*01 नवंबर से धान ख़रीदी आरंभ होनी है ; 20 अक्टूबर तक किसानों को बारदाना की उपलब्धता सुनिश्चित करे सरकार – किसान सभा* *ख़रीदी केंद्रों पर रखें फ़सल असमय बारिश से ख़राब ना हो, प्रशासन इसकी पूर्व व्यवस्था करे – अरुण पाण्डेय्* *बस्तर सम्भाग से तेज नारायण सिंह की रिपोर्ट,,*

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*01 नवंबर से धान ख़रीदी आरंभ होनी है ; 20 अक्टूबर तक किसानों को बारदाना की उपलब्धता सुनिश्चित करे सरकार – किसान सभा*

*ख़रीदी केंद्रों पर रखें फ़सल असमय बारिश से ख़राब ना हो, प्रशासन इसकी पूर्व व्यवस्था करे – अरुण पाण्डेय्*

*बस्तर सम्भाग से तेज नारायण सिंह की रिपोर्ट,,*

*व्यवस्था दुरुस्त रहे किसान ना हो परेशान, अन्यथा की स्तिथि में विरोध होगा – किसान सभा*

*बस्तर *जनसभा के अध्यक्ष और किसान सभा के प्रमुख संरक्षक अरुण पाण्डेय् ने छत्तीसगढ़ सरकार से यह मांग किया है कि किसानों के हित में काम करें और धान, मक्का खरीदी के लिए बारदाना की नई पुरानी नीतियों को समाप्त करे। उन्होंने वर्तमान वर्ष में सरकार द्वारा 70% और किसानों द्वारा 30% बारदाना नियम का विरोध करते हुए इस नियम को रद्द करने की मांग भी की है। सरकार राज्य के किसानों को 100% बारदाना की व्यवस्था कराए क्योंकि यह उनका कर्तव्य है।

गौरतलब होकि लगभग प्रतिवर्ष किसानों के द्वारा समर्थन मूल्य में धान – मक्का खरीदी के समय ही ख़रीदी केंद्रों में बारदाना की भारी कमी होती है और नई – पुरानी बारदाना के पेचीदा नियम के कारण धान व मक्का का संग्रहण होने लगता है जिससे जाम लग जाती है। उन्होंने बताया कि खरीदी केंद्रों में बारदाना पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों की फसलों की खरीदी बंद हो जाती है, जिससे किसानों की धान – मक्का जस का तस रह जाता है और खरीदी का समय गुज़र जाता है। जिसके चलते किसान अपनी फसल समर्थन मूल्य पर नहीं बेंच पाते हैं।

इस तरह जब किसान अपनी फसल समर्थन मूल्य में बेच नहीं पाते हैं तब वे खुले बाजार में फ़सल विक्रय करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। जिस कारण राज्य एवं देश के किसान महाजन कर्ज, बैंक लोन व समिति लोन चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं। अरुण पाण्डेय् ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया हैकि प्रदेश में लागु नए – पुराने बारदाना नीति में परिवर्तन किया जाए, जब तक किसानों की पूरी धान समर्थन मूल्य में किसान बिक्री नहीं कर लेते तब तक धान खरीदी चालू रखें।

विगत दिनों पूर्व राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में हुए अकस्मात असमय बारिश की वजह से फसलों को नुकसान हुआ है। वर्तमान में भी राज्य में बारिश होने का अनुमान मौसम विज्ञानी जता चुके हैं, ऐसे में ख़रीदी केंद्रों में खुले आसमान के नीचे धान ख़रीदी ना करते हुए उचित शेड इत्यादि का प्रबंध समय रहते कर लिया जावे ताकि किसानों के फ़सल ख़राब ना हो, यह सुनिश्चित किया जावे।

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