*दुग्लमगुड़ा के प्राथमिक शाला के शिक्षक, बिना कारण ही शाला से नदारद रहते , येसे शिक्षक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं,*,,,,,,,,,,,,, भोपाल पटनम से मुर्गेश शेट्टी की रिपोर्ट,*

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*दुग्लमगुड़ा के प्राथमिक शाला के शिक्षक, बिना कारण ही शाला से नदारद रहते , येसे शिक्षक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं,*,,,,,,,,,,,,, भोपाल पटनम से मुर्गेश शेट्टी की रिपोर्ट,*

भोपालपटनम:::::::: भोपालपटनम विकासखंड संकुल केंद्र वरदली के प्राथमिक शाला दुग्लमगुड़ा में तीन शिक्षक पदस्थ है ।

उसी शाला में पदस्थ मडे राजैया शिक्षक बिना कारण शाला से छुट्टी लिए बगैर अनुपस्थित रहता है।

ग्रामीणों ने बताया कि माह में लगभग 8 से 10 दिन शाला से नदारद रहते हैं।

शिक्षक जिस दिन शाला में आते उस दिन अनुपस्थित दिनों का भी शिक्षक , शिक्षक पंजी में हस्ताक्षर कर लेते हैं।

इस माह में दिनांक 19 / 11 /2022 से 28/ 11 /2022 तक लगातार बिना आवेदन दिए अनुपस्थित थे।

विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मडे राजैया शिक्षक अपने शिक्षक के कार्य से ज्यादा मत्स्य पालन विभाग का कार्य करते हैं।

शिक्षक के द्वारा ग्राम चंदन गिरी और आसपास के गांव में बने डबरी मुंडा में मत्स्य पालन विभाग के कर्मचारियों के साथ सांठगांठ कर हितग्राहियों को बहला-फुसलाकर मत्स्य पालन हेतु मुंडा का प्रस्ताव बनाकर हितग्राहियों के खेतों में मुंडा बनाने का कार्य इनके द्वारा किया गया।

शिक्षक ओर लालमत्स्य विभाग के कर्मचारी के मिली भगत कर आधा अधूरा कार्य कर हितग्राहियों पूरा पूरा राशि का आहरण कर लिया गया है।

हितग्राही लिंगैय और शिशुपाल ने आक्रोशित होते हुए बताया की हमारा बैंक पासबुक व एटीएम कार्ड लेकर भी स्वयं अपने खाते में राशि का हस्तांतरण कर लिया हैं।

हितग्राहियों की खेती में आधा अधूरा कार्य करने पर हितग्राही किसान उस पर न खेती कर पा रहा और न ही मछली पालन कर पा रहा है,उन किसानों का खेती बर्बाद कर दिया गया है।

शिक्षक शासन प्रशासन को धोखे में रखकर अपना शिक्षकीय कार्य को दरकिनार कर दूसरे विभाग के कार्य में ज्यादा रूचि ले रहे हैं।

जिससे मूल विभाग के कार्य को नजरंदाज किया जा रहा है।

एक ओर शासन प्रशासन के द्वारा आदिवासी अंचल के कोई भी छात्र-छात्राएं शिक्षा से वंचित ना रहे इसलिए नित, नए योजनाएं बनाकर बच्चों को बेहतर एवम गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने की योजनाएं बना रही है, वहीं एक और ऐसे अपने कर्तव्य पालन से लापरवाह शिक्षकों के कारण क्षेत्र के बेचारे छोटे-छोटे आदिवासी बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबता नजर आ रहा है।

शिक्षा का मूल आधार प्राथमिक विद्या से है,,,

जिन बच्चो का प्राथमिक शिक्षा मजबूत होगा,उसका आगे का शिक्षा भी और अधिक मजबूत होगा।

जो शिक्षक अपने मूल कर्त्तव्य से अनुपस्थित रहने वाले शिक्षक से किस प्रकार की शिक्षा का परी कल्पना कर सकते हैं।

यह एक सोचनीय विषय है कि येसे शिक्षक बच्चों के उज्जवल भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

इस विषय में विकास खंड शिक्षा अधिकारी से मीडिया के द्वारा दूरभाष से जानकारी लेने पर उन्होंने कहा है कि उक्त शिक्षक पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और इस विषय में ,मैं संकुल के समन्वयक को जांच के लिए निर्देशित किया हूं। और जिला शिक्षा अधिकारी को भी इसकी जानकारी दिया हूं।

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