*आरक्षण बचाओ आंदोलन के अन्तर्गत चक्काजाम ,महा रैली ,धरना प्रदर्शन किया गया*,,,,, *दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

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*आरक्षण बचाओ आंदोलन के अन्तर्गत चक्काजाम ,महा रैली ,धरना प्रदर्शन किया गया*,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

भोपालपटनम:::::::आरक्षण बचाओ आंदोलन के अंतर्गत दिनांक 15 / 11 /2022 को आदिवासियों के महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा के जयंती के उपलक्ष एवं सर्व आदिवासी समाज की छत्तीसगढ़ के आह्वान पर प्रदेशव्यापी आरक्षण बचाओ आंदोलन किया गया है।

जिसमें प्रमुख रुप से 32% आरक्षण स्थानीय भर्तियों को यथावत एवं ज्वलंत मुद्दों को लेकर आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए आंदोलन करने के लिए विकासखंड भोपालपटनम के 36 पंचायतों के आदिवासी समुदाय के लोग हजारों की तादाद में मुख्यालय पहुंचकर नगर के वनोपज जांच नाका से रैली के रूप में नारे लगाते हुए हम सब एक हैं एक तीर एक कमान सब आदिवासी एक समान 32% आरक्षण लेकर रहेंगे लेकर रहेंगे अभी तो यह अंगड़ाई है। आगे और लड़ाई है।

देना होगा देना होगा 32% आरक्षण देना होगा। आदि नारा लगाते हुए मुख्य मार्ग से बीटीआई चौक में स्थित संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के चित्र पटल पर माल्यार्पण कर पुनः रैली वनोपज जांच नाका के पास पहुंचकर सभा का आयोजन किया गया।

सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी समुदाय की प्रतिनिधियों ने कहा है कि आदिवासियों की आरक्षण दिलाने में वर्तमान सरकार विफल रही है। पूर्व में हमें जो 32% आरक्षण दिया जा रहा था उसे यथावत दिया जाए और जल जंगल जमीन पर आदिवासियों का हक होना चाहिए जैसे कि पड़ोसी राज्य झारखंड में 15% मात्र से राज्य का मुख्यमंत्री आदिवासी है।

जबकि छत्तीसगढ़ में 32% आदिवासी रहने के बावजूद भी हमारे राज्य में मुख्यमंत्री नहीं बना पा रहे है।

जब तक 32% आरक्षण हमें नहीं मिलेगा तब तक रोड की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

नेशनल हाईवे रोड़ को 2 से ढाई घंटा तक चक्काजाम किया गया है।

तदुपरांत सभा स्थल में पहुंचे भोपालपटनम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन को सौपा गया।

जिसमें प्रमुख मुद्दा यह रहा की आरक्षण व स्थानीय भर्तियों के कटौती करने के बाद समाज अपने संवैधानिक अधिकारियों के लिए निरंतर आवेदन निवेदक महाबंध धरना रैली ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग करता रहा किंतु सरकार द्वारा कोई ठोस निर्णय नहीं लेकर आरक्षण स्थानीय भर्तियों को यथावत रखने में सरकार आज पयन्त तक विफल रही, और कोई ठोस निर्णय नहीं लिया।

इस हेतु समाज के लोग 15 नवंबर 2022 को महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा के जन्मदिन के अवसर पर सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के आह्वान पर ब्लॉक ब्लॉक मुख्यालय में चक्का जाम रैली धरना प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित कर ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में प्रमुख मुद्दा यह है, की जनसंख्या अनुपात में 32% आरक्षण एवं स्थानीय भर्तियों को यथावत रखा जाए ।

जिला सुकमा के ग्राम सिलगेर मे शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे निर्दोष ग्रामीणों के ऊपर अंधाधुन गोलीबारी करने वाले के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कर पीड़ित परिवार को न्याय प्रदान किया जाए। एवं मृतक परिवार को 50 लाख , और घायलों को 5लाख एवं मृतक परिवार के सदस्य को योग्यता अनुसार शासकीय नौकरी दिया जाए।

शासकीय नौकरी में बैकलॉग एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जाए।

प्रदेश में खनिज उत्पादन के लिए जमीन अधिग्रहण की जगह लीज में लेकर जमीन मालिक को पूरा अधिकार शेरहोल्डर बनाया जाए।

गांव की सामुदायिक गौण खनिज का उत्खनन एवं निकासी का पूरा अधिकार ग्रामसभा को दिया जाए।

ग्राम सभा के द्वारा स्थानीय आदिवासी समिति के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को खनिज पट्टा दिया जाए।

फर्जी जाति प्रकरण पर दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई किया जाए।

छत्तीसगढ़ राज्य की 16 जनजाति के मात्रात्मक त्रुटी में सुधार किया जाए, उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए। अनुसूची में उल्लेखित जनजातियों को जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं करने वाले संबंधित अधिकारी पर दंडात्मक कार्यवाही किया जाए।

आदिवासियों पर उत्पीड़न जैसे जमीन अधिग्रहण हस्तांतरण महिला एवं बच्चों पर अत्याचार हत्या जातिगत अपमान पर अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पीड़िता की प्राथमिकी दर्ज नहीं किया जा रहा है। पीड़िता को एफ आई आर दर्ज करवाने के लिए अजाक थाना के चक्कर लगाने पढ़ते हैं। इस पर राज्य सरकार कड़ाई से विशेष निर्देश जारी कर पालन करवाया जाए।

आदि प्रमुख मुद्दे थे इस दरमियान धरना प्रदर्शन में ग्राम के पटेल पेरमा गायता पुजारी किसान नौजवान कर्मचारी ग्रामीण हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय लोग उपस्थित थे।

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