विधायक विक्रम मंडावी ने वीर आदिवासी योद्धा बाबूराव सडमेक की 12 फिट ऊँची प्रतिमा का किया आवरण,,, ,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,

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विधायक विक्रम मंडावी ने वीर आदिवासी योद्धा बाबूराव सडमेक की 12 फिट ऊँची प्रतिमा का किया आवरण,,,

,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,

लिंगापुर में बापूराव सडमेक की प्रतिमा आवरण कार्यक्रम पर बड़ी संख्या में जिले के लोग हुए इकट्ठा

बीजापुर,,,

मंगलवार को भोपालपटनम के ग्राम लिंगापुर में वीर आदिवासी योद्धा बापूराव सड़मेक की जयंती के अवसर पर बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी ने वीर आदिवासी योद्धा बापूराव सड़मेक के 12 फिट ऊँची प्रतिमा का अनावरण किया है। प्रतिमा का निर्माण विधायक निधि से की गई है जिसकी लागत 10 लाख रुपये है। प्रतिमा का निर्माण गाँव के मुख्य चौक पर किया गया है।
वीर आदिवासी योद्धा शहीद बाबूराव सडमेक भारतीय इतिहास के सन 1857 का प्रथम स्वस्तंत्रता संग्राम में अग्रेज हुकूमत की नींव को हिलाकर रख दिया था। उनका जन्म 12 मार्च 1833 को महाराष्ट्र के चंदा जिले के आहेरी के किश्तपुर में उनका हुआ था ।उनके पिता के वे सबसे बड़े पुत्र थे बाबूराव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घोटुल में प्राप्त की और बाद में उन्हें अंग्रेजी शिक्षा के लिए रायपुर भेज दिया गया। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वह मोलमपल्ली लौट आये और 18 वर्ष की उम्र में उनका विवाह राज कुँवर से हो गया। बाबूराव सडमेक का जीवन और विदेशी शासन के खिलाफ उनका विद्रोह आज भी आदिवासी समुदाय द्वारा मनाया जाता है। उनकी वीरता की निशानी के रूप में उनका जन्म और पुण्यतिथि प्रतिवर्ष मनाई जाती है। वीर सडमेक मात्र 25 वर्ष की आयु में गोंडवाना साम्राज्य के जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए ब्रिटिश हुकूमत के सामने बहादुरी के साथ लड़े। अंग्रेजों ने उन्हें ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह का दोषी मानते हुए  21 अक्टूबर 1858 को उन्हें चंदा जेल में फाँसी दे दी गई।
विधायक विक्रम मंडावी ने वीर आदिवासी योद्धा शहीद बाबूराव की जयंती पर उनका नमन करते हुए कहा कि “आज का दिन आदिवासियों के लिए गर्व का दिन है की हम सब एकत्रित होकर वीर आदिवासी योद्धा शहीद बाबूराव की जयंती पर उन्हें नमन कर उनकी विशालकाय प्रतिमा का अनावरण किए है। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलते आवश्यकता है।”

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