प्रदेश के मुख्यमंत्री आदिवासी, लेकिन प्रदेश के आदिवासी ही असुरक्षित हैं- संतराम नेताम,,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,

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प्रदेश के मुख्यमंत्री आदिवासी, लेकिन प्रदेश के आदिवासी ही असुरक्षित हैं- संतराम नेताम,,,,,,,,,

,,,,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,

निर्दोष आदिवासी मारे जा रहे है यह बेहद ख़तरनाक और चिंताजनक स्थिति – संतराम नेताम

पुलिस नक्सली मुठभेड़ में लगातार हो रही मौतों से आदिवासियों के अस्तित्व, जीवन शैली और संस्कृति पड़ रहा है विपरीत प्रभाव – संतराम नेताम

पीडिया मुठभेड़ की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में हो- संतराम नेताम

बीजापुर
16/05/2024
आठ सदस्यीय जांच दल के संयोजक व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने बीजापुर में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि “बीजापुर जिले के थाना गंगालूर अन्तर्गत ग्राम पंचायत पीडिया में बीते 10 मई 2024 को बीजापुर पुलिस ने मुठभेड़ में 12 नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया वही इसके उलट ग्राम पीडिया के ग्रामीणों ने पुलिस के दावों को ग़लत बताते हुए इस मुठभेड़ को फ़र्ज़ी करार देते हुए कहा कि मारे गये लोग आम आदिवासी है जो खेती किसानी करके अपना जीवन यापन करते है। टीवी, अख़बारों और सोशल मीडिया आदि में इस घटना को लेकर पुलिस और ग्रामीणों के दावों को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है।” पीडिया गांव की इस घटना को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज ने वस्तुस्थिति को जानने के लिए दिनांक 13/05/2024 को आठ सदस्यीय जांच दल का गठन किया यह जांच दल 16 मई 2024 को पीडिया गांव की ओर रवाना हुई इस बीच जांच दल को पुलिस और सुरक्षाबल के जवानों ने जगह जगह बेरिकेट लगाकर पीडिया गांव की ओर जाने से रोकने का प्रयास भी किया लेकिन जांच दल पीडिया गांव की ओर गई और घटना में मारे गये लोगो के परिजनों, घटना के चश्मदीदों और ग्रामीणों से मुलाक़ात कर घटना की विस्तृत जानकारी ली है, घटना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपी जाएगी। कांग्रेस जांच दल के संयोजक संतराम नेताम ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि “प्रदेश के मुख्यमंत्री आदिवासी, लेकिन प्रदेश के आदिवासी ही असुरक्षित है।” अपने प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा “ऐसी घटनाओं से आने वाले समय में आदिवासियों के अस्तित्व, उनके जीवन शैली और उनकी संस्कृति पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा” यह विडंबना ही है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं ही आदिवासी वर्ग से आते है बावजूद इसके आज आदिवासी सुरक्षित नहीं है और लगातार आदिवासी मारे जा रहे है। सरकार चाहती तो ऐसे घटनाओं को रोक सकती थी लेकिन प्रदेश सरकार की नाकामी के कारण लगातार आदिवासी मारे जा रहे है यह चिंता जनक है, प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद भाजपा सरकार आदिवासियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल है। लगातार आदिवासियों की मौतें हो रही है। आदिवासियों के साथ ऐसे घटनायें क्यों घट रही इसकी जांच होनी ही चाहिए ताकि सच्चाई सामने आये। इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी राज्य सरकार से मांग करती है कि इस पूरे घटना की जांच माननीय उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।
पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने पाने विज्ञप्ति में आगे कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से लगातार किसी न किसी घटना में आदिवासी मारे जा रहे है यह बेहद ख़तरनाक और चिंताजनक स्थिति है, निर्दोष आदिवासियों की मौतें बंद हो और आदिवासियों की लगातार हो रही मौतों की ज़िम्मेदारी प्रदेश सरकार और भाजपा ले। आदिवासियों को न्याय मिलने तक कांग्रेस पार्टी इस लड़ाई को लगातार लड़ते रहेगी। पीडिया घटना की जांच कमेटी में इंद्रशाह मंडावी विधायक मोहला-मानपुर, विक्रम मंडावी विधायक बीजापुर, जनक राम ध्रुव विधायक बिंद्रा-नवागढ़, श्रीमती सावित्री मंडावी विधायक भानुप्रतापपुर, रजनू नेताम अध्यक्ष ज़िला कांग्रेस कमेटी नारायणपुर, शंकर कुडियम अध्यक्ष ज़िला पंचायत बीजापुर आदि शामिल थे। कांग्रेस जांच दल के साथ कांग्रेस नेता छविंद्रन कर्मा, ज़िला कांग्रेस कमेटी बीजापुर के अध्यक्ष लालू राठौर, ज़िला पंचायत सदस्य नीना रावतिया उद्दे, ज़िला पंचायत सदस्य सोमारु राम कश्यप, उपाध्यक्ष ज़िला पंचायत कमलेश कारम, जनपद अध्यक्ष बीजापुर श्रीमती बोधि ताती, उपाध्यक्ष सोनू पोटाम, कांग्रेस ज़िला महामंत्री सुखदेव नाग, कोषाध्यक्ष पुरुषोत्तम खत्री, अरुण वासम, मोहित चौहान, महिला कांग्रेस की ज़िला अध्यक्ष गीता कमल, सपना झाड़ी के अलावा बड़ी संख्या कांग्रेस कार्यकर्ता साथ थे।

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