* आज से ग्राम भद्राकाली में मां भद्रकाली का भव्य मेला का आयोजन प्रारंभ *,,,,,,,,, ,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,,

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* आज से ग्राम भद्राकाली में मां भद्रकाली का भव्य मेला का आयोजन प्रारंभ *,,,,,,,,,

,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,,

भोपालपटनम,,,,,,,,,,,, हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर ग्राम भद्रकाली के पावन धरा पर मां भद्रकाली का भव्य मेला का आयोजन समारोह संपन्न होने जा रहा है। यह मेला दिनांक 13/2/2024 से 15/ 2/ 2024 तक आयोजित किया जाएगा। यह मेला स्थल भोपालपटनम मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे किनारे भद्रकाली ग्राम स्थित है ।यह मेला का कार्यक्रम दिनांक 13 /2/ 2024 दिन मंगलवार को गौतम कुंड (गौतम ऋषि )का तप स्थल से भद्रकाली मंदिर तक भव्य कलश यात्रा, देवी स्नान मंडपाछदन एवं घट स्थापना ,देवी पूजन लोकल नृत्य एवं शाम को चित्र पट का आयोजन किया जाएगा ।दिनांक 14 /2/.2024 दिन बुधवार को देवी पूजन हवन कार्यक्रम (पूर्णाहूति) माई जी का छत्र ग्राम भ्रमण (सायं काल 4:00 ) बजे रात्रि में लोकल नृत्य चित्रपट एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। दिनांक 15/ 2/ 2024 दिन गुरुवार को देवी पूजन बोनालू देवी नृत्य मन्नते समापन कार्यक्रम होगा ।इस मेले में छत्तीसगढ़ के अलावा तेलंगाना, महाराष्ट्र , के हजारों श्रद्धालु भक्तगण पहुंच कर माताजी से मन्नत मांगकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मां भद्राकाली का यह स्थल शक्ति पीठ के रूप में माना जाता है। भद्रकाली मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर त्रिवेणी संगम तीन नदियों का खूबसूरत नजर स्थल देखने को मिलता है। जिसे महर्षि का तप स्थल गौतम कुंड के नाम से जाना जाता है ।इस दिन हजारों श्रद्धालु संगम में पुण्य स्नान करते हैं। मेला कार्यक्रम के अंतिम दिन सुबह बोनालू होता है जिसका विशेष आकर्षण होता है। माई जी का ईस्ट प्रसाद गुड एवं चावल से खीर नया मटके में बनाया जाता है। उस मटका को फूल माला एवं चंदन हल्दी कुमकुम से सजाकर जिन्हें देवी आती हैं ,वह अपने सर पर लेकर बाजा गाजा के साथ पंडितों की वेद मंत्रों की गूंज एवम नृत्य के साथ मंदिर के चारों ओर परिक्रमा करते हैं। तत्पश्चात इस प्रसाद को भोग के रूप में माई जी को चढ़कर प्रसाद वितरण किया जाता है। इस मेले में हर दूसरे वर्ष के बाद तीसरे वर्ष में अग्नि कुंड का आयोजन किया जाता है, यह एक विशेष आकर्षक का कार्यक्रम होता है, जिसके लिए रात भर आग जलाकर सुबह सूर्य उदय से पहले उस अग्नि को गोलाकार में चारो ओर फैला कर दक्षिण भारत से आए हुए पंडितो के द्वारा अग्नि देव का पूजा पाठ वेद मंत्रों के साथ कर देवी देवताएं आए हुए भक्त और श्रद्धालू अग्नि में चलते हैं।इस मेले में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र ,तेलंगाना ,से खेल खिलौने एवं मिठाई के दुकान आते हैं। यह मेला कार्यक्रम प्रारंभ से लेकर अंतिम दिन तक निशुल्क भोजन की व्यवस्था मंदिर समिति के द्वारा किया जाता है। इस मेले में तीनों राज्यों के हजारों भक्तगण पहुंचकर माई जी का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। शासन प्रशासन इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में बनाया जाए तो यह भद्रकाली एक आकर्षक पर्यटन स्थल और तीनों राज्यों के लिए बहुत बड़ा तीर्थ स्थल व आस्था का केन्द्र के रूप में स्थापित किया जा सकता है।इसके लिए कई बार क्षेत्रवासियों ने शासन के सामने मांग भी उठाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ ।

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