अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस ‘‘नोनी जोहार‘‘ में शामिल हुये बीजादूतीर स्वयं सेवक ,,,,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,,

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अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस ‘‘नोनी जोहार‘‘ में शामिल हुये बीजादूतीर स्वयं सेवक

,,,,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,,

बीजापुर राजधानी रायपुर में स्थित हॉटल सायाजी इंटरनेशनल में यूनिसेफ द्वारा 02 दिवसीय अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। जिसमें 22 जिलों में अलग-अलग क्षेत्रों में व्यवहार परिवर्तन एवं सामाजिक जागरूकता को लेकर कार्य करने वाले स्वयं सेवकों एवं वॉलेंटियर्स को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री टीएस सिंहदेव, स्वास्थय मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, श्री प्रेमसिंह टेकाम, स्कूल शिक्षा मंत्री एवं छत्तीसगढ़ की पहली पर्वतारोही महिला कुमारी नैना धाकड़ मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के विशेष आर्कषण एवं वक्तव्य के लिये प्रसिद्ध टीवी अभिनेत्री नेहा मेहता (तारह मेहता का उल्टा चस्मा) भी उपस्थित रहकर कार्यक्रम में अपने जीवन के व्यक्तिगत एवं सफलता की कहानी को वॉलेंटिसर्य के साथ साझा किया। कार्यक्रम के प्रथम दिवस में मुख्य अतिथि डॉ. प्रेमसिंह टेकाम स्कूल शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ शासन राष्ट्रीय बालिका दिवस ‘‘नोनी जोहार के अवसर पर बालक-बालिकाओं के सामाजिक भेदभाव के समाप्त कर सभी शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ने का संदेश देते हुए शिक्षा के साथ तकनीकी विषयों पर भी अपना उद्बोधन दिया और प्रदेश के युवाओं को शिक्षा के साथ मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रेरित भी किया। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के पर्वतरोही सुश्री नैना धाकड़जी ने उदाहरण देते हुए बताया गया कि मैं एक महिला होकर 8000 मीटर में तिरंगा लहरा सकती हॅू। भारत का नाम रौैशन कर सकती हॅू और आप सभी अपने समाज में सकारात्मक व्यवहारों को अपनाने एवं लिंग भेद को समाप्त करने के लिए युवाओं को प्रेरित किया। कार्यक्रम के दूसरे दिन माननीय मुख्य अतिथि श्री टी.एस.सिंहदेव स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन ने अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ में नवाचार एवं व्यवहार परिवर्तन से जुड़ी सभी स्वयं सेवकों एवं वालेंटियर्स को समस्त युवाओं और बालिकाओं को देखकर ऐसा लग रहा है। हमारा राज्य विकसित राज्य होने की ओर अग्रसर है एवं बस्तर संभाग जैसे सुदूुर अंचलों में जिस प्रकार स्वयं सेवक अपने समुदाय में शासकीय योजनाओं एवं संचालित कार्यक्रमों को जागरुकता फैलाने में जो अपनी भूमिका निभा रहे हैं। वो सचमुच परिकल्पना से परे है जिसके लिए मैं सभी का साधुवाद करता हॅू। बीजापुर में संचालित बीजादूतीर स्वयं सेवक कार्यक्रम से 05 बीजादूतीरों को ’’नौनी जोहार’’ कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला एवं अपने बस्तर अंचल के बीजापुर जिले में विभिन्न जमीनी स्तर की चुनौतियों और कठिनाईयों को छोड़कर कैसे व्यवहार परिवर्तन कर लोगों में जागरुकता लाने एवं शासन के द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास किया गया। विषयों को उक्त कार्यक्रम में लोगों के साथ अपने अनुभव साझा किये गये। जिसमें से श्रीमती माधुरी कुडियम के द्वारा अपने बीजापुर स्थित शांतिनगर वार्ड मंे पेयजल की समस्या को सुलझाने के लिए किस प्रकार की चुनौतियों का सामना कर समाधान की सकारात्मक परिवर्तन की कहानी मंच पर साझा किया गया, श्रीमती गीता तेलम नैमेड ग्राम पंचायत स्थित ग्रामीणों के संस्थागत प्रसव को लेकर अंधविश्वास, बैगा, गुनिया जैसे चुनौतियों को किस प्रकार से व्यवहार परिवर्तन एवं समाधान किया गया। इस पर अपने अनुभव साझा किया गया। बालिका शिक्षा एवं किशोर अवस्था में किस प्रकार की चुनौतियों का सामना ग्रामीण अंचलों में बालिकाओं के द्वारा महसूस किया जाता है। इस पर बीजादूतीर श्रीमती मनीषा तामो ने अपने व्यक्तिगत अनुभव व जागरुकता संबंध विषयों को मंच में साझा किया गया। अंत में चैतूराम पोयाम और रंजिता नायक के द्वारा हल्बी भाषा में एक जागरुकता गीत प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में जिला बीजापुर से यूनिसेफ सलाहकार श्री भरत साहू शामिल हुये।

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