*कंजक्टिवाइटिस, आंख आने की बीमारी के संदर्भ में ,स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी*,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

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*कंजक्टिवाइटिस, आंख आने की बीमारी के संदर्भ में ,स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी*,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

बीजापुर:::::::::::: वर्तमान में कई जिलों में कंजक्टिवाइटिस, आँख आने की बीमारी, पिक आई, आई पलू के प्रकरण बढ़ते जा हरे हैं इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किया गया है

जिसमें कहा गया है कि आम जन को बीमारी के लक्षण, बचाव एवं उपचार के संबंध में जागरूक करने, यह बचाव योग्य रोग है, ।

अतः बचाव करने हेतु व्यापक सलाह दें, तीन दिन में ठीक न हो या दृष्टि में धुंधलापन या रोशनी में आँख खुला रखने में कठिनाई हो तो नेत्र चिकित्सक, नेत्र सहायक से सलाह लें।

नेत्र ओपीडी में कंजक्टिवाइटिस के रोगी को शीघ्र जाँच कर दवा देकर वापस भेज दें, उसे इधर-उधर घूमने से मना करें।

अन्य विभागों में भी कंजन्वाईटिस से पीड़ित रोगी के परिजन को वर्जित करें।

उपचार हेतु एंटीबायोटिक जैसे Ciprofloxacine या Moxifloxacine (बच्चों में Gentamicine) आई ड्रॉप 6 बार ,3 दिन तक आंख में डालें।

यदि किसी भर्ती हुए रोगी को कंजक्टिवाइटिस हो जाये तो अलग रखें।

स्टॉफ को कंजक्टिवाइटिस हो जाये तो संपर्क कम से कम हो, आँख छूने के बाद तुरंत हाथ को सेनिटाइज करें तब किसी दूसरी वस्तु हो हाथ लगायें।

नेत्र ऑपरेशन- नेत्र ऑपरेशन पूर्व रोगी एवं परिजन को यह बीमारी न हो, नेत्र ऑपरेशन के बाद नर्सिंग स्टॉफ, परिजन द्वारा दवा डालने के पहले हाथों को सैनिटाइज करना है।

ऑपरेशन के बाद सावधानी के लिए रोगी को अस्पताल में कुछ दिन अतिरिक्त रोक सकते हैं।

छुट्टी करते समय एक निर्धारित परिजन द्वारा दवा डाला जाना चाहिए जिसे सैनिटाइजेशन, आई फ्लू, लक्षण और सावधानी, बाहर जाने और भीड़भाड़ से दूर रहने के बारे में समझा दें।

ऑपरेशन के बाद एंटीबायोटिक आई ड्रॉप जैसे Moxifloxacine 4 बार 7 दिन तक अतिरिक्त डालना चाहिए।

नेत्र ऑपरेशन करने या न करने के बारे में नेत्र सर्जन उपरोक्त व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए निर्णय करेंगे।

स्कूल, छात्रावास तथा अन्य Cluster Infection की संभावना वाले स्थान पर विशेष ध्यान देना है।

भीड़भाड़ वाले स्थान जैसे सिनेमा थियेटर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि में यह तेजी से फैलता है।

यदि किसी स्थान पर अधिक प्रकरण मिलते है तो शिविर लगाकर उपचार किया जा सकता है।

अस्पताल में आये कंजक्टिवाइटिस के रोगियों की संख्या की जानकारी प्रतिदिन भेजें।

यदि क्लस्टर इंफेक्शन मिला हो तो उसका अलग से उल्लेख करें।

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