चांदी कटे सैंया भाए कोतवाली तो डर काहे का , वन माफिया और वन चिभाग का चोली दामन का रिश्ता,,
वन परिक्षेत्र भोपालपटनम के अन्तर्गत वनो की अवेध कटाई जोरो पर,,, भोपालपटनम से जर खान की रिपोर्ट,,,,,
भोपाल पटनम ::::: वनों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग गंभीर नहीं इस विभाग में शिकायतों का कोई असर नहीं हो रहा है ।
कारण सर्वविदात है नीचे से लेकर ऊपर तक कमीशनखोरी के चलते आला अधिकारी से लेकर मंत्री स्तर तक इसकी दलाली में लगे है ।
इस ओर पलट कर देखना भी मुनासिब नहीं समझा और ऐसे भ्रष्ट वन मंडलाधिकारी को जो सघन वनों को बिरले वनों में बदलने में माहिर है वनों के रक्षक ही भक्षक बनकर वनों को लुटने में लगे है ।
वन माफिया क्यों न चांदी काटे सैंया भाए कोतवाल तो डर कहे का वाला कहावत यहां शत प्रतिशत सच साबित हो रहा है ।
गौर तलब है कि इसी तरह की सागौन लकड़ी को तस्करी करते महाराष्ट्र राज्य में पाया जाता तो वन माफिया को जेल के सलाखों के पीछे भेजा जाता ।
वहीं छत्तीसगढ़ में वन माफिया और वन विभाग का चोली-दामन का रिश्ता है ।
पकड़े जाने पर वन माफिया द्वारा भेंट चढ़ा कर बैठ गए हैं पत्र हासिल कर सुविधा पा लेते है ऐसा सुविधा भेंट लेने में फारेस्ट विभाग जंगल का जनाजा निकालने पर तुले हैं