*”मिले जो अश्क लबों से शराब हो गए,
सच को देखा तो चेहरे बेनक़ाब हो गए”*
,,,,,,,,,,,भोपालपटनम से तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,,,,
कवि सम्मेलन मे गीत गजलों ने दिल जीता नैमेड वासियों का।
नवरात्र पर्व के पंचमी पर ग्राम नैमेड मे हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन व्यापारी संघ और ग्राम वासियों के सहयोग से संपन्न हुआ। स्थानीय कवियों के साथ साथ बस्तर और दंतेवाड़ा जिले से आए कवियों ने नैमेड मे गीत,गजलों व कविताओं से साहित्य का रसपान कराया।नया बस स्टैंड नैमेड, कुटरू चौक मे आयोजन समिति द्वारा भव्य मंच तैयार किया गया, जहां सर्वप्रथम आए हुए अतिथियों ने माता वीणापाणी के चित्र पर दीपक जलाकर व पुष्प, नैवेद्य अर्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कवि अमितेश तिवारी की लिखी सरस्वती वंदना “माँ मेरी अभिव्यक्ति के हित ज्ञान के भंडार दे दो,
कर सकूं मै व्यक्त खुद को सुरमई उपहार दे दो।” गीत
को उनकी सुपुत्री करणिका तिवारी ने अपने मधुर स्वर मे प्रस्तुत किया। गीदम के हास्य व्यंग्य कवि लोकेश दादा ने “कभी भूखे को भजिया खिलाया नही” जैसे गीत और चुटकुलों से खूब हंसाया। अंचल के कवि बीरा राजबाबू ‘प्रखर’ ने शराबी पति से पीडित पत्नि की वेदना को तेलगू गीत गाकर सुनाया व मुस्कुराता बीजापुर तथा कलयुग पर छत्तीसगढ़ी मे प्रसंग सुनाकर सबकी तालियाँ बटोरी। दंतेवाड़ा के हास्य कवि अमित पूरब ने हास्य व्यंग्य और मंहगाई पर कटाक्ष करते हुए ” दाल भी कभी चांवल की संगनी थी, आज जुदा हो गए” जैसी मुद्दों पर लाजवाब प्रस्तुति दी। जगदलपुर से आए वरिष्ठ कवि सनत सागर ने शादी-ब्याह मे “बफे सिस्टम अब बफेलो सिस्टम हो गया” की पंक्तियों के हंसगुल्ले छोडे। गीदम के गजलकार व मंच संचालक विशाल आवारा ने अपने गीत “इस भूमि की करेंगे रक्षा हम अपने बलिदानों से” और
“मर मर के हमने उम्र को कीमत अदा किया।
करते रहे जफा वो, मगर हमने वफा किया।” जैसी गजलें पेश कर समां बांध दिया। गीदम की ही शायरा व गीतकार खुशबू कस्तूरी की गजल “मिले जो अश्क लबों से शराब हो गए, सच को देखा तो चेहरे बेनक़ाब हो गए।” मधुर कंठ से जब सुनाया तो सभी मंत्रमुग्ध हो गए। जिले के प्रतिभावान कवि पुरूषोत्तम चन्द्रकार ने “ये मिट्टी पूजते हैं हम और भूमकाल पर गीत गाकर वाहवाही लूटी। नैमेड की निवासी व जिले की वरिष्ठ कवियित्री, लेखिका उपन्यासकार डाॅ.ओमेशवरी नूतन ने नारी परिदृश्य पर आजकल हो रही चर्चा को अपनी रचना के माध्यम से व्यक्त किया और निकट भविष्य मे इसी तरह और बड़े कवि सम्मेलन नैमेड मे आयोजित करवाने की घोषणा की।
आयोजन समिति के प्रमुख आनंदराव,उमाशंकर जुमडे और मोहम्मद इकबाल खान ने सभी कवियों का सरपंच नैमेड, व संभ्रांत नागरिक सोमेन्द्र भदौरिया,पटेल जी ,कस्तूरी मैडम व अन्य ग्रामीणों के करकमलों से शाल और श्री फल भेंट कर सम्मानित किया गया। नवोदित कवि जीवनलाल साहू और अमितेश तिवारी के साथ सीनू और सैकड़ो की संख्या मे पंहुचे श्रोताओं ने समापन तक कवि सम्मेलन का रसास्वादन किया तथा स्मृति स्वरूप समूह मे फोटोग्राफ उपरांत रात 11.30 बजे सभी की विदाई हुई। इस हास्य कवि सम्मेलन के यादगार लम्हे नैमेड निवासियों को हमेशा गुदगुदाते रहेंगे