*पारा नदी पर सालों पहले स्टॉप डैम तो बना दिया गया, डैम के गेट नहीं , पानी बहकर जा रहा,इस डैम का रख रखाव नहीं किया जा रहा, डैम से दो गांव के किसान चिंतित,,*,,,,,,,,,,,,,,,,,*आर, एल, कुलदीप की रिपोर्ट*

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*पारा नदी पर सालों पहले स्टॉप डैम तो बना दिया गया, डैम के गेट नहीं , पानी बहकर जा रहा,इस डैम का रख रखाव नहीं किया जा रहा, डैम से दो गांव के किसान चिंतित,,*,,,,,,,,,,,,,,,,,*आर, एल, कुलदीप की रिपोर्ट*

दुर्गूकोंदल:::::::::::::::::::::::::::
परेशानी: मदले मूगुर पारा नदी पर बने स्टॉप डैम के गेट से बह रहा पानी, दो गांवों के किसानों को सिंचाई में होगी परेशानी। मदले नदी पर सालों पहले स्टॉप डैम तो बना दिया गया।

लेकिन इसका रख रखाव नहीं किया जा रहा है। जिससे डैम के गेट नहीं हैं। यहां बारिश का पानी तो जमा है। लेकिन गेट नहीं होने से पानी बहकर निकल रहा है।

जिससे किसान चिंतित है क्योंकि इस डैम से दो गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होता है। वहीं जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।किसानों का कहना है कि बारिश की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। अभी भी फसल लगा है डेम में गेट नहीं होने से पानी बह जाता हैं। अब रबी सीजन से उम्मीद थी।

लेकिन स्टॉप डैम की हालात को देखते हुए लगता है कि इस सीजन में भी नुकसान ही उठाना पड़ेगा। यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो गर्मी में लोगों को पानी के संकंट से जूझना पड़ सकता है।

किसान मानक लाल बढ़ाई, कन्हैया तराम, धानसिंग कोला,तुलाराम बढ़ाई, जमन भुवार्य,रजमन तराम, पुनीता बढ़ाई,जीवन दास आशाराम धुर्वा, ने बताया कि हम लोग मक्का, धान की फसलों पर निर्भर रहते हैं। फसलें इस बार खराब हो चुकी है। जिसे लेकर किसान परेशान है। मदले वा मुगूर पारा नदी स्टाप डेम पर गेट नहीं होने से पानी नहीं रुक पा रहा है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस समस्या की ओर ध्यान देकर इसे दुरुस्त कराए जाय।

गौरतलब है कि स्टाॅप डैम करीब 20 साल पहले बनाया गया था। इससे आसपास के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। ग्राम पंचायत सरपंच पराग बाई बढ़ाई का कहना है कि पंचायत डैम का मेंटनेंस करती है। लेकिन हमारी पास इतनी आय नहीं है कि नए गेट लगवा सके। इसलिए इसके लिए संबंधित अधिकारियों को किसानों का परेशानी दूर करें।

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