नवरात्र व दशहरे में, मां दंतेश्वरी के द्वार दंतेवाड़ा में, इस बार देश विदेश के भक्त, करेंगे माता के दर्शन,, दशहरा समिति द्वारा, साज-सज्जा की उचित व्यवस्था की गई,,, बस्तर के नर्तकदल इस बार, देश और विदेश में फैलाएंगे परचम,,,, दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,,

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नवरात्र व दशहरे में मां दंतेश्वरी के द्वार दंतेवाड़ा में इस बार देश विदेश के भक्त करेंगे माता के दर्शन,,

दशहरा समिति द्वारा साज-सज्जा की उचित व्यवस्था की गई,,,

बस्तर के नर्तकदल इस बार देश और विदेश में फैलाएंगे परचम,,,, दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,,

दंतेवाड़ा :::::::::::: विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां दंतेश्वरी के दर्शन के लिए इस बार बिना रोक-टोक माता के भक्त दर्शन कर पाएंगे। सोमवार से 7 दिन तक दंतेवाड़ा में समीप के जिले बीजापुर, सुकमा की ओर से आने वाले पदयात्रियों के लिए सुविधा केंद्रों की व्यवस्था दंतेवाड़ा जिला प्रशासन द्वारा की गई है। विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भी पदयात्रियों को सुविधा देने तैयारी कर ली है।

दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार ने बताया कि इस वर्ष कोरोना काल के बाद जगदलपुर, प्रदेश के अनेक स्थानों से माता के भक्त पहुंचेेगे। नवरात्रि पर इस बार लगभग 12 हजार ज्योति कलश जलेंगे। विदेशों से भी माता के भक्त आनलाइन ज्योतिक कलश के लिए राशि भेजते है।

कलेक्टर दंतेवाड़ा ने बताया कि पार्किंग के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इस कार्य में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा अपर कलेक्टर के साथ संयुक्त कलेक्टर द्वारा निरीक्षण कर तहसीलदार को दिर्शा निर्देश जारी किया है।

मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय में स्थित मां दंतेश्वरी शक्तिपीठ नवरात्र के लिए सज कर तैयार हो गया है। दंतेश्वरी मंदिर से लेकर बस स्टैंड चौक, डंकनी पुल तक विशेष लाइटिंग की गई है, जिसकी वजह से शक्तिपीठ का दृश्य शाम ढलते ही बेहद सुंदर हो जाता है।

जय स्तंभ चौक में भी विशेष साज सज्जा की गयी है। दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार नवरात्र की तैयारी का जायजा लेने स्वयं मौके पर पंहुचकर सातधार सहित दंतेवाड़ा, गीदम मार्ग पर बनाए गए सुविधा केंद्र देखा और आवश्यक निर्देश दिये।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मंदिर पहुंचने वाले पदयात्रियों की सुविधा के लिए जिले में 15 पदयात्री सेवा, सुविधा केंद्र बनाए गये हैं। बीजापुर की तरफ से आने वाले पदयात्रियों के लिए फरसपाल में और सुकमा व बैलाडीला की तरफ से आने वाले पदयात्रियों के लिए सातधार में सुविधा केंद्र स्थापित किया जा रहा है।

बालूद व कुम्हाररास में पूर्व के वर्षों में संचालित सेवा केंद्रों को हटाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा जगदलपुर मार्ग की ओर से आने वाले पदयात्रियों के लिए बागमुंडी पनेड़ा, जावंगा और हारम चौक गीदम में भी समिति के सहयोग से सेवा केंद्र चलाया जाएगा।

नदी घाट में महिलाओं के स्नान व चेंजिंग के लिये अस्थायी चेंजिंग रूम बनाये जा रहे हैं। नवरात्र में मांईजी का दर्शन करने वीआईपी भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। लेकिन इस वर्ष किसी भी वीआईपी की गाड़ी मंदिर के सामने तक नहीं जा सकेगी, इसमें केवल वीवीआईपी को ही छूट दी गयी है।

प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी मां दंतेश्वरी मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा मनोकामना ज्योत जलाये जायेंगे। इसके लिये ज्योति कलश भवन में भी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। टेंपल कमेटी द्वारा तेल ज्योत के लिये एक हजार एक सौ रूपये और घी के ज्योत के लिये दो हजार एक सौ रूपये निर्धारित किये गये हैं।

शनिवार की शाम तक आठ हजार से ज्यादा ज्योति कलश प्रज्वलन के लिये रसीदें काटी जा चुकी हैं। तेल व घी ज्योति कलश प्रज्वलित करवाने के इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए पुराने काउंटरों के अलावा ऑनलाईन बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।

मां दंतेश्वरी डॉट इन पर भी ज्योति कलश की रसीद घर बैठे कटवाई जा सकती है। हाल ही में इस वेबसाईट को शुरू किया गया है। दर्शन के लिए भी ऑन लाईन पंजीयन कराये जा सकते हैं।

टेंपल कमेटी व जिला प्रशासन द्वारा दर्जन भर से ज्यादा सुविधा केंद्रों का निर्माण किया कराया गया है।

यहां पदयात्रियों के रूकने, जलपान, शयन आदि की व्यवस्था की जायेगी। इसके साथ ही मेडिकल टीम भी हर सुविधा केंद्र में मौजूद रहेगी। बचेली रोड में एसबीआई के सामने, दंतेवाड़ा गीदम मार्ग पर कारली, सुकमा मार्ग पर मैलावाड़ा, नकुलनार, सातधार में भी पदयात्री सेवा केंद्र संचालित होंगे।

शारदीय नवरात्र में लाखों की संख्या में श्रद्धालु मांई जी के दर्शन के लिये दंतेवाड़ा पहुंचते हैं। दंतेश्वरी मंदिर वाहनों से आने वाले भक्तों की गाडिय़ों की पार्किंग के लिए व्यवस्था की गयी है। गीदम व जगदलपुर और सुकमा की तरफ से आने वालों के लिए हाईस्कूल ग्राउंड और इंडोर स्टेडियम के पास पार्किंग की व्यवस्था की गयी है।

दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार ने बताया कि दर्शन के लिये पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिये पुलिस के साथ ही एनएनसी कैडेट व विभिन्न संगठनों की मदद ली जा रही है। सभी सुविधा केंद्र में मेडिकल स्टाफ भी मौजूद रहेगा। भक्तों को कोई परेशानी न हो इस बात का पूरा ख्याल रखा जायेगा।

उल्लेखनीय है कि सात दिनों के पश्चात शक्तिपीठ मां दंतेश्वरी की डोली जगदलपुर आएगी और जीया डेरा में रूकने के पश्चात राजमार्ग स्थित मां दंतेश्वरी के मंदिर में डोली रखी जाएगी। और माता के भक्त इस दौरान मां दंतेश्वरी का स्वागत भव्य रूप से किया जाता है। इसके पश्चात माता का छत्र फूलरथ पर आसिन कर नगर परिक्रम होगी।

हर साल 9 झूले बनाए जाते है। बैल के कांटों के झूले को वर्षों से तैयार किए जा रहे है। यह परंपरागतानुसार कांटो के झूलों पर देवी द्वारा दशहरा पर्व मनाने की अनुमति दी गई है।

प्रतिवर्ष किलेपाल के गौर सिंग बनाए गए , बादल अकादमी ने भी प्रतियोगिता में किलेपाल के माडिय़ां नर्तकों ने प्रथम स्थान पाया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ सांस्कृति को बढ़ावा देने के अंतर्गत यह कार्यक्रम का शुभारंभ हो गया है।

संसदीय सचिव ने बताया कि छग के सीएम भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने की यह मंशा के अनुरूप संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने बादल अकादमी बस्तर की लोक संस्कृति को सुरक्षित करने के उद्देश्य अवश्य सफल होंगे। कलाकारों को मंच उपलब्ध करने की सार्थक पहल है। देश-विदेश तथा राष्ट्रीय स्तर पर बस्तर की लोक संस्कृति अपना परचम लहलाएगी।

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