आ,आ ग गा की पाठशाला में शिक्षक रहते है नौ दो ग्यारह, नैनिहलो पर पड़ रहा बुरा असर मामला भोपालपटनम ब्लाक के प्रार्थमिक शाला धनगोल स्कूल का। ,,,,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,

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आ,आ ग गा की पाठशाला में शिक्षक रहते है नौ दो ग्यारह, नैनिहलो पर पड़ रहा बुरा असर मामला भोपालपटनम ब्लाक के प्रार्थमिक शाला धनगोल स्कूल का।

,,,,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,

भोपालपटनम बीजापुर जिले के भोपालपटनम विकासखंड के ग्राम धन गोल में संचालित प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक बीरा रामचंद्रम आए दिन प्राथमिक शाला से नदारद रहते हैं। वहां अध्ययनरत छात्र-छात्राएं अपने शिक्षक आने की प्रतीक्षा में शाला में बैठे रहते हैं। कुछ गांव के स्कूलों में तो छात्रों के लिए शिक्षक घरों तक जाते है। लेकिन धनगोल में बच्चे अपने शिक्षक के इंतजार में विद्यालय में बैठे रहते है। ग्रामीणों का कहना है कि जब भी शिक्षक स्कूल आते है तो।अपने मनमाने समय में आते है। जबकि स्कूल आने का निर्धारित समय १० बजे से ४ बजे तक है। लेकिन वें अपने समय 12:00 बजे स्कूल पहुंचते हैं। वे बच्चों को पढ़ाने के जगह अपने मोबाइल पर व्यस्त रहते है। और २ से २*३०बजे स्कूल से चले जाते है। शिक्षक बीरा रामचंद्रम शनिवार को भी स्कूल नहीं पहुंचे रविवार छुट्टी था। सोमवार और मंगलवार के दिन भी अनुपस्थित था। शिक्षक पंजी में अनुपस्थित का कारण भी उल्लेख नहीं है। जबकि शिक्षक शाला में अनुपस्थि के लिए आवेदन देना पड़ता है।कई बार ऐसा करने पर ग्रामीणों ने इस सम्बद्ध में शिक्षक से पूछने पर उन्होने कभी हड़ताल तो कभी मीटिंग और कभी अपनी निजी कार्य की व्यस्तता बताते है। बताया जाता है की उस स्कूल में पदस्थ सीपर बच्चो को पढ़ाते है। वर्तमान में उस विद्यालय में एक शिक्षिका का पदस्थापना हुई है। तब से वह रोज स्कूल आती है। लेकिन उस मंगलवार के दिन वह भी बिना कारण विद्यालय से अनुपस्थित थी। केन्द्र राज्य सरकार बस्तर जैसे पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों के लिए कई करोड़ो रूपये खर्च कर शिक्षा से कोई भी बच्चा वंचित न हो इस कारण से नित नई नई योजनाएं बनाकर बच्चो को बेहतरीन शिक्षा देने का प्रयास कर रही है। तो एक ओर ऐसे शिक्षक जो अपने कर्त्तव्य के प्रति लापरवाह और शासन से घर बैठे मोटी रकम तनख्वाह लेकर इन मासूम बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। धनगोल गांव नेशनल हाइवे से लगभग ४से ५ किलोमीटर दूरी पर है। और यह कक्षा पहेली से पांचवी तक की कक्षाएं संचालित होती है। जो की इन कक्षाओं को बुनियादी शिक्षा के रूप में महत्वपूर्ण समझा जाता है। धनगोल के ग्रामीणों का कहना है। कि इस शिक्षक की इस प्रवृत्ति के कारण हमारे बच्चो का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। इसलिएअपने बच्चो को दूसरे स्कूल पेगड़ा पल्ली भेजने को मजबूर हों रहे है। ऐसे अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाह और बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले शिक्षक पर कडी से कड़ी कार्यवाही करने की मांग ग्रामीणों ने की है। ग्रामीण बिचमैया कुंजाम मंडरा मरैया रमेश कूडियम ने दूरभाष से बात कर उक्त शिक्षक के बारे मे प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी कमलेश ध्रुव को जानकारी दी है। उस पर उन्होने कहा कि इस शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करने की आश्वासन ग्रामीणों को दी है। जिस सम्बद्ध में मीडिया के द्वारा संकुल समन्वयक ईश्वरोज प्रसाद से जानकारी लेने पर उन्होने मीडिया को बताया कि अपने उच्च अधिकारियो को सूचना देकर संबंधित शिक्षक पर कार्यवाही हेतू जानकारी दूंगा।

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