मनीष कौशिक मोहला
मोहला:– छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के वरिष्ठ आरक्षकों को छत्तीसगढ़ शासन गृह मंत्रालय द्वारा भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत तीन वर्ष तक सजा वाले आपराधिक मामलों की विवेचना का अधिकार के सम्बंध में जारी अधिसूचना के परिपालन में पुलिस अधीक्षक वाय पी सिंह के निर्देशन में दिनांक 07.08.2024 दिन बुधवार को जिला मोहला मॉनपुर अम्बागढ़ चौकी के 25 वरिष्ठ आरक्षकों को पुलिस अधीक्षक कार्यालय मोहला के मीटिंग हॉल में अपराध विवेचना के सम्बंध में प्रशिक्षण दी गई। जिन आरक्षक ने पुलिस विभाग में 10 वर्ष की सेवा निर्विवाद रूप से पूरी कर ली है, उन्हें वरिष्ठ आरक्षक की श्रेणी में रखा गया है। जिले में ऐसे 103 आरक्षक पदस्थ हैं, उनके लिए वरिष्ठ आरक्षक अपराध विवेचना प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित की गई है प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत आगामी तीन दिनों तक तीन वर्ष तक के सजा के प्रावधान वाले प्रकरणों की अपराध विवेचना का प्रशिक्षण दी जाएगी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ दिनाँक 07.08.2024 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय मोहला मीटिंग हॉल में पुलिस अधीक्षक श्री वाय पी सिंह द्वारा किया गया। पुलिस अधीक्षक महोदय ने अपने उद्बोधन में विभाग के इस प्रयास से विवेचना कार्य में तेजी आने और वरिष्ठ आरक्षकों को उनके व्यवसायिक दक्षता के लिए प्रोत्साहन मिलने तथा आम जनता को न्याय मिलने में अकारण विलम्ब नही होगा बताये। इस मौक़े पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री मयंक गुर्जर, श्री पीताम्बर पटेल, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अम्बागढ़ चौकी श्री अर्जुन कुर्रे, रक्षित निरीक्षक भुनेश्वर कश्यप, निरीक्षक अश्विनी राठौर थाना प्रभारी अम्बागढ़ चौकी उपस्थित थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मलित वरिष्ठ आरक्षकों को पुलिस अनुविभागीय अधिकारी अंबागढ़ चौकी श्री अर्जुन कुर्रे और थाना प्रभारी श्री अश्वनी राठौर ने अपराध विवेचना के आदर्श प्रारूप एफ आई आर, धटना स्थल निरीक्षण व मौका नक्शा, जप्ती प्रक्रिया, गिरफ्तारी की प्रक्रिया/ सावधानी तथा अभियोगपत्र/ चालान तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने की चरणबद्ध प्रक्रिया के सम्बंध में प्रशिक्षण दिया। आगामी दिवस मे थाना प्रभारी गोटाटोला निरीक्षक संदीप टोप्पो, चौकी पाटन खास प्रभारी उप निरीक्षक सुरेंद्र नेताम, उप निरीक्षक संजय मेरावी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाना हैं भारतीय न्याय संहिता के इन मामलों का वरिष्ठ आरक्षक कर सकेंगे विवेचना भारतीय न्याय संहिता की धारा 115,296,351 (सामान्य मारपीट – 294, 506 IPC), धारा 281,125A, 125B ( सडक दुर्घटना के मामले 279, 337, 338 IPC), धारा 77,78,79 (छेड़खानी के मामले 354, 509 IPC) धारा 324A, 325 (रिष्टि के मामले 425, 426, 427,428, 429 440 IPC) इत्यादि मामलों की जाँच/विवेचना और इसके अलावा ऐसे मामले जिसमे तीन साल तक सजा का प्रावधान है, वरिष्ठ आरक्षकों से विवेचना कराया जा सकता है।