सिलगेर पदयात्रा करने के लिए अनुमति नहीं देना ,संविधान व लोकतंत्र की हत्या, मंत्री कवासी लखमा के इशारे पर चल रही शासन प्रशासन : पूर्व विधायक मनीष कुंजाम,,,,,, दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,
सुकमा :::::: सुकमा मे प्रेसवार्ता करते हुए पूर्व विधायक श्री मनीष कुंजाम ने कहा कि बहुप्रतीक्षित सिलगेर से सुकमा तक पदयात्रा को अनुमति अंततः प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी गई, सुकमा में 26 सितंबर तय जन सभा को अनुमति मिलना भी सही नहीं, कलेक्टर सुकमा द्वारा जारी आदेश भी एक मजाक है।
उक्त अनुमति संविधान और जनतंत्र का गला घोंटा गया है।अब ऐ साबित हो चुकी है।
बस्तर में संविधान व कानून के दायरे में शासन प्रशासन नहीं चलता है।
सन 2006 और 2013 के दरम्यान माओवादी सुकमा ,दंतेवाड़ा, बीजापुर बस्ती पास तक थे , तभी कहीं भी बड़े वारदात को अंजाम दे कर चले जाते थे, बड़ी बड़ी रैलियां आमसभा लंबी पदयात्राएं हुईं,यह भी पूरी शांति पूर्वक हुई कही भी कभी भी मारकाट , भगदड नहीं हुई , और पांच नवंबर 2007 को जगदलपुर से लगभग दो लाख लोग पैदल चल कर गये और जनसभा हुईं, उस सभा भी शांति पूर्ण तरीके संपन्न हुई, उस समय इतनी फोर्स बल नहीं रही , और चप्पे चप्पे कैंप नहीं रही दरअसल आज की परिस्थिति ऐसी नहीं है।
हर पांच किलोमीटर दूर पर सुरक्षा बल कैंप स्थापित हैं।
हमने जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक को सिलगेर से ही सुरक्षा मुहैया कराने की गुजारिश किये थे, यहां तक एक या दो बटालियन लगाने के लिए निवेदन किये थे, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है।
हाल ही में कांग्रेस पार्टी द्वारा कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर तक भारत जोड़ो के नाम से पदयात्रा शुरू किये है।
जब वे हजारों किलोमीटर की पदयात्रा शुरू कर सकते है। तो बस्तर में 100 किलोमीटर पैदल नहीं जा सकते हैं।
ये तो गजब हो गया, पुलिस अधीक्षक सुकमा का प्रतिवेदन यह है कि उक्त यात्रा में नक्सली सामिल हो सकते हैं। और कोई गंभीर घटना को अंजाम दे सकते हैं।
हास्यास्पद है, जबकि हमने स्पष्ट रूप से हमारे निवेदन किये है, कि सुकमा से सिलगेर तक की पदयात्रा पुर्णत पुलिस सुरक्षा में होगी, पुलिस अधीक्षक का पूर्वानुमान पूर्णतः गलत व निराधार है।
उक्त रैली में कोई भी अप्रिय अथवा शांति भंग हो सकती है। आखिर सुकमा जिला शासन प्रशासन डरा सहमा क्यों है।
ये डर दरअसल में यहा के मन्त्री कवासी लखमा राम का है।
उनको चुनाव हारने का अंदेशा होने से घबराहट हो रही है।यही प्रजा तंत्र है। मंत्री जी हार जीत लगी रहती है। आज आप सत्ता में है, कल नहीं रहेगे यह राजतंत्र नहीं है। कोई स्थाई रूप से नहीं रह सकता है ।