राजीव गांधी किसान न्याय योजना से खुशहाल हुए जिले के किसान,,,,,,,,, ,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,

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राजीव गांधी किसान न्याय योजना से खुशहाल हुए जिले के किसान,,,,,,,,,

,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,

योजना लागू होने के बाद लगातार धान के रकबे में हुई वृद्धि

बीते पौने पांच वर्षों में किसानों के आमदनी में लगातार हुई वृद्धि

बीजापुर,,,,,,,,,,- छत्तीसगढ़ शासन के महत्वाकांक्षी योजना राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों के लिए वरदान साबित हुआ। बीते पौने पांच वर्षों में किसानों की आमदनी में निरंतर वृद्धि हुई। जिससे जिले के किसान खुशहाल नजर आने लगे, वर्ष 2019-20 में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान उपार्जन का उचित मूल्य प्रदान करने हेतु आदान सहायता के रुप में प्रति एकड़ की दर से 9 हजार रुपए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत दी जाने लगी। वर्ष 2019-20 में 988़9 किसान इस योजना से लाभान्वित हुये। वहीं लगातार प्रति वर्ष किसानों की संख्या मंे वृद्धि देखने को मिला जिसके अंतर्गत 2020-21 में 1883, 2021-22 में 3781 वहीं 2022-23 में 1997 किसानों की वृद्धि हुई जो राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लाभार्थी बने वहीं धान रकबे में भी निरंतर आशातीत वृद्धि प्रतिवर्ष हुआ। 2019 में 7063.5 हेेेक्टेयर, 2020-21 में 5996, 2021-22 में 5020 और वर्ष 2022-23 में 4909 हेेक्टेयर रकबा में वृद्धि हुई। इसी तरह प्रति हेक्टेयर उत्पादन में भी वृद्धि दर्ज की गई। राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2019-20 में शुरु हुई वहीं 2018-19 में योजना शुरु होने के पूर्व 66353 हेक्टेयर रकबा बढ़कर 2022-23 में 86210 हेक्टेयर हो चुका है। धान का उत्पादन 2018-19 में 59.400 हेक्टेयर में 97199 टन था जो 2022-23 में 75691 हेक्टेयर 1,72,424 टन का उत्पादन हो चुका है। विगत पौने पांच वर्ष 02 सहकारी बैंक शाखा ख्ुाले एवं धान खरीदी केन्द्र की संख्या 16 से बढ़कर 26 हो चुकी है। खरीफ धान के अलावा मक्का, कोदो-कुटकी, रागी, मूंग, उडद इत्यादि फसलों पर भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत आदान सहायता मिलने से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया। कृषि को बढ़ावा देने अन्नदाताओं को आत्मनिर्भर और खुशहाल करने जिले में 10 हजार से अधिक किसानों को 56.85 करोड़ की ऋण माफ हुई। वहीं 3459 किसानों का सिंचाई कर भी माफ होने से किसान अब उन्नति की ओर अग्रसर है। जिससे कृषि को एक नया स्वरुप मिला खेती किसानी के प्रति किसानों ने रुचि ली और कृषि यंत्रों, ट्रेक्टर इत्यादि की खरीदी में भी इजाफा देखने को मिला जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली।

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