अस्तित्व रहेगा।