*गोंडवाना समाज बस्तर संभाग ने, राष्ट्रीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव का किया बहिष्कार *,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,*

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*गोंडवाना समाज बस्तर संभाग ने, राष्ट्रीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव का किया बहिष्कार *,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,*

कांकेर ::::::::: छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा 01 नवम्बर से 03 नवम्बर 2022 तक तृतीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

इस आयोजन का छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज द्वारा बहिष्कार का आवाहन किया गया है जिसका गोंडवाना समाज समंवय समिति बस्तर संभाग नें समर्थन किया है।

छत्तीसगढ़ राज्य का गठन आदिवासियों की बहुलता के कारण आदिवासी राज्य के रूप में किया गया था तथा आदिवासियों की बहुलता के कारण अनुसूचित क्षेत्र बस्तर संभाग तथा सरगुजा संभाग में स्थानीय भर्ती पर 100 प्रतिशत तथा प्रदेश स्तर पर 32 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था।

आदिवासियों के आरक्षण को छीनकर छत्तीसगढ़ शासन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का ढोंग कर रही है।

पेशा कानून में ग्राम सभा के अधिकारों को कमजोर किया गया।

पेशा कानून लागू करने का वादा कर आदिवासियों के साथ शासन द्वारा छलावा किया गया।

सरकार में बैठे आदिवासी जनप्रतिनिधि भी आरक्षण पर मुंह खोलने को तैयार नहीं है और उनके रहते आदिवासियों के साथ बहुत बड़ा धोखा हो रहा है ।

वर्ष 2001 से 2012 तक वैसे भी 12% आरक्षण कम मिला।

सभी आदिवासी नेताओं पर भरोसा करके चुप रहे, लेकिन अब समय आ गया हैं सरकार सत्ता और शासन चलाने वाले जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध विरोध का बिगुल एवं स्वर उठने लगे हैं जो लगातार दिखाई दे रहे हैं।

लगभग 1 महीने से ज्यादा का समय हो गया किंतु छत्तीसगढ़ सरकार सुप्रीम कोर्ट नहीं पहुंच पाई है, मुख्यमंत्री सिर्फ आश्वासन बोल भी नहीं पा रहे हैं ऐसी स्थिति में समाज ने निर्णय लिया है कि जो आदिवासियों का काम नहीं करेगा उनका विरोध सड़क पर आकर गांव गांव में, नगर, नगर में, आदिवासी समाज के प्रत्येक सामाजिक समूहों द्वारा आदिवासी नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा ।

यह सिलसिला तब तक चलता रहेगा जब तक आदिवासियों को उनके हक अधिकार संविधान प्रदत्त संवैधानिक व्यवस्था लागू नहीं हो जाता ।

इस घटना से आदिवासी समाज में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है और यह आक्रोश लगातार बढ़ते जा रहा है कहीं-कहीं अप्रिय घटना होने की भी संभावना दिखाई दे रही है,।

समाज के आक्रोश को अगर सरकार द्वारा समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो सरकार को पूरे प्रदेश में आदिवासियों का विरोध का सामना करना पड़ेगा ।

जिसका परिणाम आरक्षण नहीं तो वोट नहीं ,आरक्षण नहीं तो विधायक नहीं ,और आरक्षण नहीं तो सांसद नहीं ,आरक्षण नहीं जो जनपद और जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं, आरक्षण नहीं तो पंच ,सरपंच नहीं, आरक्षण नहीं तो भर्ती में त्रुटिपूर्ण व्यवस्था को समाप्त किया जाए।

गोंडवाना समाज समंवय समिति बस्तर संभाग समस्त जिला शाखा, ब्लॉक शाखा को निर्देशित किया जाता है कि 1 नवंबर 2022 से शुरू होनें वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में संपूर्ण बस्तर संभाग से कोई भी नर्तक दल भाग न लें,इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

गांव गांव में जाकर नर्तक दलों को समझाईस दी जावे,नहीं मानने वालों के विरुद्ध कठोर सामाजिक कार्यवाही किया जाये.।

यह जानकारी हूर्रा महेश मीडिया प्रभारी गोंडवाना समाज समंवय समिति बस्तर संभाग द्वारा ज़ारी किया गया है।

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