बीजापुर में रंगीलो रे गरबा ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट सेरेमनी हुआ संपन्न,,,,,,,
,,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,
*प्रमाणपत्र पाकर खुशी से झूम उठे गरबा प्रशिक्षणार्थी*
बीजापुर में 20 सितंबर से 30 सितंबर तक कुल 11 दिन रंगीला रे गरबा उत्सव का प्रशिक्षण बीजापुर आर्ट लिटरेचर एंड म्यूजिक *बालम* समिति के तत्वाधान में संपन्न हुआ। बीजापुर के स्थानीय कलाकारों की मेहनत रंग लाई जिसमें पहली बार रंगीलो रे गरबा ट्रेनिंग में 200 से अधिक महिला, पुरुष,बच्चों ने भागीदारी करते हुए गरबा सीखा। नवरात्र के अवसर पर मां दुर्गा की आराधना नृत्य के रूप में माता को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्ति गीतों पर गरबा नृत्य आयोजन की परंपरा सनातन संस्कृति में कई वर्षों से चली आ रही है। बीजापुर में यह पहला अवसर है जिसमें रंगीलो रे गरबा के माध्यम से बीजापुर के स्थानीय महिला पुरुष एवं बच्चे नवरात्र में 7 एवं 8 अक्तूबर को सांस्कृतिक मैदान में आयोजित होने वाले गरबा आयोजन में भागीदारी कर उत्सव को भव्य बनाएंगे। मंगल भवन में आयोजित सर्टिफिकेट सेरेमनी में नगर पालिका परिषद अध्यक्ष बेनहुर रावतिया, फुटबॉल संघ के अध्यक्ष एवं पार्षद जितेंद्र हेमला, पूर्व पार्षद हेमंत मुदलियार के करकमलों से प्रशिक्षार्थियों को ट्रेनिंग सर्टिफिकेट वितरण किया गया। सभी प्रतिभागी प्रमाण पत्र पाकर खुशी से झूम उठे और उनका उत्साह,उमंग उनके चेहरे पर मुस्कुराहट देखते ही बन रही थी । विदित हो की उक्त गरबा प्रशिक्षण देने के लिए जगदलपुर से प्रसिद्ध कत्थक नर्तकी भूमिका शाह के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया जिसमें हमारे बीजापुर के चार मास्टर ट्रेनर अनुश्री नायर, रागिनी बघेल,संदीप पुनेम , संजीव ओयाम और सहयोगी कोरियोग्राफर अभिषेक नेताम ने पूरी लगन निष्ठा और ईमानदारी के साथ में हर एक स्टेप को पूरे समय अपनी उपस्थिति से उन्हें प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण के अंतिम दिवस पर बालम की ओर से भूमिका शाह को शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। रंगीला रे कार्यक्रम के डायरेक्टर सुजीत मजूमदार के मार्गदर्शन में टीम के साथी, बीरा राजबाबू, उमा रेड्डी, मनीष बुराडे , सुप्रीति राय, रंजिता गुप्ता, गीतांजलि गुप्ता, अविनाश चापड़ी, शेख मोइन, दुलियंत चौहान, अनुष्का मजूमदार, पी.दिनेश,आदित्य मिश्रा आदि ने पूरे आयोजन को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । प्रमाणपत्र वितरण उपरांत सामूहिक फोटो खिंचवाकर आयोजन को यादगार बनाया गया और कार्यक्रम का समापन हुआ।