नागरिकों को आत्महत्या रोकथाम के प्रति किया जा रहा जागरूक शहर में लोगों को दी जा रही आत्महत्या रोकथाम विवरण पुस्तिका,,,,,,,,जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा रिशव ने दी जानकारी ,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,,,,,,,,,
जगदलपुर :::::::: जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमचपी) बस्तर की टीम द्वारा शहर के बस स्टैंड,रेलवे स्टेशन, ऑटो स्टैंड, एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर आमजनों को आत्महत्या विवरण पुस्तिका का वितरण कर आत्महत्या रोकथाम के प्रति जागरूक किया जा रहा है। डीएमचपी टीम के द्वारा नागरिकों को अपने आस-पास रहने वाले ऐसे व्यक्ति जो मानसिक तनाव की अवस्था मे हो उन्हें पहचानने, उनकी मदद करने, उनसे बात कर उनकी मनःस्थिति जानने के बारे में बताया जा रहा है ताकि ऐसे लोग आत्महत्या की कगार पर ना पहुंच पाएं।
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ ऋषभ साव ने बताया: “आत्महत्या आवेग में उठाया कदम होता है और अगर आत्महत्या की मनोस्थिति को एक बार तोड़ दिया जाए तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है। आत्महत्या की एक बड़ी वजह मानसिक अस्वस्थता है। तनावग्रस्त व्यक्ति अक्सर तनाव से निदान पाने के लिए कई बार आत्महत्या की राह चुन लेता है या फिर मानसिक रोग का उपचार न होने के कारण रोगी अपनी जान ले लेता है जो गलत है। अगर किसी के मन मे आत्महत्या करने जैसे विचार आ रहे है तो वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है, मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नही, महारानी अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगियों को निःशुल्क परामर्श व उपचार दिया जाता है। स्पर्श क्लीनिक जगदलपुर हेल्पलाइन नम्बर 077822-22578 पर कॉल करके भी जानकारी ली जा सकती है।”
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के कम्यूनिटी साइकोलॉजिस्ट रूपेश मसीह ने बताया: “जिले में आमजनों को निःशुल्क बांटे गए विवरण पुस्तिका का प्रमुख उद्देश्य आत्महत्या के कारणों और उसके निदान के बारे जानकारी देना है। इस दौरान डीएमएचपी बस्तर की टीम द्वारा लोगों को मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित फैली भ्रांतियों के प्रति जागरूक किया गया। जिले में आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के तहत मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न शिक्षण संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।”
चेतावनी के यह संकेत बताते हैं कि एक व्यक्ति गंभीर खतरे में हो सकता है और उसे तत्काल मदद की आवश्यकता है।
● मरने या खुद को मारने की इच्छा के बारे में बात करना
● खुद को मारने का रास्ता खोजना
● निराशाजनक या बिना किसी उद्देश्य के जीने की बात करना
● दूसरों पर बोझ होने की बात करना
● शराब या ड्रग्स का उपयोग बढ़ाना
● चिंतित, उत्तेजित या लापरवाह होना
● बहुत कम या बहुत अधिक सोना
● अलग-थलग महसूस करना
● अत्यधिक गुस्सा करना या बदला लेने की बात करना