नक्सलियों के नाम पर पूरे नड़पल्ली गांव के आदिवासियों को रात 4 बजे थाना लाकर प्रताड़ित करना दुर्भाग्य जनक- लखेश्वर बघेल ,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,
15 दिन पहले IED ब्लास्ट में माँ अपने दोनों पैर खो देती है, और पुलिस बेटे को नक्सली बताकर उठा लेती है – लखेश्वर बघेल
बीजापुर,,,,,,,,,,
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार कांग्रेस का छः सदस्यीय जाँच दल मंगलवार को नडपल्ली गांव में ग्रामीणों के साथ हुए पुलिसिया अत्याचार की जाँच हेतु गया और ग्रामीणों से मिलकर संपूर्ण घटना की जानकारी जांच दल ने लिया है। वापस ज़िला मुख्यालय बीजापुर आकर जांच दल ने प्रेस वार्ता आयोजित किया प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जांच दल के संयोजक एवं बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा कि नडपल्ली गांव के ग्रामीणों ने जांच दल को बताया कि 5 जुलाई की देर रात सुरक्षा बलों ने पूरे नडपल्ली गांव को घेर लिया और गांव के बुजुर्ग और महिलाओं की छोड़कर 95 लोगों को रात 4 बजे पुलिस थाने उसूर लाया गया जिनमे पढ़ाई करने वाले छात्र, किसान, बीमारी से पीड़ित मरीज़ शामिल थे बाद में कुछ लोगों को छोड़ दिया गया। लखेश्वर बघेल ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि रात 4 बजे ग्रामीणों को थाना लाया जाना दुर्भाग्य जनक है, यह अपने आप में ऐसी पहली घटना होगी जिसमें पुलिस ने पूरे गांव वालों को नक्सलियों के नाम पर थाना लाया गया और उन्हें प्रताड़ित किया गया। उन्होंने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से आदिवासियों पर अत्याचार और प्रताड़ना की घटनायें बढ़ी है जिस तरह से नडपल्ली गांव के लोगों को पुलिस थाने में लाकर प्रताड़ित किया जा रहा है इससे तो यही लगता है कि नक्सलियों की आड़ में भाजपा सरकार षड्यंत्रपूर्वक आदिवासियों को ख़त्म करना चाहती है। 15 दिन पहले IED ब्लास्ट में अपने दोनों पैर खो देने वाली महिला का ज़िक्र करते हुए विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा कि जिस महिला ने IED ब्लास्ट में अपने दोनों पैर गवाईं है पुलिस उसी के बेटे को नक्सली बता कर उठा रही है इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है।
लखेश्वर बघेल ने आगे कहा कि भाजपा सरकार को यह बताना चाहिए कि ऐसी कौन सी मुसीबत आ रही थी कि पुलिस ने रात 4 बजे पूरे गांव के लोगों को उठाकर थाने ले आई है? जबकि पुलिस थाना और नडपल्ली गांव के इर्द गिर्द सुरक्षा बलों के दो कैम्प भी है। आख़िर नक्सलियों के आड़ में आदिवासी कब तक प्रताड़ित होते रहेंगे? भाजपा सरकार एक तरफ़ कहती है कि अब नक्सली ख़त्म हो गए है और वही दूसरी तरफ़ नक्सलियों के नाम पर पूरे गांव वालों को उठा लिया जाता है। लखेश्वर बघेल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ज़रूर आदिवासी है लेकिन प्रदेश का आदिवासी ही सुरक्षित नहीं है। लखेश्वर बघेल ने प्रेस वार्ता में कहा कि इस पूरे मामले को लेकर सड़क से सदन तक की लड़ाई कांग्रेस पार्टी लड़ेगी आगामी विधान सभा सत्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
वहीं प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि नक्सलियों के नाम पर लगातार प्रताड़ना से परेशान होकर आदिवासी अब अन्य राज्यों में पलायन कर रहे है भाजपा सरकार के पास आदिवासियों के लिए कोई योजना नहीं है और कोई नीति नहीं है। भाजपा सरकार के छः माह के शासन में उसकी कथनी और करनी को समझा जा सकता है भाजपा वास्तव में आदिवासी विरोधी है जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है तब से लगातार आदिवासी ही प्रताड़ित हो रहे है।
विदित हो कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के द्वारा दिनांक 8/7/2024 को बीजापुर ज़िले के उसूर थाना अंतर्गत नडपल्ली गांव में हुए पुलिसिया अत्याचार की जाँच हेतु छः सदस्यीय जाँच दल का गठन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने किया था जिसमें बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल को संयोजक बनाया गया था। और बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी, नारायणपुर के पूर्व विधायक चंदन कश्यप, श्रीमती नीना रावतिया उद्दे प्रदेश महामंत्री, शंकर कुड़ियम अध्यक्ष ज़िला पंचायत बीजापुर एवं लालू राठौर अध्यक्ष ज़िला कांग्रेस कमेटी आदि को जाँच दल का सदस्य बनाया गया था।
प्रेस वार्ता के दौरान ज़िला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम, ज़िला पंचायत सदस्य बसंतराव ताटी, ज़िला पंचायत सदस्य सरिता चापा, वरिष्ठ कांग्रेसी कामेश्वर गौतम, सुखदेव नाग, मनोज अवलम, महेश बेलसरिया, सुनील उद्दे, पुरुषोत्तम खत्री, के. जी. सत्यम, जितेंद्र हेमला, राजू गांधी, गिरधारीलाल राठी, बाबूलाल राठी और उतालिंगा राम के अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।