*आर. एल. कुलदीप व दीपक मरकाम की सावन मास पर विशेष,4 जुलाई से शुरू हो रहा सावन मास, आठ सोमवार अनंत फलदाई
19 वर्ष बाद बना संयोग 59 दिन का होगा सावन का महीना, शिव ही ऐसे देव हैं, जो जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं*,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*
* 4 जुलाई को सावन का प्रारंभ प्रथम शुद्ध सावन कृष्ण पक्ष के रूप में होगा।
अधिमास होने के कारण इस बार भक्तों को अधिक समय तक शिवोपासना पर अनंत गुना पुण्य फल प्राप्त करेंगे।
1 माह की जगह 2 माह तक शिव पूजा करने से सोया भाग्य भी जागेगा।
इस वर्ष अधिक मास लग रहा है जिस कारण से श्रावण का महीना 59 दिनों का होगा।
ऐसा योग लगभग 19 वर्षों के बाद बनने जा रहा है।
श्रावण का महीना 4 जुलाई से शुरू होगा और इसका समापन 31 अगस्त तक होगा।
अधिक मास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा।
अंत में 17 अगस्त को दूसरे शुद्ध सावन शुक्ल पक्ष का प्रारंभ होगा।
शिव आराधना के लिए श्रावण मास को सर्वोत्तम माना गया है।
इसमें पडने वाले सोमवार का अत्यधिक महत्व है।
धर्म शास्त्र कहते हैं कि सावन मास के सोमवार का व्रत रखने से अश्वमेध यज्ञ के समान फल मिलता है।
सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई और आठवां एवं अंतिम सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा।
सावन के महीने में 8 सावन सोमवार व्रत आएंगे।
4 जुलाई से 31 अगस्त तक सावन का महीना विशेष ग्रह योगो के साथ शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करेगा।
4 जुलाई को सावन का प्रारंभ प्रथम शुद्ध श्रावण कृष्ण पक्ष के रूप में होगा ।
सावन सोमवार व्रत पहला सोमवार 10 जुलाई,,,,,,,,
दूसरा सोमवार 17 जुलाई,,,,,,,,,,,,,
तीसरा सोमवार 24 जुलाई,,,,,,,,,,,,
चौथा सोमवार 31 जुलाई,,,,,,,,,,,,,
पांचवा सोमवार 07 अगस्त,,,,,,,,,,,,
छठा सोमवार 14 अगस्त,,,,,,,,,,,,,,,,
सातवां सोमवार 21 अगस्त,,,,,,,,,,,,
आठवां सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा,,,,,,,,
ज्योतिषचार्यों के अनुसार जिस महीने में सूर्य संक्रांति न हो वह महीना अधिमास अथवा अधिक मास होता है।
सौर वर्ष और चाद्र वर्ष में शाम सामंजस्य स्थापित करने के लिए हर तीसरे वर्ष पंचांग में एक चाद्र मास की वृद्धि होती है।
लोक व्यवहार में इसी को अधिक मास और आध्यात्मिक विषयों मैं अत्यंत पुणयदायी होने के कारण पुरसोत्तम मास आदि नामों से जाना जाता है।
नगर एवं क्षेत्र के अनेक पंडितों ने कुलदीप न्यूज़ 24 के C .G. Hed दीपक मरकाम को बताया कि सावन माह के प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से और उनका अभिषेक करने से साधक को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है,और जीवन में आ रही सभी कठिनाइयों दूर हो जाती है।
इस बार सावन में अधिक मास होने के कारण भक्तों को शिव को जल अर्पण अभिषेक करने के लिए एकत्रित महा मिलेगा जिससे भक्त उनकी दुगनी पूजा कर अपने जीवन के हर जोक और परेशानी को दूर कर सकते हैं।
श्रावण मास की महिमा का वर्णन कई प्रकार से वेद एवं पुराणों में किया गया है।
गंगाजल से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करें इससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।