*एनएमडीसी करवा रही ,कृषकों के खेतों में 3000 हापुस आम और लीची के पौधों का रोपण,*
*बस्तर सम्भाग से बचेली,*
*तेज नारायण सिंह की रिपोर्ट*
*आय वृद्धि के नए तरीके को लेकर स्थानीय किसानों में खुशी की लहर*
बचेली ::::::बस्तर के ग्रामीण कृषकों की आय वृद्धि को सतत बनाने हेतु एनएमडीसी, बचेली निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में एनएमडीसी, बचेली ने 2022 में कृषकों को 10,000 पौधे उपलब्ध करवाएं हैं तथा इन पौधों की बढ़ती मांग को देखते हुए हाल ही में 3000 पौधे और उपलब्ध कराए गए। हापुस एक उन्नत क़िस्म की आम की प्रजाति है, जिसकी बस्तर क्षेत्र में पैदावार नहीं की जाती है तथा इस आम की कीमत बाजार में अन्य किस्म के आमों की तुलना में लग-भग 5 गुनी होती है। अतः हापुस आम की गुणवत्ता व बाज़ार में इसका भाव एवं मांग को देखते हुए को देखते हुए एवं ग्रामीणों की नियमित मांग को पूर्ण करने उद्देश्य से इन पौधों को स्थानीय किसानों द्वारा बगीचे में लगवाया जा रहा है।
यह देखा गया है कि यहाँ के स्थानीय किसान धान की खेती पर निर्भर होते हैं जिससे साल भर आय अर्जित करने व अपने मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने में विफल हो जाते हैं। इसके पीछे यह कारण है कि इस क्षेत्र में धान की खेती पूरी तरह से वर्षा पर निर्भर है जिससे कई बार वर्षा ना होने पर या कम होने की स्तिथि में फसल ख़राब हो जाती है। इसी समस्या का समाधान करने हेतु एनएमडीसी, बचेली द्वारा यह योजना संचालित की गयी है।
एनएमडीसी, बचेली ने बगीचा निर्माण पहल के तहत स्थानीय किसानों की आय सृजन में सहयोग देने तथा बेहतर आजीविका को बढ़ावा देने हेतु इस योजना की शुरुआत 3 वर्ष पूर्व की थी जिसका लाभ यहाँ के स्थानीय किसान उठा रहे हैं एवं इनसे प्रेरणा पाकर अन्य किसान भी अपनी बागवानी का निर्माण करने के लिए आगे आ रहे हैं। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि पिछले 3 वर्षों से इस योजना के तहत पैदावार कर किसानों ने अपनी आय में वृद्धि होने का प्रमाण दिया है जिसके फलस्वरूप आज इन पौधों की मांग इस क्षेत्र में निरंतर बढ़ती जा रही है।
बगीचा निर्माण के लिए ऐसे किसानों का चयन किया जाता है जिनके पास फेंसिंग, सिंचाई, पर्याप्त स्थान तथा बागवानी से सम्बंधित सारी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। चयन के उपरांत, उक्त किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से राज्य शासन के बाग विशेषज्ञों से बगीचा निर्माण हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण में मृदा तथा जलवायु परिस्थिति, पौधों के बीच रखे जाने वाली दूरी, गड्ढे बनाने, इनमें डाले जाने वाली ऑर्गेनिक खाद की गुणवत्ता/मात्रा, पौधों के देख-भाल में बरती जाने वाली सावधानियाँ आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। प्रशिक्षण के उपरांत एनएमडीसी बचेली सीएसआर टीम यह सुनिश्चित करती है कि जिन किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान दी गयी जानकारी के अनुसार ही अपने खेतों में गड्ढे तैयार कर लिए हैं। जो किसान गड्ढे खोदने में पीछे रह जाते हैं उन्हें फिर से प्रेरित किया जाता है।
एनएमडीसी, बचेली ने अपने सीएसआर विभाग के द्वारा इस बगीचा निर्माण पहल की शुरुआत 2020 से की है जिसका उद्देश्य 5 वर्षों में ढ़ाई लाख से भी ज्यादा पौधे उपलब्ध करा कर किसानों द्वारा बगीचे का निर्माण कराना है। इस योजना के अंतर्गत अभी तक लग-भग 1 लाख से अधिक फल देने वाले पौधों को स्थानीय किसानों को उपलब्ध करवाया जा चुका है। इस योजना के हितग्राही स्थानीय कृषकों ने योजना की प्रशंसा करते हुए एनएमडीसी, बचेली का आभार व्यक्त किया दिया तथा यह अपेक्षा जताई कि उन्हें भविष्य में ऐसी कई योजनाओं से लाभान्वित किया जायेगा।