खीरा, ककड़ी, तरबूज, लौकी जैसे फसलों से खेतो में आयी हरियाली,,,, ,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,

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खीरा, ककड़ी, तरबूज, लौकी जैसे फसलों से खेतो में आयी हरियाली,,,,

,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,

कर्जमाफी सिर्फ कर्ज से मुक्ति ही नहीं बल्कि आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर रहा है

आर्थिक उन्नति की ओर किसान हो रहे हैं अग्रसर

छत्तीसगढ़ सरकार के किसान हितैषी नीति से किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान

धान के बदले अन्य फसल लेकर किसान बन रहे हैं आत्मनिर्भर

बीजापुर 13 मार्च 2023- छत्तीसगढ़ सरकार के कर्जमाफी योजना सिर्फ किसानों को कर्ज से मुक्ति ही नही दिलाई बल्कि इस योजना से किसानों के समृद्धि के मार्ग प्रशस्त हुआ है किसान आज कर्जमाफी से लाभान्वित होकर आर्थिक गतिविधियों को संचालित कर रहे और आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर हो रहे है। ऐसे ही एक प्रगतिशील कृषक भोपालपटनम के अफजल खान के बारे में हमें जानने को मिला। अफजल खान बताते हैं कि उनका और परिवार का संयुक्त रूप से कुल 15 एकड़ कृषि भूमी भोपालपटनम में स्थित है। किसान बताते है कि 20-25 वर्षों से कृषि कार्य कर रहा है पहले मै सिर्फ धान की खेती करता था। थोड़ा-बहुत जमीन पर मक्का और मूंग लेता था किन्तु आमदनी सीमित रहा किंन्तु प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल के कर्जमाफी योजना से मुझे प्रत्यक्ष लाभ हुआ 5 लाख से अधिक का कृषि ऋण माफ होने से मुझे बहुत बड़ी राहत मिली और मैने अपने खेत में दो बोरवेल्स कराया पहले सिंचाई का साधन नहीं होने पर धान के फसल पर ही निर्भर था किन्तु अब बोरवेल्स सक्सेस हुआ पर्याप्त पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध है।
वर्तमान समय में श्री अफजल खान उद्यानिकी फसल ले रहा है, जिसमें ग्राफ्टेड बैंगन एक एकड़ में, खीरा दो एकड़ में, लौकी एक एकड़ में एवं तरबूज 8 एकड़ में बोया है, जिला प्रशासन और उद्यानिकी विभाग द्वारा मल्चिंग, ड्रीप एरिगेशन, बैगन का पौधा, उन्नत किस्म के बीज के अलावा समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन दी जा रही है। वहीं जैविक कृषि को बढ़ावा देते हुए गौठानो से निर्मित वर्मी खाद एवं स्वयं द्वारा वर्मी खाद का उत्पादन कर फसलों में उपयोग कर रहा है।
किसान के खेत में लहलहाते फसल उनकों आर्थिक और मानसिक रुप से सशक्त कर रही है विगत दो माह में लौकी, खीरा, बरबट्टी जैसे फसलों से 2 लाख रुपए की आमदनी कमा चुका है पूरे परिवार मिल जुलकर कृषि के कार्य में हाथ बंटा रहे है। गर्मी के दिन शुरु हो गया है वहीं तरबूज का फसल भी निकलने लगा है। मीठे और रसदार तरबूज अब जिलेवासियों को मिलने लगा है, भोपालपटनम और बीजापुर में तरबूज बाजारों तक पहुंचने लगा है। किसान ने बताया कि जिले में तरबूज की खेती पहली बार कर रहा हूं और फसल भी बहुत अच्छा हुआ है। अब उडीसा, तेलंगाना सहित अन्य राज्यों के तरबूज की आवश्यकता नहीं होगी। स्थानीय स्तर पर उत्पादन होने से लोगों को वाजिब दाम पर तरबूज बेच रहा हूॅ, फसल इतना अच्छा है कि पूरे सीजन भर पूरे जिले को तरबूज की पूर्ति कर सकूंगा। कृषक अफजल खान के दो बेटे और दो बेटी है जो कृषि कार्य में उनका हाथ बंटाते है। बुआई-निंदाई सहित अन्य कार्यों के लिए आस-पास के मजदूरों का सहारा भी लेता है। उनकों भी रोजगार मिल जाता है, मुझे मेरी मेहनत जिला प्रशासन के सहयोग और प्रदेश मुखिया के योजना से प्रत्यक्ष रुप से लाभ हुआ है। मेरे जैसे जिले के कई किसान आज साग-सब्जी के खेती से आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर हो रहे है जिसके लिए मैं जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का सदा आभारी रहूंगा।

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