*कोंडासावली में अज्ञात बीमारी से, 16 लोगों की मौत, दवाइयां की एक्सपायरी नवंबर में ,नवम्बर में ही ग्रामीणों को दी * *दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

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*कोंडासावली में अज्ञात बीमारी से, 16 लोगों की मौत, दवाइयां की एक्सपायरी नवंबर में ,नवम्बर में ही ग्रामीणों को दी *
*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

*कनईगुडा के ग्रामीण नदी नाले की पानी पीने मे बजबूर*

*राशन दुकान की चांवल खाने से बीमारी फैलना चालू हुई – ग्रामीण*

*कर्रेपारा मे राशन दुकान एवं स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की मांग*

सुकमा::::::: जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्र ग्राम पंचायत कोंडासावली के अंतर्गत पारलागट्टा, तरलागुडा ,कनईगुडा,बैनपल्ली, में शरीर हाथ पैर सूझने से 16 व्यक्तियों की मौत होने की खबर प्रकाश में आते ही, सीपीआई पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनीष कुंजाम ने उनकी टीम के साथ उक्त ग्राम पंचायत कोंडासावली पहुंच कर ग्रामीणो की हाल जानने की प्रयास की ,आप को बता दें मनीष कुंजाम के नेतृत्व में आठ सदस्यों के टीम के साथ 8 नवंबर को ग्राम पारलागट्टा गई थी।

जहां तारलागुडा,के ग्राम बैनपल्ली,कनईगुडा ,के ग्रामीणो की मौजूदगी रही।

कुछ बुखार से पीड़ित व्यक्तियों से मुलाकात की 3 गांव के लोग एक ही गांव में मौजूदगी रही, जहां लोगों से पूछताछ की गई, जहां आंकड़ा निकल कर प्रकाश में आई।

*अज्ञात बिमारी से मौतें हुई ग्रामीण*
मुचाकी भीमे ,मुचाकी सोना,सुंडाम सविता,कारम रेनू,सोडी बुधू,सोडी बुधरा,सुंडाम सोमारु, मांडवी जोगी,मिडियम पाकली,सुंडाम मंगडू,सोडी हांदा,ओयाम सोमारी, कुंजाम मासे,सुंडाम बुधराम, मांडवी रितू,मुचाकी बुधरी,मुचकी पांडू,मुचाकी जोगा,मुचाकी लखे,मुचाकी बुधरी,कलमू बुधरा,मुचाकी लखमा,तामो देवा , मांडवी बिचेम,हेमला मगडू,सुंडाम भीमे,सोडी जमनी, उक्त सभी ग्रामीण तीन गांव के बताए जा रहे हैं। जहां 16 व्यक्तियों की मौत हुई है।

उक्त ग्रामीणों ने कहा कि ,13 अगस्त को कोंडासावली के राशन दुकान से जो चांवल लाई गई थी,उसको खाने के बाद यह बीमारी फैलना चालू हुई,उनका कहना है।

मेडिकल रिपोर्ट के तथ्य अलग हो सकती है। दरअसल उनके शिकायत का भी बारीकी से जांच किया जाना चाहिए , उक्त चावल दिया गया था, उसे पेश की जा रही है। उक्त ग्रामीणों ने बताया कि इस ग्राम पंचायत के अलावा आसपास के अन्य गांवों में भी ऐसे ही बीमारी से मौतें हुई हैं।

ग्रामीणों ने जो दवाइयां दी गई थी, उक्त दवाइयां कुंजाम को दिखाई, दरअसल यह दवाई का एक्सपायर नवंबर हुई, जाहां ग्रामीणों को नवम्बर में ही दी गई है।

उसी माह में इस्तेमाल करना सही है या ग़लत जांच की विषय, ग्रामीणों ने राशन दुकान या उप स्वास्थ्य केन्द्र कर्रेपारा में खोलने की मांग कर रहे, पीने का पानी भी बीमारी का कारण हो सकता है।

दरअसल ग्रामीण उसी बोरिंग का पानी वर्षों से पी रहे हैं ,जहां ऐसा कभी शिकायत नहीं हुई,
फिर भी जांच करने की आवश्यकता है।

बारह बोरिंग में दो बोरिंग की पानी पीने योग्य , कुछ पीने योग्य है।

आज पर्यंत कनईगुडा में बोरिंग की व्यवस्था नहीं, ग्रामीण नदी नाले के पानी पीने में बजबूर है।

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