15 अक्टूबर तक बैंको में जमा सभी प्रकरणों का करें निराकरण -कलेक्टर,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,भोपालपटनम से तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,,,,,,,,,
सभी बैंकों में बैंक मित्र रखने के दिए निर्देश
बीजापुर – कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा की अध्यक्षता में जिला कार्यालय के सभाकक्ष में बुधवार को जिले के समस्त शाखा प्रबंधकों एवं कृषि, सहकारिता, मछली पालन, पशुपालन, अंत्याव्यवासी, एनआरएलएम और एनयूएलएम के विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में जिला स्तरीय परामर्शदात्री की बैठक रखी गई थी। बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की गहन समीक्षा करते हुए बैंकों द्वारा लम्बे समय से शासन की विभिन्न विभागीय योजनाओं के रूके प्रकरणों को 15 अक्टूबर तक निराकरण के निर्देश दिए, इस संबंध में पुनः समीक्षा 19 अक्टूबर को की जावेगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत जिले में कुल राशि 713 लाख रूपये की लागत से 517 प्रकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कुल 476 प्रकरण बैंकों में जमा हैं। जिसमें से मात्र 76 प्रकरणों को ही स्वीकृति दी गई है।
बैठक में अनुपस्थित रहने के कारण यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया बीजापुर और बैंक ऑफ बड़ौदा गंगालूर के शाखा प्रबंधक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। बैंकों में स्व सहायता समूह के कार्यो को प्राथमिकता से करने हेतु प्रत्येक गुरूवार को जिले की सभी शाखाओं में एसएचजी क्रेडिट लिंकेज के कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
जनपदों में प्रत्येक माह आयोजित होने वाली बीएलसीसी की बैठक को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में करने के निर्देश दिए हैं। बैंक के कार्यों के सुचारू संचालन व बैंक में आने वाले खाताधारकों को बैंकिंग कार्य में सहायता व जानकारी प्रदाय करने हेतु जिले की सभी बैंकों में बैंक मित्र बनाने के साथ शाखाओं में आने वाले हितग्राहियों के लिए पेयजल व्यवस्था करने के निर्देष दिए।
एसएचजी को गांव में एक वित्तीय संस्था के रूप में कार्य करनी है। जिसमें शासन द्वारा आरएफ में 15 हजार ओेर सीआईएफ में 60 हजार रूपये प्रदान किये जाने हैं।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी रवि साहू, लीड बैंक मैनेजर किसन लाल के अलावा जिले में बैंकों के शाखा प्रबंधक विभागीय अधिकारी व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में कार्य करने वाले अधिकारी शामिल हुए। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रवि साहू ने बताया कि एसएचजी में जुड़ी महिलाओं को शासन के विभिन्न विभागों जैसे पशुपालन, विभाग, मछली पालन विभाग, उद्यान विभाग आदि विभागों से लाभाविंत किया जाता है। इसलिए प्रत्येक ग्रामीण परिवार की महिलाओं को स्व सहायता समूह से जुड़ना चाहिए।