अखिल भारतीय आदिवासी महा सभा कोंटा ब्लाक कमेटी दोरनापाल में बैठक संपन्न,,,,,,,,, दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,,,,,,,
सुकमा :::::::::: अखिल भारतीय आदिवासी महासभा,जिला सुकमा
हमारे भारत देश में संविधान में प्रावधानों के तहत प्रजा उच्चतांत्रिक शासन प्रणाली के अनुसार शासन-प्रशासन चलता है।
संविधान में निहित प्रजातांत्रिक व्यवस्था में हर वर्ग,धर्म, जाति व लिंग मानव प्राणी को अपने सामाजिक संगठन, राजनीतिक संगठन के माध्यम से अपनी मांग रखने,बात बोलने तथा प्रजातांत्रिक ढ़ंग से आन्दोलन करने का अधिकार प्राप्त है।
इसी संविधान में निहित प्रावधानों के तहत ही आम जनता की सेवा के लिए जनप्रतिनिधियों का चुनाव, अधिकारियों की नियुक्ति होती है और वे संविधान का शपथ लेते हैं कि किसी भी प्रकार के भेदभाव के बिना संविधान में उल्लेखित, निर्देशित कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
लेकिन सुकमा इसका अपवाद है,जहाँ जनता की ज्वलंत समस्याओं के निराकरण की मांग व इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में कानूनी प्रावधानों के उचित रूप से क्रियान्वयन नहीं किये जाने की मांग लेकर अखिल भारतीय आदिवासी महासभा की ओर से ग्राम-सिलगेर से जिला मुख्यालय सुकमा तक पदयात्रा किये जाने की अनुमति मांगी गई थी।
लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि जिला प्रशासन द्वारा आम जनता को अपनी बात रखने से रोकने नियत से सुकमा तक पदयात्रा की अनुमति नहीं दी गई है।