*देखें वीडियो भ्रष्टाचार करने में यह विभाग होने लगा है अव्वल क्यों नहीं हो रही है जांच,,, ,,,,,,,,*आर, एल, कुलदीप की रिपोर्ट*

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*भ्रष्टाचार करने में वन विभाग दुर्गूकोंदल होने लगी अव्वल हद पार करने लगी भ्रष्टाचार*,,, ,,,,,,,,*आर, एल, कुलदीप की रिपोर्ट *

देखें वीडियो https://youtu.be/m2tnqF_v4Bk?si=lvVEXjvcze2umnt8

कांकेर/दुर्गूकोंदल:-
सरकार चाहे किसी का भी हो लेकिन भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिस तरह बेरोजगारों के पेट में लात मारना जैसे जहां शासन की योजनाओं को प्रशासन के कर्मचारी अनदेखा करके ऐसे भ्रष्टाचार करने में तुले हैं और करते आ रहे हैं जहां पर ग्रामीण बेरोजगार जनता अपने आप में ठगा सा महसूस करते हैं।

और यह नहीं कि कांग्रेस की सत्ता हो या भाजपा की सत्ता हो अन्य राजनीतिक दलों की सत्ता हो ऐसा नहीं है कि कहीं पर भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है प्राय देखा जा रहा है की शासन की योजनाओं का लाभ लोगों तक तो पहुंचती नहीं है फाइलों में सीमट जाती है जिस पर संबंधित अधिकारी कर्मचारी या तो किसी न किसी राजनीतिक स्तर के नेता या मंत्री से मिली भगत कर ऐसे करते होंगे या फिर उसका रिश्तेदार समझ कर ऐसा करते होंगे यह तो समझ से परे हैं लेकिन इतना तो तय है कि कहीं ना कहीं चाहे सत्ता किसी का भी रहे जहां देखने को यही मिलता है कि भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार।

चाहे हम वन विभाग की बात करें या अन्य विभागों की बात करें कहीं ना कहीं ठेकेदारों की मिली भगत या प्रशासनिक के उच्च अधिकारियों के साथ सांठगांठ करके आम जनता को बेवकूफ बनाया जाता है ।

इसी तरह आज हमने देखा कि पूर्व वन मंडल भानुप्रतापपुर के वन परिक्षेत्र दुर्गूकोंदल की घटना जहां गरीब बेरोजगार आम जनता के साथ रोजगार के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है लोग सोच रहे थे कि अब सत्ता परिवर्तन हो चुकी है तो अच्छे दिन आएंगे लेकिन अच्छे दिन तो क्या जैसे था दिन उससे भी बदतर स्थिति बनते जा रही है जहां मजदूरों से काम करवाना था वहां वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा मशीनरी कारण कर सीधा-सीधा आम जनता के पेट में गरीब मजदूर के पेट में लात मारने जैसे काम कर रहे हैं।

भुरकागुदुम,मंगहुर, कोरसपराली आदि स्थानों में वन परिक्षेत्र दुर्गूकोंदल के कर्मचारीयों के द्वारा तालाब निर्माण कार्य में मशीनरीकरण कर बेरोजगार युवा युवतियां को काम से वंचित किया जा रहा है जहां सुचना बोर्ड भी नहीं लगाया गया है कि किस विभाग का है किस मद का कितनी राशि आई है किसी को नहीं पता ऐसे ही कार्य करवा रहे हैं वन विभाग के कर्मचारी।

इससे तो यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जाता है। और खुल्लमखुल्ला भ्रष्टाचार कर गरीब मजदूर का हक छिन्न रहे हैं।

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